भिंड जिले के मेहगांव की अदालत ने अवैध हथियार की तस्करी किए जाने के मामले में एक आरोपी को दोषी करार दिया। आरोपी को तीन साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई। वहीं, 3 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया। न्यायालय में ये मामला सात साल चला। न्यायालय ने आरोपी के खि
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ऐसे पकड़ा था आरोपी
दरअसल मामला यह है कि 28 मई 2018 को थाना अमायन के उपनिरीक्षक यतेन्द्र सिंह भदौरिया को सूचना मिली कि अंधियारी चौराहे पर एक व्यक्ति सफेद बोरी में अवैध हथियार लिए किसी का इंतजार कर रहा है। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर बताए गए हुलिए के व्यक्ति को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वह भागने लगा। पुलिस बल ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी कम्मोद सिंह (62) निवासी ग्राम मोरा, थाना पावई, जिला भिंड का रहने वाला था जो अवैध हथियारों की खैप को बेचने की फिराक में घूम रहा था।
बोरी से बरामद हुए हथियार जब पुलिस ने आरोपी को पकड़ा और उसकी तलाशी ली। तब आरोपी की बोरी से एक 315 बोर की बंदूक, 4 अधियां (छोटी बंदूक), 10 कट्टे और 5 जिंदा कारतूस बरामद हुए। जब आरोपी से इन हथियारों का लाइसेंस मांगा गया, तो वह कोई दस्तावेज पेश नहीं कर सका। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
सबूतों के आधार पर दी सजा मामले की सुनवाई के दौरान सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रवीण सिकरवार ने ठोस तर्क और साक्ष्य पेश किए। अभियोजन पक्ष की दलीलों से सहमत होकर न्यायालय ने आरोपी को आयुध अधिनियम की धारा 25(1-ख)क के तहत दोषी मानते हुए 3 साल के सश्रम कारावास और 3 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।