यह नजारा छत्तीसगढ़ के बालोद जिला मुख्यालय से 21 किमी दूर तांदुला नदी का है, जो सूख चुकी है। यहां पर मार्च के पहले सप्ताह से लेकर अब तक बेधड़क बोर खनन का सिलसिला चल रहा है। सिकोसा, मोहलई, चौरेल, पैरी, सांकरी में न्यूनतम 45 स्थानों में अवैध बोर खनन हुआ
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स्थिति ऐसी कि गर्मी की वजह से रोजाना जलस्तर घटते क्रम पर है और अवैध खनन बढ़ते क्रम पर है। रोज कोई न कोई किसान अपने खेतों में पानी पहुंचाने के लिए तांदुला नदी में कहीं भी बोर खनन कर रहा है ताकि धान की फसल को बचा सकें। जबकि ऐसा करना गलत है।
नदी में धड़ल्ले से चल रहा अवैध बोर खनन
दरअसल तांदुला नदी सिंचाई विभाग के अधीन है। अगर निजी जमीन भी होता तो किसानों को राजस्व विभाग, जिला प्रशासन से अनुमति लेना होता है। लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में किसी ने भी अनुमति नहीं मांगी है। लोगों का कहना है कि नदी में अवैध रूप से बोर खनन पिछले कई साल से हो रहा है।
इसकी जानकारी विभागीय अफसरों को होने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नहीं करते। इसी का नतीजा है कि कोई भी किसान कहीं भी खनन कर खेतों में पानी पहुंचा रहे हैं।
भूजल स्तर डाउन, फसल को बचाना चुनौती
तांदुला नदी किनारे बसे गांव के अधिकांश किसान धान की खेती कर रहे हैं। भूजल स्तर डाउन होने की वजह से मोटरपंप से कम मात्रा में पानी निकल रहा है या पानी ही निकलना बंद हो गया है। अब धान की फसल को बचाना चुनौती बनी हुई है, ऐसे में किसान तांदुला नदी में खनन कर रहे हैं।
रबी सीजन में 10 गुना ज्यादा पानी की खपत
मिली जानकारी के अनुसार 20 से 50 फीट खनन के बाद पानी निकल रहा है। विभागीय अफसरों का कहना है कि गर्मी सीजन में किसानों को धान की खेती न करने अपील करते आ रहे है क्योंकि खरीफ की तुलना में रबी सीजन में पानी की खपत 10 गुना ज्यादा होती है।
स्थायी बिजली कनेक्शन का कर रहे दुरुपयोग
बोर खनन के अलावा खेतों तक पानी पहुंचाने किसान स्थाई बिजली कनेक्शन का दुरुपयोग भी कर रहे हैं। मोटरपंप के लिए अधिकांश किसान स्थाई कनेक्शन लिए है। जिस स्थान के लिए कनेक्शन लिया गया है, वहां के मोटरपंप से कम मात्रा में पानी निकल रहा है।
इस वजह से तांदुला नदी में बोर खनन कर स्थाई कनेक्शन के जरिए तार बिछाए हैं। तांदुला नदी में अवैध खनन स्थल के अलावा बांस के लकड़ी में तार भी नजर आ रहे हैं। 2 से 3 किमी तक पाइप बिछा पानी खींच रहे हैं।
क्या कह रहे अधिकारी
सिंचाई विभाग कार्यपालन अभियंता पीयूष देवांगन ने कहा कि, तांदुला नदी में बिना अनुमति बोर खनन करना अवैध है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गुंडरदेही एसडीएम प्रतिमा ठाकरे झा का कहना है कि, मैं इस समय हाई कोर्ट में हूं। तांदुला नदी में अवैध खनन को लेकर अब तक कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
सीएसईबी सिकोसा जूनियर इंजीनियर चंद्रकुमार बघेल ने कहा कि, कोड़ेवा में 9 लोगों पर पहले ही कार्रवाई की जा चुकी है। जहां-जहां स्थायी बिजली कनेक्शन का दुरुपयोग कर अवैध खनन कर खेतों में पानी पहुंचाया जा रहा है, वहां जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।