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आलती पालती मारकर ही क्यों करते हैं पूजा-पाठ? क्या है इसका धार्मिक, ज्योतिष और वैज्ञानिक महत्व, पंडित जी से जानें


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Puja Me Palti Markar Baithna : आलती-पालती मारकर पूजा के दौरान बैठने की परंपरा धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत फायदेमंद है. यह न सिर्फ शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है.

पूजा में क्यों बैठते हैं पालती मारकर?

हाइलाइट्स

  • आलती पालती मारकर बैठने से पूजा में विघ्न नहीं आता.
  • इस आसन से शरीर के सात चक्र जागृत होते हैं.
  • आलती पालती बैठने से तनाव कम होता है और मानसिक शांति मिलती है.

Puja Me Palti Markar Baithna : हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का महत्व बहुत ज्यादा है और इसे श्रद्धा के साथ किया जाता है. पूजा करते समय विशेष नियमों का पालन करना जरूरी होता है, ताकि पूजा का सही फल प्राप्त हो सके. इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम है पूजा के दौरान आलती पालती मारकर बैठने का. यह परंपरा हमारी धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक मान्यताओं से जुड़ी हुई है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा के दौरान आलती पालती मारकर बैठने की परंपरा क्यों बनाई गई है? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से इसके पीछे छुपे हुए गहरे अर्थ और फायदों के बारे में.

आलती पालती मारकर बैठने का धार्मिक महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, आलती पालती मारकर बैठने की परंपरा ऋषि मुनियों ने शुरू की थी. प्राचीन समय में ऋषि मुनि भूमि पर ही ध्यान, पूजा, स्नान, और अन्य धार्मिक कार्य करते थे. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि भूमि पर बैठने से भगवान और देवी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. विशेषकर माता सीता, जो भूमि से उत्पन्न हुई थीं, उनका आशीर्वाद भूमि पर बैठने से भक्तों को मिलता है. इस प्रकार, आलती पालती मारकर बैठने से पूजा पाठ में कोई विघ्न नहीं आता और पूर्ण फल की प्राप्ति होती है. साथ ही, ऐसा माना जाता है कि इस आसन से पूजा की शक्ति में वृद्धि होती है और भक्त को अच्छे परिणाम मिलते हैं.

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आलती पालती मारकर बैठने के ज्योतिषीय फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आलती पालती मारकर बैठने से शरीर में स्थित सात चक्रों को जागृत किया जा सकता है. ये चक्र शरीर में ऊर्जा के संचार का मुख्य स्रोत माने जाते हैं. जब यह चक्र जागृत होते हैं, तो व्यक्ति के शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, जिससे नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं. इसके अतिरिक्त, इस आसन से ग्रहों की स्थिति भी सुधारती है और किसी भी प्रकार का दोष दूर होता है. ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि इस आसन से ग्रहों का प्रभाव शांत होता है और घर में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है.

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आलती पालती मारकर बैठने के वैज्ञानिक लाभ
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी आलती पालती मारकर बैठने के कई फायदे हैं. यह शारीरिक और मानसिक रूप से फायदेमंद माना जाता है. जब व्यक्ति इस आसन में बैठता है, तो उसका शरीर आरामदायक स्थिति में आता है और तनाव कम होता है. यह मानसिक शांति प्रदान करता है और चिंता, डिप्रेशन जैसी समस्याओं को दूर करता है. शारीरिक दृष्टिकोण से यह आसन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने, दिल की धड़कन को रेगुलर करने और श्वास संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा, आलती पालती मारकर बैठने से मेटाबोलिज्म की गति धीमी पड़ती है और मानसिक बल की वृद्धि होती है.

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आलती पालती मारकर ही क्यों करते हैं पूजा-पाठ? क्या है धार्मिक, ज्योतिष कारण?



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