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चुनाव आयोग AI के इस्तेमाल पर गाइडलाइन बना रहा: प्रयोग के नियम-तरीके तय होंगे; बिहार विधानसभा चुनाव में झलक दिखेगी


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नई दिल्ली6 मिनट पहले

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चुनाव प्रचार के लिए कंटेंट तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए चुनाव आयोग इसके दुरुपयोग पर रोक लगाने और बेहतर इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए गाइडलाइंस बना रहा है। इसकी झलक बिहार विधानसभा चुनाव में दिख सकती है।

सूत्रों ने बताया कि राजनीतिक दलों, मीडिया और सोशल मीडिया के लिए जेनरेटिव AI संबंधी कंटेंट के बारे में बताना होगा। प्रचार में AI के इस्तेमाल के नियम और तरीके साफ किए जाएंगे। फेक और डीपफेक प्रचार वीडियो और ऑडियो के बारे में भी दिशानिर्देश बनाए जा रहे हैं।

इसका मकसद है कि AI कंटेंट का इस्तेमाल करके मतदाताओं को भ्रमित या उनकी पसंद को गलत तरीके से प्रभावित न किया जा सके। साथ ही यह यह करने की कोशिश की जाएगी कि मतदाताओं की निजता या चुनाव की निष्पक्षता पर आंच न आए।

लोकसभा चुनाव में 5 करोड़ से ज्यादा रोबोट कॉल हुईं आयोग का यह कदम ग्लोबल इलेक्शन ट्रैकिंग की AI पर रिपोर्ट को देखते हुए अहम है। इससे पता चला है कि 2024 लोकसभा चुनाव में AI का इस्तेमाल अमेरिकी चुनाव से 10% और ब्रिटिश चुनाव से 30% ज्यादा है।

फ्यूचर शिफ्ट लैब्स की इस रिपोर्ट में 74 देशों के चुनाव में AI की ट्रैकिंग की गई। भारत के चुनाव में इसका सबसे ज्यादा 80% इस्तेमाल हुआ। AI से 5 करोड़ से ज्यादा रोबोट कॉल की गईं। उम्मीदवारों की आवाज में इन डीपफेक कॉल्स का कंटेंट जेनरेट किया गया। 22 भाषाओं में डीपफेक से प्रचार सामग्री तैयार की गई।

चुनाव में फेक वीडियो के 2 मामले

1. गृह मंत्री का फेक वीडियो कई अकाउंट्स ने शेयर किया: 27 अप्रैल, 2024 को सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और CM रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते सुनाई दे रहे थे।

PTI की फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी। इस मामले को लेकर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन जारी किया।

2. कांग्रेस नेता का वीडियो वायरल, कहा- TMC को वोट देने से अच्छा BJP को वोट दें: TMC ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का एक वीडियो शेयर किया। इसमें वे पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद की एक रैली में कहते सुनाई दिए कि TMC को वोट देने की बजाय भाजपा को वोट देना अच्छा होगा।

इस पर TMC ने कहा कि अधीर रंजन भाजपा की B टीम हैं। जवाब में कांग्रेस ने कहा कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी ने इस वीडियो को लेकर चुनाव आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई और आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई करने की अपील की।

ये कदम संभव…

1. डीपफेक के जरिए असली लगने वाला सिंथेटिक कंटेंट बनाया जा सकेगा। हालांकि, यह बताना जरूरी होगा कि कंटेंट डीपफेक है।

2. चुनावी एप में डेटा एनालिटिक्स और डेटा इस्तेमाल के मानक होंगे।

3. विरोधियों पर चोट करने के लिए मजाकिया या किसी भी तरह के भ्रामक वीडियो पर पाबंदी लग सकती है।

4. रैली में आने वालों के हावभाव से कंटेंट के लिए तो रणनीति बना सकेंगे, लेकिन​ विरोधी दल की रैली में जाने वालों को पहचानकर निशाना बनाने पर रोक होगी।

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