प्रवेश उत्सव में भाग लेते स्टूडेंट्स।
हरियाणा सरकार की स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से आखिरकार प्रवेश उत्सव के लिए बजट की बढ़ोतरी कर दी गई है। पहले जहां 500 रुपए की स्कूल मुखिया खर्च कर सकते थे, वहीं अब दस गुणा अधिक यानी पांच हजार रुपए तक खर्च किए जा सकेंगे। इसके लिए शुक्रवार को सभी
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गौरतलब है कि स्कूलों में प्रवेश उत्सव के फंड की कमी को लेकर दैनिक भास्कर एप पर 10 दिन पहले खबर चलाई गई थी।
यह लिखा है पत्र में…
राज्य में जीरो ड्रॉप आउट बनाने व राजकीय स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के तहत प्रवेश उत्सव कार्यक्रम आयोजित किए जाने को लेकर यह पत्र जारी हुआ है। इसमें लिखा है कि माध्यमिक शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक के अनुमोदन के अनुसार सभी स्कूलों को स्कूल फंड से पांच हजार रुपए की राशि प्रवेश उत्सव ( शैक्षणिक सत्र 2025-26) के आयोजन एवं प्रचार प्रसार के लिए खर्च करने की अनुमति दी जाती है।
प्रवेश उत्सव के फंड को लेकर जारी लेटर।
3 साल से ड्रॉप आउट विद्यार्थियों को लाना होगा स्कूल
दरअसल, शिक्षा विभाग ने जीरो ड्रॉप आउट अभियान के तहत ऐसे विद्यार्थियों को स्कूल लाने के निर्देश दिए हुए हैं, जो तीन साल से ड्रॉप आउट हैं। आंगनबाड़ी, जन्म-मृत्यु रजिस्टर, गांव के शिक्षा रजिस्टर से रिकॉर्ड लेना होगा। सरकारी स्कूलों के मुखियाओं को मुख्य चौक-चौराहों पर स्कूल संबंधित होर्डिंग लगाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा इश्तिहार के माध्यम से भी प्रचार करना होगा। जागरूकता रैलियां भी निकालनी हैं।
सरकार को पहले ही बजट बढ़ाना चाहिए था: दहिया
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य चेयरमैन देवेंद्र सिंह दहिया ने कहा कि यह फैसला शिक्षा विभाग को पहले ही कर देना चाहिए था। प्रवेश उत्सव के लिए इसी फंड की अनुमति प्रवेश उत्सव से पहले दे दी जाती तो नजारा ही कुछ और होता। सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या में और अधिक वृद्धि होती।