अस्पताल में घटना की जानकारी देते हुए पीड़ित गुरतेज सिंह।
बरनाला में संगरूर के काली माता मंदिर में आयोजित बाल उपचार शिविर में बड़ी लापरवाही सामने आई है। शिविर में लगाई गई दवा से तीन लोगों को आंखों में गंभीर जलन की शिकायत हुई। इनमें से एक मरीज को बरनाला के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
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पीड़ित गुरतेज सिंह ने बताया कि वह फेसबुक पर विज्ञापन देखकर बालों के झड़ने की समस्या के इलाज के लिए शिविर में गए थे। शिविर में उनके सिर पर दवा लगाने के बाद आंखों में तेज जलन शुरू हो गई। उन्होंने शिविर से शैम्पू और तेल भी खरीदा था। जलन की समस्या के बाद उन्होंने सारी दवाएं फेंक दीं।
शिविर में सैकड़ों लोग पहुंचे थे
गुरतेज ने बताया कि दवा लगाने के बाद उनकी आंखों में इतना दर्द हुआ कि वह आंखें खोल भी नहीं पा रहे थे। बरनाला अस्पताल के डॉक्टरों के इलाज से अब उन्हें कुछ राहत मिली है। शिविर में सैकड़ों लोग पहुंचे थे, लेकिन गुरतेज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।
अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि शिविर से आए तीनों मरीजों की आंखें अब स्थिर हैं। पीड़ितों ने शिविर प्रशासकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
पीड़ित गुरतेज सिंह जिसे आंख में जलन होने के बाद बरनाला के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
कार पर खड़े होकर लगा रहे थे दवाई
गुरतेज ने बताया कि इस शिविर में आयोजकों ने एक ड्रम में दवाई डाल रखी थी और दो लोग एक कार पर खड़े होकर दवाई लगा रहे थे। दवा लगाने के तुरंत बाद मेरी आंखों में जलन होने लगी। काफी तकलीफ के बाद वह बड़ी मुश्किल से बरनाला पहुंचे और बाद में उनके परिजनों ने उन्हें बरनाला के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया।
उन्होंने कहा कि यदि उन्हें आगे कोई परेशानी हुई तो इसके लिए शिविर प्रशासक जिम्मेदार होंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार उनकी आंखों का इलाज कराए।
तीन लोगों का किया इलाज
बरनाला के सरकारी अस्पताल के डॉ. विक्रमजीत सिंह ने बताया कि बीती रात आंखों की समस्या के चलते तीन मरीजों को बरनाला के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इनमें से एक को ओपीडी आधार पर उपचार दिया गया, जबकि एक को यहां भर्ती किया गया है। तीनों मरीजों की नेत्र विशेषज्ञ द्वारा जांच और उपचार किया गया है और अब तीनों की दृष्टि अच्छी है।
उन्होंने बताया कि ये मरीज संगरूर में एक शिविर में गए थे, जहां उन्हें आंखों की समस्या हो गई थी। उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे अपनी जांच केवल उन्हीं शिविरों में करवाएं जहां पंजाब सरकार या किसी विशेषज्ञ द्वारा उपचार उपलब्ध कराया जाता हो।