सोनीपत में मासूम शर्मा के फेवर में आए राइटर मुकेश जाजी
हरियाणवी संगीत इंडस्ट्री में इन दिनों गानों पर बैन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। मामले में अब मशहूर लेखक मुकेश जाजी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि सरकार ने बिन
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मुकेश जाजी ने अपने वीडियो में कहा कि अगर सरकार को गानों से आपत्ति थी, तो कलाकारों के साथ पहले बातचीत करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, अगर सरकार को यह गलत लग रहा था, तो सभी कलाकारों को बुलाकर एक मीटिंग की जाती और समझाया जाता कि इस तरह के गाने आगे से न बनाए जाएं। लेकिन सरकार ने सीधे ही गानों को बैन करने का फैसला ले लिया, जिससे कलाकारों में नाराजगी है।
कौन है मुकेश जाजी
मुकेश का जन्म सोनीपत के गांव जाजी में हुआ और उन्होंने अपनी 10 वीं की पढ़ाई भटगांव से साल 2003 में और बारहवीं सोनीपत के पुरखास गांव में साल 2005 में पूरी की। साल 2007 में इलेक्ट्रॉनिक से आईटीआई करने के बाद डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन लिया। साल 2008 में बाइक दुर्घटना में हादसे के शिकार हुए और अपनी पढ़ाई को बीच में ही छोड़ना पड़ा।
मुकेश जाजी इंजीनियर बनना चाहते थे, लेकिन कई बार इंसान जैसा सोचता है वैसा कदापि नहीं हो पाता। सड़क हादसे के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में छूटी तो गीतकार बने और उन्होंने एक से बढकर एक हिट गीत लिखा और विदेशों तक हरियाणवी गीतों से पहचान बढी। दिव्यांग होने के बाद मुकेश ने खुद को टूटने नहीं दिया और गीत लेखन की राह पकड़ ली। उनकी मेहनत रंग लाई और वह हरियाणवी इंडस्ट्री के सबसे सफल गीतकारों में से एक बन गए।
मुकेश जाजी ने कई सुपरहिट गाने लिखे हैं
मुकेश के इस सफर में उनके भतीजे अमन जाजी उनका सबसे बड़ा सहारा बने। अमन ने म्यूजिक कंपोजिंग सीखी और अपने चाचा के लिखे गानों को धुन देने लगे। उनके ही म्यूजिक पर बना गाना “52 गज का दामण” सुपरहिट हुआ और उस समय इस गीत को 71 करोड़ से ज्यादा व्यूज मिले। इस गाने में अमन ने प्रांजल दहिया के साथ अभिनय भी किया।
मुकेश जाजी और अमन जाजी ने अपने खेत में ही डेढ़ करोड़ की लागत से एक स्टूडियो तैयार किया। इस स्टूडियो में सपना चौधरी, प्रांजल दहिया और हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री के कई बड़े सितारे अपने गाने रिकॉर्ड करने आते हैं। इससे गांव जाजी को हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री का हब कहा जाने लगा।

मासूम शर्मा व अन्य कलाकारों के साथ मुकेश जाजी
मुकेश जाजी ने कई सुपरहिट गाने लिखे हैं।
1. 52 गज का दामण 2. गजबण 3. तागड़ी 4. रमझौल 5. टूम 6. इंतकाम 7. क्लासमेट 8. मटक चालूगीं समेत लगातार उनके गानों के बोल चर्चा में रहे हैं। इन गानों ने हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है।
शराब और गाने में क्या बुरा है, सरकार को सोचना चाहिए
उन्होंने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि आज तक ऐसा कभी किसी ने नहीं सुना कि किसी अपराधी ने गाने सुनकर कोई अपराध किया है। लेकिन ये जरूर हो सकता है कि नशे में होने के कारण तो बहुत सारे अपराध हुए हैं। उनका मानना है कि सरकार को गानों से पहले शराब पर बैन लगाना चाहिए, क्योंकि असली समस्या वहीं से शुरू होती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को शराब से मोटा फायदा होता है, इसलिए वह उसे बंद नहीं कर सकती, लेकिन कलाकारों के गानों को बैन करने में उसे कोई परेशानी नहीं हुई।

मुकेश जाजी बोले- कुछ लोग सरकार के करीब हैं, लेकिन हम दबाव में नहीं आएंगे
शुरुआत में मैंने भी अलग गाने लिखे थे, लेकिन ऑडियंस की पसंद बदली
मुकेश जाजी ने अपनी करियर यात्रा के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने इस इंडस्ट्री में कदम रखा था, तो वह उदासी भरे और इमोशनल गाने लिखते थे। लेकिन लोगों की मांग और डीजे कल्चर के चलते उन्होंने डांस नंबर और बदमाशी वाले गाने लिखे। उन्होंने कहा कि सिर्फ वह ही नहीं, बल्कि हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री के कई कलाकार इस तरह के गाने बना रहे हैं। मुकेश ने सैंकडों गीत लिखे हैं और उनके गीतों के कारण ही कई कलाकार रातों रात पहचान बनाने में कामयाब हुए।
’52 गज का घाघरा’ सुपरहिट रहा, फिर भी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया
उन्होंने कहा है कि 52 गज का घाघरा उनका काफी हिट हुआ था और ट्रेंडिंग में रहा है और फिर भी हरियाणा सरकार की तरफ से कोई भी किसी का कोई कॉल नहीं आया। यहां तक कि उनके गीत की प्रशंसा के लिए भी कोई कॉल नहीं आया। लेकिन कलाकारों की तरफ से उन्हें काफी बधाई मिली। उन्होंने कहा है कि उनके इस गीत में क्या कमी थी और वह गीत पूरी तरह से संस्कृति पर आधारित था। जिसमें कोई भी डबल मीनिंग लिरिक्स नहीं थे। एक शब्द भी उसमें बदमाशी से संबंधित नहीं था। वीडियो में दामन- कुर्ता और हरियाणवी संस्कृति से जुड़ी हुई हर पहलू को जोड़ा गया था। सरकार की तरफ से मान सम्मान करने की बात तो बहुत अलग बात है। लेकिन सरकार की तरफ से ना कोई कॉल आया ना ही उसे बधाई देने के लिए कोई पहुंचा।

मुकेश जाजी के कई हिट गीत लिखे हैं और मासूम शर्मा के समर्थन में आए हैं
कुछ लोग सरकार के करीब हैं, लेकिन हम दबाव में नहीं आएंगे
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग सरकार के बहुत करीब हैं और वही इस फैसले को प्रभावित कर रहे हैं। लेकिन हम उनके दबाव में नहीं आएंगे।” उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जिन बातों को लेकर अब तक चुप था अब वे सभी बातें सबसे सामने लाना जरूरी हो गया है।
अंत में, उन्होंने ऑडियंस से अपील करते हुए कहा कि गाने सिर्फ मनोरंजन के लिए होते हैं, किसी को अपराध के लिए प्रेरित करने के लिए नहीं। उन्होंने कहा कि हर कलाकार अपने अनुभव और जनता की पसंद के हिसाब से गाने बनाता है, लेकिन अगर सरकार को आपत्ति थी, तो इस पर चर्चा होनी चाहिए थी, न कि सीधे बैन लगाया जाना चाहिए।