Friday, May 9, 2025
Friday, May 9, 2025
Homeदेशउपराष्ट्रपति बोले- संसद सर्वोच्च, उसके ऊपर कोई संस्था नहीं: कहा- सांसद...

उपराष्ट्रपति बोले- संसद सर्वोच्च, उसके ऊपर कोई संस्था नहीं: कहा- सांसद ही संविधान के मालिक, वहीं तय करेंगे यह कैसा होगा


कुछ ही क्षण पहले

  • कॉपी लिंक

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 17 अप्रैल को कहा था कि अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं।

दिल्ली यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा- संसद सर्वोच्च है और उसके ऊपर कोई संस्था (अथॉरिटी) नहीं हो सकती है। संविधान में सांसद ही अंतिम मालिक है। चुने हुए प्रतिनिधि (सांसद) ही यह तय करेंगे कि संविधान कैसा होगा। उनके ऊपर कोई और सत्ता नहीं हो सकती।

धनखड़ ने आगे कहा- एक प्रधानमंत्री ने आपातकाल लगाया था, उन्हें 1977 में जवाबदेह ठहराया गया था। इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि संविधान जनता के लिए है और यह उन्हें सुरक्षित रखने का दस्तावेज है। संविधान में कहीं नहीं कहा गया है कि संसद से ऊपर कोई और संस्था है।

धनखड़ ने कहा- जो भी व्यक्ति संविधान के किसी पद पर बैठा है, उसकी कही हर बात देश के हित को ध्यान में रखकर कही जाती है। उन्होंने यह बात उनके सुप्रीम कोर्ट पर दिए बयान पर हो रही आलोचना के जवाब में कही।

दरअसल, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल अगर कोई बिल राष्ट्रपति को भेजते हैं तो राष्ट्रपति को उस पर 3 महीने में फैसला लेना होगा। इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा था कि कोर्ट ऐसा आदेश नहीं दे सकता, क्योंकि यह काम कार्यपालिका यानी सरकार का है, कोर्ट का नहीं।

4 दिन पहले उपराष्ट्रपति बोले थे- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं उपराष्ट्रपति धनखड़ ने 17 अप्रैल को राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा- अदालतें राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकतीं। उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 142 के तहत कोर्ट को मिला विशेष अधिकार लोकतांत्रिक शक्तियों के खिलाफ 24×7 उपलब्ध न्यूक्लियर मिसाइल बन गया है। जज सुपर पार्लियामेंट की तरह काम कर रहे हैं।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 8 अप्रैल को तमिलनाडु गवर्नर Vs राज्य सरकार के केस में गवर्नर के अधिकार की ‘सीमा’ तय कर दी थी। जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा था, ‘राज्यपाल के पास कोई वीटो पावर नहीं है।’ सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के 10 जरूरी बिलों को राज्यपाल की ओर से रोके जाने को अवैध भी बताया था।

धनखड़ ने पूछा- जस्टिस वर्मा केस में FIR क्यों नहीं हुई

  • राज्यसभा के प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे पास ऐसे न्यायाधीश हैं जो कानून बनाएंगे, जो कार्यकारी कार्य करेंगे, जो ‘सुपर संसद’ के रूप में भी कार्य करेंगे। उनकी कोई जवाबदेही नहीं होगी, क्योंकि देश का कानून उन पर लागू नहीं होता है।’
  • ‘लोकतंत्र में चुनी हुई सरकार सबसे अहम होती है और सभी संस्थाओं को अपनी-अपनी सीमाओं में रहकर काम करना चाहिए। कोई भी संस्था संविधान से ऊपर नहीं है।’
  • ‘जस्टिस वर्मा के घर अधजली नकदी मिलने के मामले में अब तक FIR क्यों नहीं हुई? क्या कुछ लोग कानून से ऊपर हैं। इस केस की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन जजों की इन-हाउस कमेटी बनाई है। इसका कोई संवैधानिक आधार नहीं है। कमेटी सिर्फ सिफारिश दे सकती है, लेकिन कार्रवाई का अधिकार संसद के पास है।’
  • ‘अगर ये मामला किसी आम आदमी के घर होता, तो अब तक पुलिस और जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी होतीं। न्यायपालिका हमेशा सम्मान की प्रतीक रही है, लेकिन इस मामले में देरी से लोग असमंजस में हैं।’

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular