मध्य प्रदेश के 2025-26 के बजट में प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर को सबसे अधिक बजट मिलने की संभावना है। इसमें सबसे ज्यादा 14 हजार103 करोड़ रुपए इन्फ्रास्ट्रक्चर और 8 हजार 965 करोड़ रुपए शिक्षा क्षेत्र में आवंटित किए जाने का अनुमान है।
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इसके अलावा, नगरीय विकास के लिए कुल 18 हजार 744 करोड़ रुपए में से 7 हजार 497 करोड़ रुपए, जबकि कृषि क्षेत्र के लिए 4 हजार136 करोड़ रुपए इंदौर को मिलने की उम्मीद है।
प्रदेश सरकार द्वारा किए जाने वाले पूंजीगत व्यय, जिसमें सभी निर्माण प्रोजेक्ट, सड़कें, हाईवे आदि शामिल हैं, का 20% बजट इंदौर को मिल सकता है। इस आधार पर, 85 हजार 076 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय में से लगभग 17 हजार करोड़ रुपए इंदौर पर खर्च होने की संभावना है।
वहीं, अन्य राजस्व व्यय (जिसमें योजनाओं के तहत वितरित राशि, वेतन, संचालन लागत आदि शामिल हैं) का 15% हिस्सा इंदौर को मिलने की संभावना है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर के बड़े प्रोजेक्ट
इंदौर को कई नए इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट मिलने की उम्मीद है, जिसमें बीआरटीएस पर बनने वाले ब्रिज और दो एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल हैं। इसके अलावा, सिंहस्थ 2028 के लिए 2 हजार 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें से इंदौर को 20% यानी 401 करोड़ रुपए मिलने की संभावना है।
औद्योगिक विकास के लिए ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, पर्यटन, कौशल विकास, फार्मा, अक्षय ऊर्जा और वेयरहाउसिंग से जुड़े प्रावधानों का लाभ भी इंदौर को मिलेगा। इससे औद्योगिक विकास और सेवा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा, जिससे इंदौर की जीडीपी में 10% तक की वृद्धि हो सकती है।
पहली बार देवी अहिल्या बाई के नाम पर योजना
एमपी सरकार ने पहली बार अपने बजट में देवी अहिल्या बाई के नाम से योजना शुरू की है। देवी अहिल्या बाई कौशल विकास कार्यक्रम के तहत 25 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई है, जिसमें से इंदौर को 5 करोड़ रुपए मिलने की संभावना है।
गीता भवन के लिए 100 करोड़ रुपए
धार्मिक ग्रंथों, साहित्य और वैज्ञानिक अनुसंधान के प्रति घटती रुचि को सुधारने के लिए सर्व-सुविधायुक्त वैचारिक अध्ययन केंद्र के रूप में गीता भवन स्थापित किए जाएंगे। इसमें लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी, सभागार और साहित्य बिक्री केंद्र होंगे। इसके लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें से इंदौर को 20% यानी 20 करोड़ रुपए मिल सकते हैं।
भोपाल-इंदौर हाईवे पर दो बड़े फ्लाईओवर
बजट में तीन नए फ्लाईओवर को मंजूरी दी गई है, जिनमें से दो बड़े फ्लाईओवर भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे पर बनाए जाएंगे:
- फंदा के पास – 37.70 करोड़ रुपए की लागत
- सूखी सेवनिया के पास – 48.58 करोड़ रुपए की लागत
इन फ्लाईओवरों के बनने से भोपाल से इंदौर का सफर अधिक सुगम और तेज हो जाएगा।
इंदौर के दो मंत्रियों को 27 हजार 944 करोड़ रुपए का बजट
इंदौर के दो मंत्रियों को बजट में कुल 27 हजार 944 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो पिछले साल के मुकाबले 16% अधिक है। पिछले बजट में यह राशि 23 हजार 900 करोड़ रुपए थी।
- नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को 18,744 करोड़ रुपए मिले हैं (पिछले साल 16,714 करोड़ रुपए)।
- जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को 9,196 करोड़ रुपए मिले हैं (पिछले साल 7,248 करोड़ रुपए)।
इंदौर को मिलने वाली अनुमानित राशि
सेक्टर | प्रदेश का बजट | इंदौर के हिस्से अनुमानित | राशि |
इंफ्रास्ट्रक्चर | 70 हज़ार | 20% | 14 हज़ार |
शिक्षा, युवा कल्याण | 44 हजार | 20% | 8 हज़ार |
नगरीय विकाश | 18 हज़ार | 40% | 7 हज़ार |
महिला विकाश | 50 हजार | 10% | 5 हजार |
रोजगार | 4 हज़ार | 30% | 1200 |
कृषि | 39 हज़ार | 10% | 3 हज़ार 900 |
एमएसएमई | 1250 करोड़ | 20% | 280 |
पीसीसी चीफ बोले- सरकार कर्ज बढ़ाकर बजट दिखा रहे
विधायक और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि “मध्य प्रदेश की डबल इंजन सरकार प्रदेश के समग्र विकास के प्रति संकल्पित है। निरंतर बढ़ती आर्थिक समृद्धि राज्य की प्रगति का प्रमाण है। वर्तमान में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 52 हजार रुपए से अधिक हो चुकी है, जो यह दर्शाता है कि मध्य प्रदेश विकास की अविरल धारा में निरंतर अग्रसर है।”
सांवेर विधायक और मंत्री तुलसी सिलावट ने बजट को “मध्य प्रदेश की प्रगति का बजट” बताते हुए ट्वीट किया – “यह हर वंचित और हर वर्ग के हित में बनाया गया बजट है।”
पीसीसी चीफ और राऊ के पूर्व विधायक जीतू पटवारी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा – “जब सरकार बजट पेश कर रही है, तब वह 5,000 करोड़ रुपए का कर्ज भी ले रही है। सरकार केवल कर्ज बढ़ाकर बजट दिखाना चाहती है ताकि उधारी की सीमा बढ़ सके। योजनाओं का केवल 20-30% ही खर्च होता है, बाकी भ्रष्टाचार में चला जाता है।”
सांसद शंकर लालवानी ने कहा – “इंदौर लगातार स्वच्छता में नंबर 1 बना हुआ है और अब यह आधारभूत संरचना, औद्योगिक प्रगति और व्यापार के मामले में भी देश का अग्रणी शहर बनने की ओर अग्रसर है।”