अमन साव पंजाब के मोहाली में कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा कर रहा था। वर्ष 2012 में व 2 में वह छुट्टी पर घर आया था। उसी दौरान उसकी मुलाकात पतरातू के तू के रहने वाले कादिर अंसारी से हुई। उसने अगन को झारखंड संघर्ष जन मुक्ति मोर्चा के अपराधी कौलेश्वर गंझू
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करीब 3 महीने जेल में रहने के बाद 2013 में अमन साव जेल से बाहर निकला। जेल में रहने के दौरान ही अमन साव की मुलाकात सूरज सिंह और सुजीत सिन्हा से से हुई। जेल से निकलने के बाद उसने अपना पंजाब से डिप्लोमा कोर्स पूरा किया। अमन ने 2014 में बिरसा मार्केट पतरातू में मोबाइल की दुकान खोली। वर्ष 2014 में दुर्गा पूजा के समय भोला पांडेय गिरोह के किशोर पांडेय की जमशेदपुर में हत्या हो गई थी। उसकी मुलाकात टीएसपीसी के जोनल कमांडर सागर जी से हुई।
वह संगठन से जुड़ गया और उसके लिए काम करने लगा। अमन साव ने फेसबुक से सुजीत सिन्हा और सूरज सिंह सिंह से संपर्क किया। फिर दोनों को अमन ने पतरातू आने को कहा। जुलाई में दोनों पतरातू आए। फिर तीनों ने हैंदेगिर जाकर विक्की तिवारी और बसंत करमाली की गोली मारकर हत्या कर दी। फिर फिल्मी स्टाइल में दोनों की लाश को मालगाड़ी में डाल दिया और वहां से भाग निकले। उसका संपर्क इंटरनेशनल गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई से भी था। बड़ा सवाल है कि उसे बढ़ाने वाला आका कौन है…?
अब झारखंड के 3 बड़े सिरदर्द बचे
जेल से पांडेय व श्रीवास्तव गिरोह तो विदेश से प्रिंस खान मांग है रंगदारी
1 प्रिंस खान पर 60 से अधिक मामले है दर्जः फरार प्रिंस खान उर्फ हैदर अली पर धनबाद में अलग अलग थानों सहित अन्य कई थानों में 60 से अधिक मामले दर्ज है। उसपर हत्या, रंगदारी वसूलने व आर्म्स एक्ट में मामले दर्ज है। झारखंड पुलिस के लिए प्रिंस खान सिर दर्द व चुनौती बना हुआ है। क्योंकि वह भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहा है।
2 हजारीबाग जेल से . विकास तिवारी चला रहा
गिरोह : जेपी केंद्रीय कारा हजारीबाग में सजायाफ्ता पतरातू निवासी पांडेय गिरोह के सरगना गैंगस्टर विकास तिवारी है। हजारीबाग जेल में विकास तिवारी गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव हत्या मामले में सजा काट रहा है। वह जेल से ही अपना गिरोह चला रहा है। पुलिस को इस संबंध में जानकारी भी मिली है। विकास तिवारी के विरुद्ध भी करीब 20 मामले अलग अलग थानों में दर्ज है।
3 श्रीवास्तव गिरोह .के सरगना अमन श्रीवास्तव पर 26 मामले : श्रीवास्तव गिरोह का सरगना अमन श्रीवास्तव भी जेल में बंद है। वह भी जेल से अपना गिरोह चला रहा है। पुलिस की नजर उसपर भी है। अमन श्रीवास्तव पर 26 मामले हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट के दर्ज है। जेल से उसकी गतिविधियों पर भी पुलिस की नजर है कि वह क्या कर रहा है। ताकि उसपर लगाम लगाया जा सके।