पवित्र तीर्थस्थल के बाहरी हिस्से की सफाई करते सेवक।
अमृतसर के सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में सोने की धुलाई और सफाई की सेवा सोमवार को अरदास के साथ शुरू हुई। शिरोमणि कमेटी ने यह सेवा गुरु नानक निष्काम सेवक जत्था, बर्मिंघम के प्रमुख भाई महिंदर सिंह को सौंपी है।
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श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी रघबीर सिंह ने बताया कि बारिश और प्रदूषण से सोने की चमक कम हो जाती है। इसलिए समय-समय पर सफाई आवश्यक होती है। यह सेवा जत्था स्वैच्छिक रूप से करता है।
सोने की सफाई करती जत्थे की सेवक महिलाएं।
10-12 दिन तक चलेगी सफाई
जत्था के सेवक भाई गुरदयाल सिंह ने बताया कि उनकी संस्था 1995 से जुड़ी है। पहले पत्तों की सेवा की और अब सोना धोने का कार्य कर रहे हैं। यह सफाई अभियान 10-12 दिन तक चलेगा। सफाई में पूरी तरह प्राकृतिक तरीके अपनाए जाएंगे। इसमें रीठे का उबला हुआ पानी और नींबू का रस प्रयोग किया जाएगा।
सफाई करते समय किसी भी तरह के रसायन का उपयोग नहीं किया जाएगा। पवित्र तीर्थस्थल के बाहरी हिस्से में लगे सोने की सफाई की जाएगी।