छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले का पालनार गांव अब नक्सलगढ़ नहीं बल्कि पर्यटन स्थल के नाम से जाना जाएगा। यहां वाटर टूरिज्म की शुरुआत हुई है। तालाब में बोटिंग शुरू होने से इलाके को नई पहचान मिलेगी। आस-पास के लोग यहां आएंगे। लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
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नौका विहार की शुरुआत होने से ग्रामीणों में खासा उत्साह देखने को मिला। यह पहल केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर भी प्रदान कर रही है। नाव संचालन, पर्यटक गाइडिंग, स्थानीय व्यंजन स्टॉल, हस्तशिल्प बिक्री जैसी गतिविधियों से लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
विकसित होगा इलाका- नंदलाल
दंतेवाड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी ने कहा कि, पालनार में नौका विहार की शुरुआत केवल एक पर्यटन परियोजना नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। हमारा लक्ष्य है कि दंतेवाड़ा की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक धरोहर को देश और दुनिया के सामने लाया जाए।
इससे क्षेत्र की पहचान बढ़ेगी और युवाओं को स्वरोजगार के अनेक अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि, राज्य शासन और जिला प्रशासन की यह पहल दर्शाती है कि जब शासन और प्रशासन मिलकर स्थानीय संसाधनों का उपयोग करते हैं, तो उसका सीधा लाभ आम जनता को मिलता है। पालनार का नौका विहार दंतेवाड़ा जिले में पर्यटन आधारित विकास का नया मॉडल बनकर उभरा है।

इस परियोजना से न केवल पर्यटक आकर्षित होंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। भविष्य में इस क्षेत्र को एक समग्र पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की और भी योजनाएं लाई जाएंगी, जिससे दंतेवाड़ा जिले की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में व्यापक सुधार की संभावना है।