‘गलत काम किया है तो कानून के तहत उसे सजा मिलनी चाहिए। कोई भी लड़की हो, सब एक जैसी हैं। अगर हमारे साथ भी ऐसा होता, तो हमें भी तकलीफ होती। ऐसा नहीं होना चाहिए था। मैंने और मेरे माता-पिता ने भाई से नाता तोड़ लिया है। अब न तो मैं उसकी बहन हूं और न वो उसके
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शिल्पा कर्नाटक के हम्पी में हुए गैंगरेप के आरोपी सरना बसव की बहन हैं और वारदात के बाद से भाई से बहुत गुस्सा हैं। सरना पर आरोप है कि 6 मार्च को उसने दो साथियों के साथ सनापुर झील के किनारे एक इजराइली टूरिस्ट और एक होमस्टे ओनर के साथ गैंगरेप किया। वारदात रात करीब 10:30 बजे हुई। आरोपियों ने बीच-बचाव कर रहे एक इंजीनियर की हत्या भी कर दी।
दोनों विक्टिम महिलाएं नहर के किनारे बैठी थीं। उनके साथ 3 टूरिस्ट भी थे। इनमें से एक डेनियल अमेरिका से था, जबकि पंकज महाराष्ट्र और बिभास ओडिशा से था। आरोपियों ने गैंगरेप से पहले तीनों को नहर में धकेल दिया था। डेनियल और पंकज तैरकर बाहर आ गए, जबकि बिभास की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया है। तीनों गंगावती के रहने वाले हैं।
आरोपियों के बैकग्राउंड की पड़ताल करने दैनिक भास्कर की टीम गंगावती पहुंची। तीनों के मकान पर ताले लगे मिले। पड़ोसियों ने बात करने से मना कर दिया। फिर हमने आरोपियों का परिवार तलाशा। आरोपी सरना बसव और साई चेतन की फैमिली बात करने को राजी हुई। वे पिछले करीब एक हफ्ते से घर से गायब हैं। सोर्सेज की मानें तो लोकल लोगों के गुस्से से बचाने के लिए पुलिस ने उन्हें सेफ हाउस में रखा था।
भाई ने सब बर्बाद कर दिया, हमारा उससे कोई रिश्ता नहीं सरना बसव की बहन शिल्पा काफी समझाने के बाद बात करने को राजी हुईं। वे कहती हैं, ‘मेरा एक भाई अप्पू दिव्यांग है। मां बीमार रहती हैं। वो पास के गांव में एक स्कूल में काम करती हैं। इस घटना के बाद हमारी मदद के लिए कोई आगे नहीं आया। मेरे सगे चाचा ने भी कुछ नहीं किया।‘
‘मेरा पूरा परिवार ये मानता है कि भाई ने जो किया, उसकी सजा उसे मिलनी चाहिए। हम मुश्किल से गुजारा कर रहे थे, लेकिन मेरे भाई ने सब बर्बाद कर दिया। वो अक्सर शराब पीकर घर आता था। मैंने उसे कई बार समझाया, लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी।‘

पुलिस ने साई चेतन और मल्लेश को 9 मार्च को अरेस्ट कर लिया था, जबकि तीसरे आरोपी सरना बसव को 10 मार्च को चेन्नई से गिरफ्तार किया।
बहन बोली-पूरे परिवार को जान का डर, इसलिए घर से थे गायब शिल्पा आगे कहती हैं, ‘घटना के बाद से पूरा परिवार डरा हुआ है। हमें डर है कि लोकल लोग हम पर हमला न कर दें। इसलिए हम पिछले एक हफ्ते से घर में ताला लगाकर दर-दर भटक रहे थे। हम चाहते हैं कि कानून हमें भी सुरक्षा दे। पूरे परिवार को जान का डर सता रहा है।‘
‘साई चेतन और मल्लेश गंगावती शहर में राजमिस्त्री का काम करते थे। जबकि सरना बसव इनके साथ ही मजदूरी करता था। तीनों अच्छे दोस्त थे और अक्सर शाम को शराब पीकर हंगामा किया करते थे। इनमें से एक आरोपी हांडी मल्लेश को आज से 10 दिन पहले चोरी के एक मामले में पकड़ा भी गया था। हालांकि सबूतों के अभाव में पुलिस ने उसे छोड़ दिया था।‘

मां बोलीं- बेटा गलत संगत में था, हम उसकी शादी को लेकर परेशान थे सरना बसव पर लगे आरोपों पर हमने उसकी मां शानतम्मा से बात की। वे कहती हैं, ‘मेरा बेटा शायद गलत संगत में पड़ गया। वो पूरी तरह से दोषी नहीं है। हमारे आर्थिक हालात बहुत खराब हैं। हम उसकी शादी को लेकर परेशान थे।‘
‘मैंने अपने बेटे को पढ़ाया-लिखाया, लेकिन नौकरी नहीं मिली। वो मजदूरों को लाने-ले जाने का काम करने लगा। वारदात वाले दिन भी वो मजदूरों को लेने गया था। पेट्रोल खत्म होने के कारण वहीं फंस गया। उसके आगे मुझे कुछ नहीं पता कि वहां क्या हुआ था।‘

मुझे शुगर और बीपी जैसी बीमारियां हैं। पति के पास भी कोई काम नहीं है। मैं एक स्कूल में काम करती हूं। वेतन बहुत कम है। छोटे से घर में हम बहुत सारे लोग रहते हैं।
वारदात की जानकारी के सवाल पर शानतम्मा कहती हैं, ‘बेटे ने मुझे कुछ नहीं बताया। पुलिस उसे पकड़कर ले गई। मैं उससे मिल भी नहीं पाई। उसने अगर गलती की है, तो सजा मिलनी चाहिए। अगर गलती नहीं की है, तो क्या होगा? हम इंसाफ चाहते हैं। उम्मीद करते हैं कि सच्चाई सामने आएगी।‘

दादी बोलीं- जेल से बाहर रहते हुए हमें अलग सजा भुगतनी है इसके बाद हम दूसरे आरोपी साई चेतन की दादी इररमा से मिले। गैंगरेप के केस में पोते को आरोपी बनाए जाने पर वे कहती हैं, ‘पुलिस ने घर से ही बच्चों को गिरफ्तार किया। तभी हमें पहली बार पता चला कि उसने कोई गुनाह किया है। वह मजदूरी कर परिवार का पेट पाल रहा था। हमें कभी ऐसा नहीं लगा कि वह ऐसा भी कर सकता है।‘
‘मेरे बेटे का पैर टूटा हुआ है। पिछले 15 दिन से बेंगलुरु में था। वो भी पेशे से मजदूर है। अब मेरा पोता ही घर में अकेला कमाने वाला था। वो स्वभाव से गुस्सैल है और अक्सर परिवार के बाकी लोगों से झगड़ा किया करता था। इन सबने क्या किया, वो हम नहीं जानते। हमने इन्हें अपनी आंखों से कुछ भी करते नहीं देखा।‘

‘अब साई से ज्यादा जेल से बाहर रहते हुए हमें भुगतना पड़ेगा। पड़ोसी बातचीत बंद कर चुके हैं। अब रिश्तेदारों ने भी आना कम कर दिया है।‘ ये कहते हुए इररमा रोने लगती हैं।
पड़ोसी बोले- ऐसे जानवर सलाखों के पीछे रहें तभी अच्छा गांव में तकरीबन एक घंटे तक रहने के दौरान हमने कुछ पड़ोसियों से भी बात करने की कोशिश की। कोई कैमरे पर बात करने को राजी नहीं हुआ। एक पड़ोसी ने सिर्फ इतना कहा- ‘तीनों ने इलाके का नाम खराब कर दिया। अब हमें भी अपनी बेटियों और बहुओं को लेकर डर लगने लगा है। न जाने ये कब उन्हें भी अपना शिकार बना लें। ऐसे जानवर सलाखों के पीछे ही रहने चाहिए।‘
विक्टिम बोली- रेप के बाद आरोपियों ने पत्थर से मारा रेप का शिकार हुई 29 वर्षीय होमस्टे ओनर ने पुलिस को बताया- ‘मैं अपने 4 गेस्ट्स के साथ डिनर करने के बाद तुंगभद्रा लेफ्ट बैंक नहर के किनारे गई थी। तभी 3 लोग बाइक से आए। पहले उन्होंने पूछा कि पेट्रोल कहां मिलेगा।
इसके बाद वे इजराइली महिला से 100 रुपए मांगने लगे। उसने पैसे देने से मना किया, तो आरोपियों ने हमला कर दिया। तीनों टूरिस्ट बीच बचाव करने आए तो आरोपियों ने उन्हें नहर में धक्का दे दिया।
‘पहले मुझे दो लोगों ने घसीटा। मेरा गला घोंटा और फिर एक के बाद एक रेप किया। मुझे बहुत ब्लीडिंग हो रही थी। उन्होंने मुझे पत्थरों से मारा और मेरा बैग छीन लिया। वे दो मोबाइल फोन और 9,500 रुपए कैश ले गए।‘
‘इसके बाद वे इजराइली महिला को जबरन वहां से ले गए। उसके साथ भी रेप किया। हम चीख रहे थे और रो रहे थे, लेकिन कोई हमें बचाने नहीं आया। वारदात के बाद तीनों आरोपी वहां से भाग गए।‘
घटना के बाद चारों ने पहले नदी में डूबे बिभास को खोजने की कोशिश की। इसके बाद वे अपने होमस्टे पहुंचे और पुलिस को घटना की जानकारी दी। पुलिस ने FIR दर्ज कर पीड़ितों को मेडिकल टेस्ट के लिए भेज दिया। विक्टिम्स ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि हमलावर कन्नड़ और तेलुगु बोल रहे थे। वे आरोपियों की पहचान कर सकते हैं।

वारदात के बाद 4 लोगों को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि ओडिशा के शख्स की मौत हो चुकी है।
वारदात में डूबकर जान गंवाने वाले ओडिशा के टूरिस्ट ने मां से किया था वादा इस वारदात में जान गंवाने वाले ओडिशा के रहने वाले 29 साल के बिभास नायक ने 10 मार्च को आगरा में मां से मिलने का वादा किया था। नई दिल्ली के सेंट स्टीफंस अस्पताल में एचआर मैनेजर बिभास ट्रैवलिंग के शौकीन थे। उन्होंने भारत के कई राज्यों में साइकिल से यात्राएं की थीं। वे मूल रूप से ओडिशा के कंधमाल क्षेत्र के देराबदी गांव के रहने वाले थे।
एक फैमिली मेंबर ने बताया कि बिभास की मां ने वारदात वाली रात से दो दिन पहले उसे फोन किया था और आगरा आने के लिए कहा था। उसने मां को भरोसा दिलाया था कि वो 10 मार्च को आगरा पहुंच जाएगा। उनके रिश्तेदार कहते हैं, ’हमें यकीन नहीं हो रहा है कि अब वो नहीं रहे। उनकी मौत की खबर से पूरा परिवार सदमे में है।’

8 मार्च की सुबह बिभास का शव घटनास्थल से करीब दो किलोमीटर दूर नहर में पावर हाउस के पास मिला।
पुलिस ने घटना के बाद आसपास के सभी होमस्टे की जांच शुरू की इस केस को लेकर हमने एसपी एल अरासिद्दी से बात की। उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। पुलिस ने BNS 2023 की अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया है। इसमें हत्या की कोशिश, डकैती और रेप के आरोप शामिल हैं।
इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रात में गश्त तेज कर दी गई है और रिसॉर्ट्स की रेगुलर जांच कर रहे हैं। हम गश्त के दौरान NDPS किट का भी इस्तेमाल कर रहे हैं और नशे में घूम रहे लोगों पर कार्रवाई कर रहे हैं।
प्रशासन ने टूरिस्ट्स खासकर विदेशियों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए हैं। 117 से ज्यादा ऐसे होमस्टे की जानकारी मिली है, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं। प्रशासन ने सभी होमस्टे के लिए रजिस्ट्रेशन कम्पल्सरी कर दिया है। प्रशासन ने बिना परमिशन चल रहे होमस्टे मालिकों को नोटिस जारी किए हैं।

हम्पी में टूरिस्ट्स ने समय से पहले होटल छोड़े इस घटना का असर हम्पी की टूरिज्म इंडस्ट्री पर हुआ है। टूरिस्ट्स ने डर के माहौल में होटलों को समय से पहले खाली करना शुरू कर दिया है। कुछ टूरिस्ट्स ने बुकिंग रद्द कर दी है। होटल मालिक आरिफ बताते हैं, ‘पुलिस के साथ बैठक में सुरक्षा निर्देशों पर चर्चा हुई है, होटल मालिक उनका पालन करेंगे।‘

घटना कर्नाटक के लिए शर्मनाक है और इससे टूरिज्म पर बुरा असर पड़ेगा। सनापुर के युवा और होटल विभाग मिलकर पुलिस के साथ सहयोग कर रहे हैं। हम संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
होटल मालिक रामजनेय घटना पर दुख जताते हुए कहते हैं, ‘20 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ। होटल मालिकों ने मिलकर टूरिस्ट्स की सुरक्षा के लिए नए नियम बनाए हैं, जैसे- रात 8 बजे के बाद बाहर न जाना, समूहों में घूमना और अजनबियों से दूरी बनाए रखना।‘
होटल मालिक पर्यटकों को सुरक्षा नियमों के बारे में जानकारी दे रहे हैं और हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं।
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अयोध्या गैंगरेप विक्टिम की बहन बोली- मुआवजा नहीं, इंसाफ चाहिए

गैंगरेप केस को एक महीना बीत चुका है। उपचुनाव के नतीजे भी आ गए, लेकिन इलेक्शन खत्म होने के बाद आज तक कोई भी नेता विक्टिम की फैमिली का दर्द बांटने नहीं पहुंचा। पिता बेटी को याद कर भावुक हो जाते हैं। वहीं विक्टिम की बहन कहती हैं, ‘हमें मुआवजा भले मत दो, हम कमा खा लेंगे। बस आरोपियों को गोली मार दो।’ पूरी खबर पढ़िए…