शहडोल की ग्राम पंचायत रसपुर में रेत खनन से उत्पन्न जल संकट ने गंभीर रूप ले लिया है। स्थानीय किसानों और जिला पंचायत सदस्य पुष्पेंद्र पटेल ने इस मुद्दे को लेकर ब्यौहारी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है।
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किसानों का कहना है कि रेत खनन से गांव का जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। इससे कुएं और तालाबों का पानी कम हो रहा है। स्थानीय किसान रामकृष्ण ने बताया कि उनकी खेती पूरी तरह जल स्रोतों पर निर्भर है। जल स्तर में गिरावट से उनकी कृषि भूमि बंजर होती जा रही है।
सरपंच और सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासन से इस समस्या को गंभीरता से लेने की मांग की है। उनका कहना है कि तालाबों में पानी की कमी से गांव की जलापूर्ति प्रभावित हो रही है।
रेत खनन उद्योग से जुड़े लोगों का मानना है कि यह रोजगार का जरिया है और विकास के लिए जरूरी है। हालांकि विशेषज्ञों के अनुसार, बिना उचित नियंत्रण के रेत खनन न सिर्फ जल स्तर को प्रभावित करेगा, बल्कि वॉटर रिचार्ज की प्रक्रिया को भी नुकसान पहुंचाएगा।