आयकर विभाग ने राजधानी के गोल्डन सिटी बिल्डर के यहां से 50 करोड़ रुपए की अनअकाउंटेड मनी पकड़ी है। एक हफ्ते पहले की गई सर्वे की कार्यवाही में बिल्डर के यहां दस्तावेजों में भारी गड़बड़ी पाई गई है। इस बिल्डर द्वारा जिस बिल्डिंग का कॉमर्शियल यूज किया जा रहा ह
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इनकम टैक्स विभाग भोपाल की टीम ने 20 मार्च को राजधानी के चूना भट्टी स्थित बिल्डर मनीष जैन के ठिकानों पर सर्वे शुरू किया था। 23 मार्च तक चली सर्वे की कार्यवाही के दौरान गोल्डन सिटी स्थित गोल्डन प्लाजा के निर्माण संबंधी दस्तावेजों में आयकर विभाग को भारी गड़बड़ी मिली। जमीन के दस्तावेजों के आधार पर अभी और खुलासे हो सकते हैं। सर्वे की प्रक्रिया पूरी होने के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि बिल्डर मनीष जैन ने गोल्डन प्लाजा किराए पर दे रखा है, लेकिन बुक में उसे निर्माणाधीन बता रहा था। इसके साथ ही उसने अन्य तरीके से अपनी आय छिपाई है। इसके आधार पर आयकर विभाग ने बिल्डर के यहां से 50 करोड़ रुपए की अनअकाउंटेड मनी पकड़ी है, जो टैक्स चोरी के रूप में कन्वर्ट होगी।
अलंकार ज्वैलर्स ने सरेंडर किए सवा तीन करोड़ रुपए
आयकर विभाग ने राजधानी में 20 से 22 मार्च तक न्यू मार्केट स्थित अलंकार ज्वैलर्स के यहां भी सर्वे की कार्यवाही की है। इस सर्वे के बाद ज्वेलर के यहां गोल्ड के रिकार्ड में भारी हेरफेर मिला। आयकर विभाग को उसके यहां से बिस्कुट और ज्वेलरी के रूप में स्टाक से चार किलो अधिक सोना मिला। इस गोल्ड का कोई रिकार्ड नहीं था। इसके साथ ही अन्य स्टॉक में भी डिफरेंस पाया गया है। इसके बाद उस पर तीन करोड़ रुपए से अधिक की टैक्स चोरी निकल रही थी। आयकर विभाग की जांच के बाद ज्वेलर ने सवा तीन करोड़ रुपए आयकर विभाग में जमा करने के लिए कहा है।