बालाघाट जिले में धान उपार्जन में बड़ा घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जिले की 22 सहकारी समितियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। साथ ही सिवनी की शकुंतला देवी राइस मिल में जिले का 28,590 किलोग्राम अवैध चावल जब्त किया है।
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इस वर्ष के खरीफ सीजन में जिले के कुल 1.30 लाख पंजीकृत किसानों में से 1.09 लाख किसानों से धान की खरीदी की गई। कुल 54.99 लाख क्विंटल धान की खरीदी 2,300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से की गई। इस खरीदी की कुल कीमत 1,260 करोड़ रुपए से अधिक थी।
धान की कमी की शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू की। जांच में करोड़ों रुपए के धान की कमी पाई गई। शकुंतला देवी राइस मिल के मालिक आशीष अग्रवाल के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
जिन समितियों पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें मोहगांव, उकवा, कुमादेही, चरेगांव, टाकाबर्रा, नांदी तिरोड़ी, भंडेरी, जरेरा, करंजा, सिवनी कलांसारद, चिखला सालेटेका, बम्हनी हरदोली, धनकोषा, वोथवा, महकेपार, परसवाड़ा, खैरलाजी, कटोरी, मोहगांवघाट, सालेबर्डी, रामपायली, भजियादंड और टेकाड़ीघाट की सहकारी समितियां शामिल हैं।
घोटाले की जांच 3 मार्च को मोहगांव की आदिम जाति सेवा सहकारी समिति और विपणन समिति से शुरू हुई थी।
पहली बार नान ने की थी खरीदी
इस वर्ष पहली बार मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाइज कॉर्पोरेशन ने जिले के 185 धान खरीदी केंद्रों में खरीदी की थी, जिसमें शासन के निर्देशानुसार 2 दिसंबर से 23 जनवरी तक जिले के पंजीकृत एक लाख 30 हजार 803 किसानों में एक लाख 9 हजार 961 किसानों से 54 लाख 99 हजार 616.01 क्विंटल धान खरीदी गई। 23 सौ क्विंटल पर खरीदी गई धान की कुल कीमत 1260 करोड़ से ज्यादा की थी।
कमी के कारण सोसायटी कर्मचारी युवक ने दी थी जान
28 जनवरी को जिले की चरेगांव समिति में धान खरीदी केन्द्र में लगे सोसायटी कर्मचारी जितेन्द्र बिसेन ने आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद विधायक मधु भगत और परिजनों ने यहां प्रदर्शन किया था। इस मामले में पुलिस ने मृतक के सुसाइड नोट के आधार पर ट्रांसपोर्टर, सोसायटी कर्मचारी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में लिया था। यह मामला काफी सुर्खियों में रहा, जिसमें भी शॉर्टेज की बात सामने आई थी।