होली के दौरान मिठाइयों और पनीर की खपत कई गुना बढ़ जाती है। मावा से बनी मिठाइयों की सबसे ज्यादा डिमांड होती हैं। डिमांड बढ़ने के कारण कुछ दुकानदार अधिक मुनाफा कमाने के लालच में मिलावटी पनीर बेचते हैं, जो सेहत को नुकसान करते हैं। इसे खाने से गंभीर बीमा
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पटना में इसका कारोबार सबसे अधिक है। बाजार में दूध से बने पनीर की कीमत 360 रुपए से लेकर 400 रुपए प्रति किलो तक है। वहीं, पाउडर से बने पनीर 160 रुपए किलो बेचे जा रहे हैं।
सरसों तेल की कीमत 200 रुपए प्रति लीटर है, वहीं पाम ऑयल के साथ मिक्स सरसों तेल को 140 रुपए प्रति लीटर बेचा जा रहा है। तेल में झांस के लिए अमोनियम नाइट्रेट मिलाया जा रहा है, जो हेल्थ के लिए काफी ज्यादा हानिकारक है।
इस स्पेशल स्टोरी में बात करेंगे कि मिलावटी पनीर, खोवा और सरसों तेल की पहचान कैसे करें…
पहले जानिए FSSAI की गाइडलाइन
पनीर बनाने के लिए 50% फैट जरूरी है। अगर इससे कम फैट का पनीर तैयार किया जा रहा है तो उसे पैक करके और लो फैट पनीर बताकर बेचना होगा। मिल्क पाउडर से पनीर तैयार नहीं किया जा सकता है।
मावा को भी पूरी तरह से दूध से ही बनाना है। मावा में स्टार्च के लिए आलू या शकरकंद और मिल्क पाउडर मिलाने की परमिशन नहीं है।
सरसों तेल में नमी की मात्रा भार के हिसाब से 7.0% से अधिक नहीं होनी चाहिए। इसमें किसी भी तरह का केमिकल, खासकर अमोनियम नाइट्रेट नहीं मिला होना चाहिए। सरसों तेल में किसी तरह की मिलावट करके नहीं बेच सकते हैं।
पाउडर दूध से पनीर तैयार करना कानूनी गलत
पटना के फूड सेफ्टी ऑफिसर (FSO) अजय कुमार ने बताया, ‘पनीर बनाने के दौरान मिलावटी पनीर में कभी 28% तो कभी 10% फैट देखा जाता है, जो FSSAI के स्टैंडर्ड्स के अनुरूप नहीं है। अगर कोई पनीर तैयार करके, उसे सील और पैक करके लो फैट पनीर के नाम से बेचे तो वह गलत नहीं है, लेकिन अगर खुले में झूठ बोलकर बेचे तो वह कानूनन गलत है।
वहीं, मिल्क पाउडर से पनीर तैयार करना पूरी तरह से अन ऑथराइज्ड है। मिल्क पाउडर से अगर पनीर तैयार किया जाएगा तो उसमें फैट बिल्कुल नहीं रहेगा। इसे कंपनसेट करने के लिए घी या पाम ऑयल जैसे फैट मिलाए जाते हैं, जो काफी हानिकारक होता है। वह नेचुरल पनीर नहीं कहलाएगा। मावा बनाने में कई लोग आलू या शकरकंद जैसा स्टार्च मिलाते हैं। उसमें भी दूध पाउडर मिलाया जाता है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। मावा को शुद्ध रूप से दूध से ही बनाया जाना चाहिए।

सरसों तेल में किसी तरीके की मिलावट नहीं की जा सकती है। खासकर केमिकल मिलाना एकदम गैरकानूनी है। कई सरसों तेल में पॉम ऑयल मिलाया जाता है। अगर पॉम ऑयल लंबे समय तक गर्म करके इस्तेमाल किया जाता है तो उसकी गुणवत्ता कम हो जाती है और उससे कई तरह की बीमारियां होती है। इसकी गुणवत्ता को जानने के लिए टोटल पोलर कंपाउंड मेजरिंग इक्विपमेंट मशीन होती है। अगर इसकी सुई 25 से ऊपर जाती है, यानी तेल खराब हो चुका है।

500 किलो मिलावटी पनीर बरामद
फूड सेफ्टी ऑफिसर (FSO) अजय कुमार ने बताया कि इस होली सीजन में पटना में अब तक मनेर, सबलपुर, दानापुर, बिहटा, फतुहा, खुसरूपुर में छापेमारी की गई है और 500 किलो तक मिलावटी पनीर को बरामद किया गया है।

मिलावट पर क्या होगी सजा
इसमें दो तरह के केस होते हैं- एक सिविलियन केस और दूसरा क्रिमिनल केस। सिविलियन केस में सिर्फ फाइन होता है। मिस ब्रांड में 3 लाख, सब स्टैंडर्ड में 5 लाख, मिस लीडिंग में 10 लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, क्रिमिनल केस में अनसेफ मामले होते हैं, जिसमें 10 लाख रुपए का जुर्माना और छह साल से लेकर आजीवन कारावास का प्रावधान है।