ग्रेटरनोएडा शहर में लगाए जाएंगे कैमरे।
पब्लिक सेफ्टी और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण शहर में 2700 सर्विलांस कैमरे लगाने जा रहा है। ये कैमरे सेफ सिटी और इंटीग्रेटेड सिक्यूरिटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईएसटीएमएस) के तहत लगाए जाएंगे। इसके लिए करीब 227 करोड़ रुपए खर्च किए
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फेस डिटेक्शन कैमरे से होगा बदमाशों का वेरीफिकेशन
इस तरह के लगाए जाएंगे कैमरे
- नंबर प्लेट की पहचान के लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निजेशन (एएनपीआर) कैमरे।
- सड़क पर ट्रैफिक घनत्व के हिसाब से नियंत्रित करने के लिए एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाया जाएगा। ये रियल टाइम ट्रैफिक के अनुसार काम करेगा।
- रेड लाइन का उल्लंघन करने वालो के लिए आरएलवीडी कैमरे
- हाईस्पीड डिटेक्ट करने के लिए एसवीडी और यातायात उल्लंघन का पता लगाने वाली प्रणाली (टीवीडीएस) शामिल होंगे।

नोएडा के आईएसटीएमएस से शहर के ट्रैफिक को देखते पुलिस कर्मी
सड़क पर लगेगा वीएमडी
ट्रैफ़िक की स्थिति, सड़क बंद होने, ऑप्शनल मार्गों और आपातकालीन अलर्ट के बारे में यात्रियों को सूचित करने के लिए प्रमुख जंक्शन पर वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले (वीएमडी) बोर्ड भी लगाए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी अभिषेक पाठक ने कहा, “सार्वजनिक सुरक्षा के लिए क्रासिंग पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी) लगाए जाएंगे। ये ईसीबी लोगों को सीधे इमरजेंसी टीम से कनेक्ट कर देगी। इसके अलावा भीड़ भाड़ वाले इलाकों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम (PAS)भी लगाए जाएंगे।
ग्रेनो के सभी पुलिस स्टेशन होंगे एलईडी अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा को फोकस करना है। इसके लिए प्रमुख स्थानों पर पिंक बूथ बनाए जाएंगे। ग्रेटर नोएडा के सभी नौ पुलिस स्टेशनों को भी सर्विलांस नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। प्रत्येक पुलिस स्टेशन में शहर के CCTV कैमरों से लाइव फ़ीड मिलेगी। निगरानी के लिए चार 40-इंच की LED स्क्रीन प्रत्येक स्टेशन पर होगी।

थाने में कुछ इस तरह की एलईडी स्क्रीन लगाई जाएंगी।
ग्रीन कारीडोर बनाने में सक्षम इस सिस्टम के जरिए हम ग्रेटर नोएडा में किसी भी आपात स्थित में ग्रीन कारीडोर बनाने में सक्षम होंगे। इसके लिए एक साथ मुख्य सड़को को ग्रीन लाइट या ट्रैफिक को डायवर्ट कर एम्बुलेंस , दमकल की गाड़ी व अन्य वाहनों को रास्ता दिया जा सकेगा। जिससे उन्हें भीड़भाड़ में फंसे बिना अपने गंतव्य तक तेजी से पहुंचने में मदद मिलेगी। प्राधिकरण ने इस योजना के लिए आरएफपी जारी की है। संचालन करने के इच्छुक कंपनियां चार अप्रैल तक आवेदन कर सकती है।