अगर मन में ठान लें तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती, इस बात को सही साबित किया है राजगढ़ जिले के दो होनहार युवाओं ने। खिलचीपुर के अन्वेश गुप्ता ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2024 में 426वीं रैंक हासिल की है, वहीं उदनखेड़ी के योगेश राजपूत ने 540वीं रैंक लाकर
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बचपन में देखा था कलेक्टर ऑफिस, वहीं बना सपना आईआईटी दिल्ली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कर चुके अन्वेश गुप्ता ने बताया कि राजगढ़ में स्कूल के दिनों में जब वे कलेक्टर ऑफिस के सामने से गुजरते थे, तो मन में सवाल उठता था, “इतने लोग यहां क्यों आते हैं?” उसी जिज्ञासा ने उन्हें सिविल सेवा की ओर प्रेरित किया। उन्होंने इंजीनियर बनने के बाद दिल्ली, इंदौर या कोटा जैसे बड़े शहरों की बजाय अपने गृह नगर खिलचीपुर में रहकर ही तैयारी की। रोज़ाना 8 से 10 घंटे की पढ़ाई और सही दिशा में मेहनत ने उन्हें सफलता दिलाई।
अन्वेश बताते हैं कि, “सफलता दिमाग में न रखें और असफलता दिल पर नहीं लें। समाज के लिए कुछ करने की भावना हो, तो बार-बार प्रयास करना चाहिए।” चौथे प्रयास में उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।
पहली बार रैंक कम मिली, हार नहीं मानी उदनखेड़ी निवासी योगेश राजपूत ने भी अपने बुलंद हौसले से बता दिया कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। वर्ष 2022 में यूपीएससी परीक्षा पास करने के बावजूद मनचाही रैंक न आने पर उन्होंने संतोष नहीं किया। उन्होंने दोबारा प्रयास किया और इस बार 540वीं रैंक हासिल की।
किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले योगेश के पिता उदनखेड़ी में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चलाते हैं। योगेश ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूलों में की और बाद में इंदौर में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। उनका कहना है, “रैंक से संतुष्ट नहीं था, इसलिए फिर से जुट गया। आत्मविश्वास और निरंतरता ही मेरी सबसे बड़ी पूंजी रही।”
गांव में मनाया गया जश्न, मिठाई बांटी गई दोनों युवाओं की सफलता पर परिजनों के साथ पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई। खिलचीपुर और उदनखेड़ी में आतिशबाजी और मिठाइयों के साथ जश्न मनाया गया, वहीं समाजजनों और मित्रों ने उन्हें शुभकामनाएं और बधाइयां दीं।
इस वर्ष यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में कुल 1009 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इन सफल युवाओं में शामिल होकर अन्वेश और योगेश ने यह साबित कर दिया है कि गांव की गलियों से निकलकर भी देश की सबसे कठिन परीक्षा में बाजी मारी जा सकती है।