नारनौल में डीसी आवास पर ज्ञापन देते हुए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता
हरियाणा के नारनौल में विश्व हिंदू परिषद महेंद्रगढ़ शाखा ने राष्ट्रपति को पत्र भेजकर बंगाल में बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई है। संगठन ने कहा कि वक्फ कानून के विरोध की आड़ में बंगाल को हिंसा की आग में झोंका जा रहा है। जिस पर जल्दी से लगाम लगाई जानी चाह
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ज्ञापन देने वाले सावंत सिंह सिंह गोदबलाहा, मुकेश कुमार, हवा सिंह, मनोज, महिपाल, गौरव, ललित, सत्यनारायण, सुरेंद्र पंडित खटोटी, अरविंद, सावंत सिंह कैप्टन, सुभाष व प्रदीप ने बताया कि वहां पर हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है। राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी तत्वों को खुली छूट दी जा रही है। यह हिंसा मुर्शिदाबाद से शुरू हुई और अब पूरे बंगाल में फैल चुकी है। प्रशासन कई जगहों पर दंगाइयों का सहयोगी बन गया है। 11 अप्रैल 2025 को मुस्लिम भीड़ ने वक्फ कानून के विरोध के नाम पर हिंसक प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि हिंदुओं पर हमला था। जबकि हिंदू समाज का इस कानून से कोई लेना-देना नहीं था। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया थी।
घर व दुकानें लूट ली
भीड़ ने मुर्शिदाबाद में 200 से ज्यादा घर और दुकानें लूटीं और जला दीं। सैकड़ों लोग घायल हुए। तीन नागरिकों की हत्या कर दी गई। दर्जनों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ। 500 से अधिक हिंदू परिवारों को पलायन करना पड़ा। विश्व हिंदू परिषद ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पीड़ितों से मिलने की बजाय दंगा भड़काने वाले इमामों से मिल रही हैं। एक इमाम ने ममता को धमकी भी दी थी। अब खबर है कि ममता सरकार शरणार्थियों को वापस हिंसक भीड़ के सामने भेजने की साजिश कर रही है।
ममता सरकार संघीय ढांचे को तोड़ रही
संगठन ने कहा कि ममता सरकार भारत के संघीय ढांचे को तोड़कर वोट बैंक की राजनीति कर रही है। बंगाल में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को रोका नहीं जा रहा। उनके आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पाकिस्तानी और बांग्लादेशी आतंकी संगठन सक्रिय हो रहे हैं। हिंदुओं के त्योहारों पर कोर्ट के आदेश के बाद ही अनुमति मिलती है। अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाया जा रहा है। कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपा जाए। घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाला जाए। बंगाल-बांग्लादेश सीमा पर तारबंदी का काम तुरंत शुरू किया जाए। संगठन ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रपति देश की अखंडता और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए त्वरित कार्रवाई करेंगी।