सोनीपत के मुरथल में सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर कई युवकों से लाखों रुपए की ठगी की गई। एक युवक को फर्जी एडमिट कार्ड का फोटो दिखाकर कहा कि परीक्षा किसी और से दिलवा दी गई है और जल्द ही नियुक्ति हो जाएगी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
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मुरथल के रहने वाले सतेंद्र कुमार ने बताया कि करीब 6 महीने पहले उनकी मुलाकात ललित (पाना बाहड़ा मुरथल) से हुई। ललित ने उन्हें सेहत विभाग में सरकारी ड्राइवर की नौकरी लगवाने का झांसा दिया और धीरे-धीरे विश्वास जीतकर पैसे ऐंठने शुरू कर दिए।
उधार लेकर आरोपी को दिए पैसे
उसने बताया कि 8 मई 2024 को पहली बार 3 लाख रुपए दिए, जिसमें से 90 हजार रुपए बैंक से निकाले और 2 लाख 10 हजार रुपए दोस्त से उधार लिए। इसके बाद 20 जून को 1.5 लाख रुपए और 7 नवंबर को भी 1.5 लाख रुपए आरोपी के खाते में जमा करवाए।
UPI के माध्यम से भी पैसे ट्रांसफर
इतना ही नहीं, UPI के माध्यम से भी अलग-अलग तिथियों में पैसे ट्रांसफर किए गए। 21 अगस्त को 40 हजार, 3 सितंबर को 8 हजार 500 और 10 अक्टूबर को 5 हजार रुपए भेजे। 15 अक्टूबर को आरोपी ने 1.5 लाख रुपए नकद भी ले लिए। इस तरह कुल 8 लाख 3 हजार 500 रुपए की ठगी की गई।
मामा को नकली सुपरिंटेंडेंट बनाया
आरोपी ने अपनी साजिश को सफल बनाने के लिए 24 जून 2024 को एक फर्जी एडमिट कार्ड का फोटो दिखाकर कहा कि परीक्षा किसी और से दिलवा दी गई है और जल्द ही नियुक्ति हो जाएगी। बाद में अक्टूबर में ललित ने अपने मामा अशोक को स्वास्थ्य विभाग का नकली सुपरिंटेंडेंट बनाकर शिकायतकर्ता से मिलवाया, जिससे उसे और विश्वास हो गया।
इन लोगों से भी ठगी
जांच में सामने आया कि ललित ने सिर्फ सतेंद्र को ही नहीं, बल्कि नरेश (मिमारपुर), संदीप (मुरथल), नवीन (मुरथल), नवीन (लाखू बुआना), मोहित (मुरथल) और अजय (मिमारपुर) समेत कई अन्य युवकों से भी इसी तरह ठगी की है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने मामले में ललित (मुरथल), योगेश (मुरथल) और अशोक उर्फ शौकी (केबल सेंटर वाला, ओल्ड रमेश नगर, करनाल) के खिलाफ मुरथल में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपियों पर धारा 406, 420, 467, 468, 471 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया है।