ग्रामीणों ने कैंट थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।
राजस्थान के ग्रामीणों से जमीन का पट्टा दिलाने के नाम पर फ्रॉड के आखिरी आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इस पूरे मामले की मास्टरमाइंड महिला वकील पहले ही पकड़ी जा चुकी है। दो और आरोपी भी पहले गिरफ्तार किए जा चुके हैं, यह आरोपी लंबे समय से फरार चल
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बता दें कि, राजस्थान के बारां, छीपा बड़ौद निवासी करीब 140 लोग 27 अगस्त 2023 को गुना के कैंट थाने पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस को बताया था कि साल 2020 में बमोरी निवासी गोरेलाल और काडू नाम के शख्स आए।
उन्होंने कहा- गुना के बमोरी में 15-15 बीघा जमीन के पट्टे दिलवा देंगे। उसकी किताब भी मिल जाएगी। इसके लिए 50 हजार रुपए लगेंगे। गुना में पूजा शर्मा नाम की वकील हैं। वह पूरा काम करवा देंगी। इसके बाद ग्रामीण गुना आकर पूजा शर्मा से मिलने पहुंचे।
वकील पूजा शर्मा ने पीपलखेड़ी गांव में जमीन का पट्टा दिलाने का झांसा दिया। बातों में आकर 50-50 हजार रुपए पूजा शर्मा को दे दिए। कुछ ग्रामीणों ने अपने नाते-रिश्तेदारों को भी इसके बारे में बताया, तो वो भी पैसे देने के लिए तैयार हो गए। इस तरह करीब 140 लोगों ने रुपए दे दिए।

इस तरह की किताबें ग्रामीणों को दी गई थीं।
ग्रामीणों ने बताया था कि कुछ लोगों ने तीन-तीन पट्टे लेने के लिए रुपए दिए। किसी ने 50 हजार, किसी ने एक लाख, तो किसी ने डेढ़ लाख रुपए तक दिए। दो-चार दिन बाद ही वकील ने किताब दे दी। इनमें बाकायदा खसरा नंबर, जमीन का क्षेत्रफल लिखा था। किताब में पटवारी, रेवेन्यू इंस्पेक्टर और तहसीलदार के सील और हस्ताक्षर भी थे। नीली और लाल स्याही से इन किताबों में भी जानकारी लिखी थी।
जमीन–गहने गिरवी रखकर दिए रुपए
ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने जमीन, गहने तक गिरवी रख दिए। ग्रामीण मलखान ने अपनी पत्नी के जेवर 2% ब्याज पर गिरवी रखे। नैनाराम ने दो बीघा जमीन गिरवी रख दी। इसी तरह, जुझार सिंह ने 3% की ब्याज पर जमीन गिरवी रख दी।
उधम सिंह ने 2% ब्याज पर सोना गिरवी रखा। रामचरण ने तो दो बीघा पुश्तैनी जमीन ही बेच दी। उधम सिंह ने 30 हजार रुपए में भैंस बेच दी। चतरू ने अपनी मां के चांदी के गहने गिरवी रख दिए। प्रेमा ने सोने के पुश्तैनी गहने गिरवी रख दिए। इसी तरह अन्य लोगों ने भी जमीन या गहने गिरवी रखकर वकील को पैसे दिए।

जमीन की किताबें देखने में एकदम असली लगती थीं।
फिर लगवाए गुना के चक्कर
ग्रामीणों ने बताया था कि महिला वकील पूजा शर्मा ने 6 महीने तक इस बारे में किसी से बात नहीं करने के लिए कहा था। उसने 6 महीने में जमीन ऑनलाइन नाम करने की बात कही थी। फिर जमीन ऑनलाइन दर्ज करने के नाम पर फिर 7-7 हजार रुपए लिए गए। इसके बाद ग्रामीणों को हर दो-तीन महीने में बुलवाया जाता था। बकायदा जिला कोर्ट में पेशी भी कराई जाती। वहां किसी कागज पर साइन करा लिए जाते। पूजा शर्मा हर पेशी पर 500-600 रुपए भी ले लेती। हालांकि, उसने किसी किसान को जज के सामने कभी पेश नहीं किया।
जमीन नहीं मिलने पर ग्रामीणों ने महिला वकील से कहा, तो हर बार बहाना बनाकर टाल देती थी। ग्रामीणों ने जब जोर देकर कहा, तो सोनू कुशवाह और एक अन्य व्यक्ति को को पटवारी बताकर जमीन की नपती करने भेज दिया। ये दोनों भी ग्रामीणों को जमीन दिखाकर लौट आया। करीब तीन साल बाद भी आज तक ग्रामीणों को जमीन नहीं मिली। इसके बाद उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ। इसके बाद ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई थी।
इस मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड महिला वकील पूजा शर्मा, महेश पिता फूलचन्द प्रजापति उम्र 35 साल और सोनू उर्फ बैजनाथ पुत्र समरथ कुशवाह उम्र 39 साल को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। मामले में एक आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिशें दे रही थी।
कैंट थाना प्रभारी अनूप भार्गव ने बताया

प्रकरण में फरार अंतिम आरोपी सचिन ठाकुर की कैंट थाना पुलिस द्वारा निरंतर तलाश की गई। तलाश के क्रम में पुलिस ने फरार आरोपी सचिन पुत्र चालीराजा दांगी (28) निवासी ग्राम सेमरा गणपत थाना खिमलाशा जिला सागर को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उसे बुधवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है।