बीते मंगलवार को जालंधर ईडी द्वारा 11 युवाओं से पूछताछ की गई थी। जोकि डिपोर्ट होकर भारत लौटे थे।
पंजाब के जालंधर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों के बाद जांच तेज कर दी है। बीते दिन मंगलवार को जालंधर ईडी ने 11 ऐसे लोगों से पूछताछ की, जोकि अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारत लौटे थे। सभी से जालंधर ईडी ने उनके विदेश जान
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पूछताछ में मुख्य टारगेट फर्जी एजेंटों से सब एजेंट थे
मिली जानकारी के अनुसार पंजाब पुलिस ने बीते कुछ समय में कई ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामले दर्ज की और कुछ को गिरफ्तार भी किया। मगर ईडी उक्त सारे मामले की जड़ तक जाने की कोशिश में है। जैसे की फर्जी ट्रैवल एजेंट गिरफ्तार होगा तो उनके नीचे वाले लोग यही काम शुरू कर देंगे।
ऐसे में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट आरोपियों उनके सब एजेंट और उक्त फर्जी एजेंटों तक पहुंचने के जरिए की तलाश कर रही है। क्योंकि फर्जी ट्रैवल एजेंट तो गिरफ्तार हो जाएगा। मगर उक्त मामले की जड़ फिर भी रह जाएगी। ऐसे में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट इस वक्त सब एजेंटों के बारे में भी पूछताछ कर रही है। जिससे उक्त कड़ी को जांच के बाद जड़ से खत्म किया जाए।
सभी विमानों की लैंडिंग अमृतसर एयरपोर्ट पर करवाई गई थी। जिसके बाद वहां से पंजाब और हरियाणा के युवाओं को बाहर भेजा गया।
कई सरपंच और पंच के नाम भी युवकों की पूछताछ में आए सामने
बता दें कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट की पूछताछ में एक नई बात पता चली है। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट को जांच में पता चला है कि पंजाब सहित अन्य राज्यों के कई केसों में सरपंच और पंच के जरिए लोग फर्जी ट्रैवल एजेंटों तक पहुंचे थे। ऐसे में उक्त कड़ी भी एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट के रडार है।
जिससे उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया जाए। क्योंकि उसके आगे विदेश में इनकी क्या कड़ी है, उस पर भी जांच आगे बढ़ाई जा सके। एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट फिलहाल मामले में ऐसे सरपंच और पंचों का डेटा तैयार कर रही है। जिसके बाद मामले में एक्शन शुरू किया जाएगा। साथ मामले में पैसों के लेनदेन कैसे हुए सहित अन्य कई पहलुओं पर जांच हो रही है।

सभी युवाओं को अमेरिकी सेना के विमान में भारत भेजा गया था।
डंकी रूट का खर्चा 50 से 70 लाख रुपए
भारत से एक डंकी के अमेरिका पहुंचने का औसत खर्च 20 से 50 लाख रुपए है। कभी-कभी ये खर्च 70 लाख तक पहुंच जाता है। एजेंट वादा करता है कि डंकी को कम परेशानी झेलनी पड़ेगी, लेकिन असल में ऐसा कुछ नहीं होता। ज्यादातर पेमेंट तीन किस्तों में होती है। पहली भारत से निकलने पर, दूसरी कोलंबिया बॉर्डर पहुंचने पर, तीसरी अमेरिकी बॉर्डर के पास पहुंचने पर। पैसों का भुगतान नहीं होने पर एजेंटों के गिरोह मैक्सिको या पनामा में डंकी की हत्या करके पीछा छुड़ा लेते हैं।