Wednesday, May 7, 2025
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झज्जर के मुक्केबाज ने वर्ल्ड कप में रचा इतिहास: स्वर्ण पदक जीतने वाला देश का पहला खिलाड़ी, वजन कम करने के लिए भेजा था अकादमी – Jhajjar News


वर्ल्ड कप में अपने प्रतिद्वंदी को पंच मारते हितेश गुलिया।

हरियाणा के झज्जर जिले के गांव जहांगीरपुर का बेटा हितेश गुलिया राष्ट्रीय चैंपियन के बाद वर्ल्ड चैंपियन में खिताब जीतने वाला पहला खिलाड़ी बन गया है। हितेश ने ब्राजील में आयोजित वर्ल्ड कप मुक्के बाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता है। हितेश के सम्मान मे

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ब्राजील के फोज डू इगुआक् में हाल ही में आयोजित हुई विश्व मुक्केबाजी प्रतियोगिता में झज्जर के गांव जहांगीरपुर के हितेश गुलिया ने स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश व देश का नाम रोशन किया है। हितेश की जीत की खुशी में उसका स्वागत करने के लिए उसका परिवार और गांव के लोग बड़ी ही बेसब्री से हितेश के आगमन का इंतजार कर रहे हैं।

बॉक्सिंग वर्ल्ड में पदक विजेता। हितेश ने जीता गोल्ड मेडल।

गांव में होगा भव्य स्वागत हितेश का गांव की तरफ से बड़ी ही शान और शौकत से स्वागत किया जाएगा। इसके लिए गांव में एक पंचायत भी हो चुकी है। हितेश के पिता ने बताया कि उन्होंने बताया कि हितेश के स्वागत के लिए पूरे परिवार और गांव में अलग तरह की खुशी है और हर कोई हितेश के आन का इंतजार कर रहा है। गांव में समारोह को लेकर उसके पदक जीतते ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी।

हितेश गुलिया की माता पिता के साथ बचपन की फोटो।

हितेश गुलिया की माता पिता के साथ बचपन की फोटो।

हितेश को दाल चूरमा पसंद पेश से ठेकेदार रहे हितेश के पिता सत्यवान के अनुसार हितेश को दाल चूरमा बहुत पसन्द है और उसके यहां गांव में आने पर दाल चूरमा खिलाया जाता है। जब वह गांव आता है तो उसकी स्पेशल डिमांड सिर्फ दाल चूरमा की ही होती है। हितेश की जीत की खुशी की चमक उसके पिता सत्यवान,मां शर्मिला और बहन चेतना के चेहरे पर अलग तरह से दिखाई दी।

वजन कम करने भेजा था अकादमी हितेश के पिता सत्यवान कहते हैं कि बचपन में हितेश का वजन बहुत ज्यादा था। उन्होंने उसका वजन कम करने और शारीरिक अभ्यास करने के लिए ही हितेश को झज्जर में अकादमी के अंदर भर्ती कराया था। यहां उसके कोच हितेश की मेहनत का ही परिणाम है कि उसने यह मुकाम हासिल किया।

बॉक्सिंग वर्ल्ड कप गोल्ड मेडलिस्ट हितेश गुलिया व उसके पिता सत्यवान।

बॉक्सिंग वर्ल्ड कप गोल्ड मेडलिस्ट हितेश गुलिया व उसके पिता सत्यवान।

पिता बोले और भी उम्मीदें उन्होंने कहा कि ब्राजील में स्वर्ण जीतना एक तरह से हितेश के खेल की शुरुआत है। अभी हितेश को देश के लिए ओलिम्पिक खेलना है और इसी की तैयारी में वह जुटा हुआ भी है। मौजूदा समय में उनका टारगेट कॉमनवैल्थ और एशियन गेम खेलने का प्रयास है। अभी हितेश को बहुत ज्यादा खेलना है और देश के लिए पदक हासिल करना है।

मां बोली दाल चूरमे से करूंगी स्वागत मां शर्मिला बोली कि बेटे के गोल्ड जीतने की खुशी पूरे परिवार के चेहरे पर है। दाल चूरमा खिलाकर हितेश का स्वागत किया जाएगा। बहन चेतना गुलिया ने भी हितेश की जीत पर खुशी जताई। उसने कहा कि हर मैच की हार जीत की खुशी और दुख हितेश उनके साथ सांझा करता आया है।

अपने प्रतिद्वंदी को पंच मारते हितेश गुलिया।

अपने प्रतिद्वंदी को पंच मारते हितेश गुलिया।

राज्य स्तर पर तीन स्वर्ण पदक जीते

फाइनल में उनके प्रतिद्वंद्वी इंग्लैंड के ओडेल कामारा चोट के कारण मुकाबले में नहीं उतर सके। हितेश की खेल यात्रा स्कूल स्तर से शुरू हुई। उन्होंने सब-जूनियर में राज्य स्तर पर तीन स्वर्ण पदक जीते। हरियाणा स्कूल स्टेट चैंपियनशिप 2018 और स्कूल गेम्स 2019 में सफलता के बाद भिवानी के SAI सेंटर में ट्रेनिंग ली। यहीं से भारतीय नौसेना ने उन्हें चुना।

दसवीं के बाद नौसेना ज्वाइन

हितेश के पिता सत्यवान के अनुसार उनके बेटे ने दसवीं के बाद नौसेना ज्वाइन की। वे पूर्व स्टार सुरंजय के मार्गदर्शन में बॉक्सिंग कर रहे हैं। हितेश ने सितंबर 2024 में इंटर-सर्विसेज चैंपियनशिप में खिताब जीता। 2025 के नेशनल्स में वे राष्ट्रीय चैंपियन बने। उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों में भी स्वर्ण पदक हासिल किया।

गांव में हितेश के स्वागत की तैयारियां जोरों पर हैं। ग्रामीण विजय जुलूस निकालेंगे जो कई गांवों से होकर गुजरेगा। इस जीत से पूरे बादली क्षेत्र में खुशी का माहौल है।



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