वीडियो सोशल मीडिया में वायरल है।
छ्त्तीसगढ़ के बस्तर में आधी रात एक बैल अजीब हरकत करने लगा। पूंछ को पैरों के बीच दबाकर गोल-गोल घुमा और फिर गिर गया। अब अफवाह है कि कोई नेगेटिव शक्ति यानी किसी भूत-प्रेत ने बैल को उठाकर पटका है। हालांकि, ये कोई भूत-प्रेत नहीं बल्कि मवेशियों में होने वाल
.
दरअसल, यह पूरा मामला दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल शहर का है। एक दिन पहले यहां दुकान और घर के सामने हर दिन की तरह रात में मवेशियों का जमावड़ा था। सुबह जब दुकानदार ने अपनी दुकान खोली तो देखा कि उसकी स्कूटी नीचे गिरी हुई थी। उसे लगा कि रात में कुछ तो हुआ है। जिसके बाद उसने दुकान के सामने लगे CCTV कैमरे को खंगाला। जिसमें देखा कि गेट के सामने स्कूटी के पास एक बैल बैठा हुआ है।
वायरल वीडियो ये है
अचानक हड़बड़ाकर उठता है। फिर उल्टे पैर यानी पीछे की तरफ तेज-तेज गोल घूमने लगता है। पूंछ को दोनों पैरों के बीच दबाया हुआ रहता है। देखने से ऐसा लग रहा मानो कोई अदृश्य शक्ति उसे अपने हिसाब से मूवमेंट करवा रही है। फिर अचानक स्कूटी के ऊपर गिर जाता है। पास में ही बैठे अन्य मवेशी भी वहां पहुंच जाते हैं। वहीं ये पूरा माजरा CCTV कैमरे में कैद होने से दुकान मालिक भी आश्चर्य में रहते हैं।
भूत-प्रेत की बातें अंधविश्वास
ये वीडियो अब सोशल मीडिया में इस दावे के साथ वायरल हो रहा है कि कोई भूत-प्रेत ने बैल को उठाकर पटक दिया है। हालांकि, इलाके में दहशत है। भूत-प्रेत वाली बात अंधविश्वास है। दैनिक भास्कर इसकी इसकी पुष्टि नहीं करता है। वहीं जब यह वीडियो दैनिक भास्कर के पास पहुंचा तो हमने चिकित्सकीय रूप से भी जानने का प्रयास किया।

ऐसे फैलती है बीमारी
जिसके बाद दंतेवाड़ा जिले के वैटनरी सर्जन डॉ रजक रत्नाके से बातचीत की। रजत ने कहा कि, ये कोई भूत-प्रेत का मसला नहीं है। बल्कि मवेशियों में होने वाले डिसीज का इफैक्ट है। तसत्से मक्खी के काटने से ट्रिपैनोसोमा नाम की एक बीमारी होती है। अधिकांश गाय, बैल और बकरियों को यह बीमारी होती है। वहीं चागास रोग किसिंग बग के काटने से फैलता है, जो ट्रिपैनोसोमा क्रुजी को संक्रमित करता है।

सर्जन डॉ रजत रत्नाके ने कहा कि, ये बीमारी की वजह से होता है।
इलाज नहीं मिला तो जान जा सकती है
रजत ने कहा कि, संक्रमित मवेशियों को यदि मक्खी बाइट करती है फिर वह किसी स्वस्थ्य मवेशी को बाइट करती है तो वो बीमारी उस मवेशी को भी जाएगी। यानी संक्रमण सिर्फ मक्खियों से ही फैलता है। यदि समय पर इलाज हो जाए तो मवेशी ठीक हो जाएगा, लेकिन इलाज नहीं मिला तो इसी तरह से रिएक्ट करता रहेगा। और उसकी मौत जो जाएगी।