हमले के दौरान घाटी में थे चार परिवार के लोग
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान चिरमिरी के 4 परिवारों के 11 सदस्य भी घटनास्थल पर थे। गोलीबारी के बीच उनके साथ मौजूद व्यवसायी युवक नजाकत अली ने उन्हें बेसरन घाटी से बचाकर निकाला और होटल तक लेकर पहुंचे। सभी 11 सदस्य श्रीनगर में आर्मी
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पहलगाम में हुए आतंकी हमले के दौरान एमसीबी जिले के चिरमिरी के 11 सदस्य भी मौजूद थे। इनमें कुलदीप स्थापक, अरविंद अग्रवाल, हैप्पी बधावान एवं शिवांश जैन का परिवार शामिल है। कुलदीप स्थापक की पत्नी पूर्वा स्थापक नगर निगम चिरमिरी के वार्ड क्रमांक 12 की पार्षद हैं। इनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। वे 22 अप्रैल को पहलगाम के बेसरन घाटी में घूमने पहुंचे थे।
कश्मीरी व्यवसायी नजाकत, जिसने सभी को निकाला बाहर
चलने लगी गोली तो नजाकत ने बचाया पूर्व पार्षद शिवांश जैन ने घटना के बाद परिवारजनों को फोन कर बताया कि जब गोली चलने लगी तो उनके साथ कश्मीर के व्यवसायी युवक नजाकत अली ने सामने आकर सभी को बाहर निकाला। इस दौरान 9 सदस्य निकलने में कामयाब रहे। अरविंद अग्रवाल की पत्नी एवं बच्चे को सेना के जवानों ने होटल तक पहुंचाया।

शिवांश जैन ने घाटी से शेयर की थी फोटो
कश्मीर के निवासी नजाकत अली एवं उनके साथ हर साल सर्दियों में कश्मीरी शॉल एवं गर्म कपड़े बेचने के लिए चिरमिरी परिवार के साथ आते हैं। उनका शिवांश जैन से घनिष्ट संबंध बना हुआ है। चिरमिरी के 11 लोग जब पहलगाम पहुंचे थे तो नजाकत अली उन्हें घूमाने के लिए लेकर बेसरन घाटी पहुंचे थे।
सेना के कैंप में सुरक्षित हैं 11 सदस्य बेसरन घाटी से निकलने के बाद नजाकत अली सभी को होटल पहुंचाया। वहां से सभी लोग आर्मी कैंप श्रीनगर पहुंचे। आर्मी ने सभी को अपने कैंप में सुरक्षित रखा हुआ है। 24 अप्रैल को सभी 11 सदस्य फ्लाइट से दिल्ली के लिए रवाना होंगे। परिजनों को दोपहर में मिली सूचना
शिवांश जैन की मां ने बताया कि घटना की सूचना साढ़े तीन बजे मिली, जब सभी लोग सुरक्षित होटल में पहुंच गए थे। वहीं इनके दोस्त से फोन में बात हुई। 9 बजे फोन की बताया कि महिला-पुरुष को अलग-अलग सुरक्षित श्रीनगर पहुंचाया गया है।