.
समर्थन मूल्य पर चना विक्रय करने के लिए पंजीयन कराने का सोमवार को आखरी दिन है। बावजूद इसके किसान चने का पंजीयन नहीं करा पा रहे हैं। भैरूंदा व बुदनी क्षेत्र में फसल गिरदावरी सही नहीं होने का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। पटवारियों द्वारा गेहूं के जगह चना व चने के स्थान पर गेहूं फसल पोर्टल पर दर्ज कर दी गई है, जिससे कई ऐसे किसान हैं, जो परेशान हो रहे हैं। चना पंजीयन की अंतिम तिथि होने के बावजूद भी किसानों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। आज ऐसे किसानों के लिए अंतिम अवसर हैं। वह अपना पंजीयन बदलवा सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले साल समर्थन मूल्य पर चना बेचने के लिए 6220 किसानों ने पंजीयन कराया था, लेकिन इनकी संख्या अब तक महज 3220 तक ही पहुंच सकी है। इससे माना जा रहा है कि इस साल सरकारी केंद्रों पर चने का उपार्जन कम हीं होगा। वहीं बात यदि गेहूं पंजीयन की करें तो यहां पर भी पिछले साल के मुकाबले 800 किसानों ने अपना पंजीयन अब तक नहीं कराया है।
समर्थन पर खरीदी शुरू, लेकिन केंद्रों का निर्धारण नहीं समर्थन मूल्य पर 15 मार्च से गेहूं की खरीदी शुरू हो चुकी है, लेकिन क्षेत्र में अब तक केंद्रों का ही निर्धारण नहीं हो पाया है। रविवार को जारी आदेश के तहत भैरूंदा ब्लॉक में 23 केंद्र गेहूं खरीदी के लिए बनाए गए हैं, जिनकी संख्या पिछले साल की तुलना में 40 कम हैं। पिछले वर्ष 63 केंद्रों पर गेहूं का उपार्जन किया गया था।
गेहूं के उत्पादन में आई गिरावट, तापमान सबसे बड़ा कारण इस वर्ष देखने में आ रहा है कि मार्च माह में अचानक तापमान 38 डिग्री तक जा पहुंचा हैं, ऐसे में दिसंबर माह में गेहूं की बुआई करने वाले किसानों का गेहूं के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई है। क्षेत्र में रबी फसल की कटाई का दौर शुरु हो चुका है। प्रति एकड़ गेहूं का उत्पादन 18 से 20 क्विंटल निकल रहा है। हालांकि पिछले वर्ष भी प्राकृतिक आपदा के चलते गेहूं के उत्पादन में गिरावट दर्ज की गई थी। बीते वर्ष क्षेत्र के 63 सरकारी केंद्रों पर 10 लाख 62 हजार क्विंटल गेहूं की खरीदी की गई थी।
केंद्रों पर पसर सकता है सन्नाटा समय पर गेहूं की खरीदी शुरु ना होने व कृषि उपज मंडी में गेहूं के दाम समर्थन मूल्य से ऊपर मिलने के चलते किसानों का रुझान सरकारी केंद्रों पर कम और खुले बाजार में अधिक हैं। मंडी से प्राप्त जानकारी के अनुसार फरवरी माह से लेकर 15 मार्च तक मंडी में 1 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं की खरीदी की जा चुकी हैं। होली अवकाश के कारण तीन दिन से मंडी अवकाश चल रहा था। आज सोमवार को मंडी खुलने पर बंपर आवक की उम्मीद लगाई जा रही हैं। रविवार शाम तक मंडी के सभी शेड किसानों की ट्रालियों से भरा चुके थे।