Wednesday, April 23, 2025
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आतंकियों ने अभी ही क्यों किया कश्मीर हमला: मोदी सऊदी में, अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत में; क्या पाक सेना प्रमुख ने पहले ही दिया संकेत


22 अप्रैल 2025 को जब पीएम नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत में मौजूद थे, उसी दिन जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने बड़ा हमला कर दिया। 25 साल पहले जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत आए थे, तब भी ऐसा आत

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सवाल उठता है कि कश्मीर में अभी हमला होना क्या सिर्फ एक संयोग है या आतंकियों की सोची-समझी रणनीति। 4 थ्योरी में समझिए आतंकियों के मंसूबों की पूरी कहानी…

थ्योरी-1: अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत के दौरे पर; आतंकी दिखाना चाहते हैं कि हम कभी भी कुछ भी कर सकते हैं

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस कल यानी सोमवार को 4 दिन की भारत यात्रा पर पहुंचे। उनका प्लेन सुबह 9:45 बजे दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा। जेडी वेंस के साथ उनकी पत्नी उषा और तीनों बच्चों- इवान, विवेक और मिराबेल भी भारत आए।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें रिसीव किया। एयरपोर्ट पर ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। वेंस, उनकी पत्नी और बच्चों के सामने कलाकारों ने पारंपरिक नृत्य पेश किया। इसके बाद वेंस परिवार दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर गया और वहां करीब 1 घंटे रुका।

वेंस करीब 6:30 बजे PM से मिलने 7 लोक कल्याण मार्ग पहुंचे थे, जहां PM ने उन्हें रिसीव किया। उपराष्ट्रपति बनने के बाद यह जेडी वेंस की पहली आधिकारिक भारत यात्रा है।

इसी तरह 20 मार्च 2000 को जब तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत आए थे, तो अनंतनाग जिले के छत्तीसिंहपोरा गांव में हथियारबंद आतंकियों ने हमला कर दिया। इसमें 35 सिख मारे गए थे। कश्मीर में ये पहली बार था कि आतंकियों ने सिखों को निशाना बनाया था।

आतंकियों ने यही दिन क्यों चुनाः अमेरिकी उपराष्ट्रपति की यात्रा का एक सिक्योरिटी प्रोटोकॉल होता है। उनके आने से पहले ही दो C-17 ग्लोबमास्टर प्लेन आ गए थे। अमेरिकी एजेंसियों ने डेरा जमा लिया। इंटेलिजेंस एक्टिवेट है। इसके बावजूद आतंकियों ने कश्मीर पर हमला करके ये संदेश देने की कोशिश की है कि हम कभी भी कुछ भी कर सकते हैं।

थ्योरी-2: मोदी सऊदी अरब के दौरे पर; आतंकी संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर का मुद्दा मरा नहीं है

22 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचे। दो दिन का ये दौरा कई दिनों पहले से तय था। सऊदी अरब के दौरे में पीएम मोदी वहां के क्राउन प्रिंस से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच योग, मीडिया, मनोरंजन और खेल को लेकर MoU साइन होने की उम्मीद हैं।

इसके अलावा सऊदी की जेलों में बंद 2633 भारतीयों को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत हो सकती है। साथ ही दोनों देश इकोनॉमिक कॉरिडोर और फ्री-ट्रेड एग्रीमेंट पर भी चर्चा कर सकते हैं।

ऐसे में सऊदी अरब के पारंपरिक दोस्त और रणनीतिक साझेदार पाकिस्तान को पीएम मोदी का ये दौरा कहीं न कहीं चुभ रहा है। थिंक टैंक सनोबर इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर और पाकिस्तानी एनालिस्ट कमर चीमा मानते हैं कि पीएम मोदी का सऊदी दौरा पाकिस्तान के लिए एक तरह की चुनौती है। कमर चीमा के मुताबिक, सऊदी अरब पाकिस्तानी भिखारियों के लिए नया नियम ला रहा है। वहीं भारत के पीएम मोदी अरबों डॉलर की डील करने जा रहे हैं।

आतंकियों ने यही दिन क्यों चुना: आतंकियों ने सऊदी अरब समेत मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देशों और भारत सरकार को एक मैसेज देने की कोशिश की है कि कश्मीर का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जरनल संजय कुलकर्णी कहते हैं, ‘ये आतंकी हमला टाइमिंग देखकर और सुनियोजित तरीके से किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी मिडिल ईस्ट गए हुए हैं। ऐसे में ये वारदात भारत को नीचा दिखाने के लिए हुई है।’

थ्योरी-3: कश्मीर के लिए ट्रेन शुरू होने वाली थी; आतंकी कश्मीर टूरिज्म प्लान फेल करना चाहते हैं

भारत ने चिनाब ब्रिज पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज तैयार कर लिया है। इससे अब श्रीनगर के लिए सीधी रेल कनेक्टिविटी संभव हो पाई है। 25 जनवरी को कटरा-श्रीनगर रूट का सफल ट्रायल हुआ था। ट्रेन सुबह 8 बजे कटरा से रवाना हुई और 11 बजे श्रीनगर पहुंची। ट्रेन ने 160 किमी का सफर 3 घंटे में पूरा किया था।

19 अप्रैल 2025 को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले थे। साथ ही कटरा (माता वैष्णो देवी) पहुंचकर जम्मू-श्रीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने वाले थे। हालांकि किन्हीं वजहों से उन्होंने ये प्लान पोस्टपोन कर दिया। देश के बाकी हिस्सों से कश्मीर की ट्रेन कनेक्टिविटी होने से पर्यटन तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।

आतंकियों ने यही दिन क्यों चुनाः रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी कहते हैं कि अब हमले के बाद सुरक्षाबल कासो (कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन) शुरू करेंगे। अब कश्मीर के पूरे इलाके में फिर से सुरक्षाबलों की सख्ती शुरू हो जाएगी। इससे इलाके में टूरिज्म पर फिर असर पड़ेगा। आतंकियों का मकसद यही है कि कश्मीर के टूरिज्म पर चोट की जाए। ऐसे हमलों से टूरिस्ट के मन में भी डर बैठ जाता है।

थ्योरी-4: अमरनाथ यात्रा के लिए बर्फ हटाने का काम शुरू, आतंकियों ने यात्रा पर भी धमकी दी

3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। इसके लिए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन यानी BRO ने यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने के काम शुरू कर दिया है। जबकि सेना और जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से इसकी सुरक्षा बंदोबस्त और व्यवस्थाओं को लेकर तैयारी की जा रही है।

इस बार अमरनाथ यात्रा 62 होने वाली है, जो 9 अगस्त को समाप्त होगी। हर साल होने वाली ये यात्रा हमेशा सुरक्षा के मद्देनजर काफी संवेदनशील है। इस पर हमला होने के खतरा बना ही रहता है। इसके चलते जम्मू-कश्मीर सिक्योरिटी और इंटेलिजेंस एजेंसियां चौकन्नी रहती हैं।

आतंकियों ने यही दिन क्यों चुना: जिस जगह हमला हुआ है, उसी जगह से अमरनाथ यात्रा शुरू होती है। पहलगाम के बेस कैंप से यात्रा शुरू होती है। करीब 36 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद श्रद्धालु अमरनाथ पहुंचते हैं। ऐसे में पहलगाम में हमला कर आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा के लिए धमकी दी है।

अहम सवाल- क्या पाकिस्तान सेना प्रमुख ने आतंकी हमले का हिंट दे दिया था?

पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने पिछले हफ्ते हिंदू-मुसलमान में दरार डालने वाली बात कही थी और कश्मीर को पाकिस्तान की ‘गले की नस’ बताया था। उन्होंने कश्मीर को गाजा से जोड़ते हुए कहा, पाकिस्तानियों का दिल गाजा के मुसलमानों के साथ धड़कता है। इस्लामाबाद में पहले ओवरसीज पाकिस्तानी सम्मेलन में जनरल मुनीर ने कहा…

  • पाकिस्तान की नींव कलमे (इस्लाम धर्म का मूल मंत्र) पर रखी गई है। हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। हमारा धर्म अलग है, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं। हमारी संस्कृति और सोच अलग है। यही टू-नेशन थ्योरी की नींव थी।
  • हमारे पूर्वजों ने सोचा कि हम हिंदुओं से अलग हैं। हमारी सोच, हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। इसी वजह से हम दो देश हैं, एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। हम जानते हैं कि इसकी रक्षा कैसे करनी है।
  • जनरल मुनीर ने कहा- आज तक सिर्फ दो रियासतों की बुनियाद कलमे पर पड़ी। पहली रियासत-ए-तैयबा, क्योंकि तैयबा को हमारे नबी (मोहम्मद साहब) ने नाम दिया था। आज उसे मदीना कहते हैं। वहीं, दूसरी रियासत 1300 साल बाद अल्लाह ने पाकिस्तान बनाई।
  • हमारा रुख बिल्कुल साफ है। कश्मीर हमारी गले की नस था, है और रहेगा। हम इसे कभी नहीं भूलेंगे। हम अपने कश्मीरी भाइयों को उनके वीरतापूर्ण संघर्ष में अकेले नहीं छोड़ेंगे।

रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल संजय कुलकर्णी कहते हैं जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक आतंकियों ने नाम पूछकर लोगों को मारा है, अगर आतंकियों ने चुन-चुनकर मारा है, ये भी काफी कुछ कहता है।

———————— कश्मीर में आतंकी हमले से जुड़ी अन्य खबर जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के बाद सबसे बड़ा हमला, 26 मौतें:आतंकियों ने टूरिस्ट के नाम पूछकर गोली मारी, इजराइल-इटली के 2 टूरिस्ट मारे गए

जम्मू-कश्मीर में 2019 के पुलवामा अटैक के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है। आतंकियों ने मंगलवार को पर्यटकों पर फायरिंग की, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक इटली और एक इजराइल का पर्यटक और 2 स्थानीय नागरिक शामिल हैं। बाकी पर्यटक गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के हैं। पढ़िए पूरी खबर…



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