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Shani Mantra: मार्च में शनिदेव का राशि परिवर्तन, साढ़ेसाती, ढैय्या के प्रभाव से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप


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Shani Mantra: शनिदेव मनुष्य को उसके कर्म में अनुरूप फल प्रदान करते हैं. अच्छे कर्मों के लिए अच्छा फल और बुरे कर्मों के लिए उनका दंडविधान लागू होता है.

मार्च में शनिदेव का राशि परिवर्तन, साढ़ेसाती, ढैय्या के प्रभाव से बचने के लिए करें इन मंत्रों का जाप

हाइलाइट्स

  • शनि अमावस्या पर 29 मार्च 2025 को शनि राशि परिवर्तन करेंगे.
  • शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के लिए मंत्रों का जाप करें.
  • शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष मंत्रों का जाप करें.

Shani Mantra: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 29 मार्च 2025 को शनि अमावस्या के दिन न्याय के देवता शनिदेव राशि भी परिवर्तन करेंगे. शनिदेव के राशि परिवर्तन से कई राशि के जातकों को शनि की बाधा से मुक्ति मिलेगी. जहां कुछ राशियों पर से शनी की साढ़ेसाती व ढैय्या समाप्त होगी तो वहीं कुछ की शुरू होगी. इसके कारण कुछ लोगों को कार्यों में बाधाएं व परेशानियां झेलनी पड़ सकती है.

बता दें कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव एक राशि में ढाई साल तक गोचर होते हैं. इस दौरान उन राशियों पर शनि की साढ़े साती और शनि की ढैय्या होती है. साढ़ेसाती व ढैय्या जिस राशि पर होती है, उस राशि के जातकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं अगर आपकी राशि पर भी शनि की साढ़े साती या ढैय्या का प्रभाव आने वाला है या चल रहा है तो ऐसे में उनके प्रभाव को कम करने के लिए आप कुछ विशेष मंत्रों का जाप कर सकते हैं. तो आइए पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार जानते हैं कि शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से बचने के लिए किन-किन मंत्रों का जाप करना लाभप्रद हो सकता है.

– इस मंत्र से होगा शनि दोष का निवारण
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।

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– शनि महामंत्र है बेहद असरदार
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

– शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।

-सेहत के लिए शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।

शनैर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन् पुमान्।
दुःखानि नाश्येन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखमं।।

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– पौराणिक मंत्र शनिदेव को अधिक प्रिय
ऊँ ह्रिं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छाया मार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।

– इस वैदिक मंत्र से प्रसन्न होंगे शनिदेव
ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।

अन्य चमत्कारी शनि मंत्र

1.ऊँ नमो भगवते पंचवदनाय पश्चिमुखाय गरुडानना
मं मं मं मं मं सकल विषहराय स्वाहा।।

2.महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

3.ॐ पूर्वकपिमुखाय पच्चमुख हनुमंते
टं टं टं टं टं सकल शत्रु सहंरणाय स्वाहा।

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