Thursday, April 24, 2025
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ग्वालियर में डिजिटल अरेस्ट मामले में दो बड़े खुलासे: दुबई में ATM से निकाले ठगी के दो लाख रुपए, 50 अकाउंट में जमा हुए 5 करोड़ – Gwalior News


रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद जिनके साथ डिजिटल अरेस्ट कर ठगी हुई।

ग्वालियर के रामकृष्ण मिशन के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के मामले में दो नए खुलासे हुए हैं। उज्जैन के नागदा स्थित बंधन बैंक में जांच के लिए पहुंची ग्वालियर की SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) को बैंक में 50 से ज्यादा संदिग्ध अकाउ

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ग्वालियर पुलिस सिर्फ एक अकाउंट होल्डर राहुल कहार की तलाश में गई थी। बल्क में इस तरह के अकाउंट की डिटेल मिलने से यह बात तो साफ है कि बंधन बैंक के असिस्टेंट मैनेजर, महिला कैशियर ठगों के साथ मिलकर बड़ा रैकेट चला रहे थे। यह पैसा इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड उज्जैन निवासी उदयराज ने ठिकाने लगाया है। उदय के राइट हैंड तुषार गोमे ने पुलिस पूछताछ में खुद तीन महीने में 60 चेक के जरिए 3 करोड़ रुपए निकालकर उदयराज को देने की बात कबूली है। हालांकि ग्वालियर पुलिस सिर्फ ग्वालियर से ठगे गए 10 लाख रुपए की जांच को ही आगे बढ़ा रही है।

दुबई में निकाले गए ठगी की रकम के दो लाख रुपए जांच में यह भी सामने आया है कि ग्वालियर में हुई डिजिटल अरेस्ट का दुबई कनेक्शन भी है। दुबई की एक निजी बैंक के अकाउंट में गए ठगी के रुपयों में से वहां ATM के जरिए दो लाख रुपए निकाले गए हैं। इससे साफ हो गया है कि डिजिटल अरेस्ट करने वाले रैकेट के तार पड़ोसी देशों से भी जुड़े हैं। पहले भी इस तरह से ठगे गए रुपए टेलीग्राम चैटिंग एप पर एक चाइनीज ग्रुप की मदद से यूएसडीटी कराकर डॉलर, क्रिप्टो करेंसी या बिट कॉइन में कन्वर्ट कर ठिकाने लगाए गए थे।

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बंधन बैंक के बाद अब इंडसइंड बैंक की डिटेल ने चौंकाया ग्वालियर में रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव स्वामी सुप्रदिप्तानंद को 26 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर ठगे गए 2.53 करोड रुपए कई बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किए गए थे। इनमें से सबसे बड़ी राशि 1.30 करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश के प्रयागराज (इलाहाबाद) के इंडसइंड बैंक के खाते में पहुंची थी। पुलिस की SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) जब प्रयागराज पहुंची तो यहां भी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। इंडसइंड बैंक में आए ठगी के 1.30 करोड़ रुपए तत्काल 20 अन्य बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए गए। जिस अकाउंट में ठगी की रकम पहुंची थी, उसकी डिटेल निकालने पर पता लगा कि यह किसी बोगस फर्म के नाम पर संचालित हो रहा था। शैल कंपनी के नाम पर यह अकाउंट था। पुलिस ने 20 अकाउंट की पूरी डिटेल निकाली है। फर्म का पता फर्जी निकला है। पुलिस को आशंका है कि बंधन बैंक की तरह यहां भी बैंककर्मी और ठगों की मिलीभगत से कोई उदयराज जैसा मास्टर माइंड सक्रिय होगा।

बंधन बैंक की महिला कैशियर काजल जैसवाल

बंधन बैंक की महिला कैशियर काजल जैसवाल

मास्टर माइंड उदयराज, ऑफिस बॉय हिमांशु की तलाश

  • स्वामी सुप्रदिप्तानंद से ठगी के मामले में पुलिस को मास्टर माइंड उदयराज और बंधन बैंक के ऑफिस ब्वॉय हिमांशु की तलाश है।
  • बैंक प्रबंधन को पत्र लिखकर पुलिस ने तुषार गोमे द्वारा किन-किन खातों से कितनी राशि निकाली गई है इसकी पूरी जानकारी मांगी है।

ठगों से मिला हुआ था असिस्टेंट मैनेजर

  • बंधन बैंक के मैनेजर विश्वजीत बर्मन ने बताया कि ठगी के खातों से 5 लाख रुपए से अधिक रकम निकालने पर सिस्टम से अलर्ट जनरेट होता था और खाते का वेरिफिकेशन मांगा जाता था।
  • इस पर असिस्टेंट मैनेजर वेरिफिकेशन में सात दिन से अधिक समय लगा देते थे। इस दौरान ठग खाते से सभी रकम निकाल लेते थे।
  • इस तरह से अलर्ट के बाद भी बड़ी राशि निकाले जाने वाले ऐसे 50 बैंक खातों को फ्रीज किया जा चुका है।
  • विश्वजीत ने बताया कि वह लगभग 18 साल से बैंक की अलग-अलग शाखाओं में पदस्थ रहा है।
  • उज्जैन में वह तीन माह से ठग उदयराज के संपर्क में था।
  • बताया यह भी गया है कि बैंक का पुराने मैनेजर भी ठगों के संपर्क में था।
  • पुलिस अब पुराने मैनेजर से भी पूछताछ करेगी और विश्वजीत की अन्य शाखाओं में पदस्थापना के कार्यकाल की भी जांच कराएगी।
  • उज्जैन में रह कर फर्जी बैंक खातों से ठगी के रुपए निकाल कर उदयराज अलग-अलग डिजीटल करेंसी में बदल कर ठगों से सौदा करता था।
  • तुषार गोमे के बयान के अनुसार उदयराज के संपर्क दुबई के गैंग से होने का भी संदेह है।

​​​​​​​डिजिटल अरेस्ट से ठगी की पूरी टाइम लाइन

  • 17 मार्च की शाम स्वामी सुप्रदिप्तानंद को ठगों का कॉल आया।
  • 17 मार्च को ही डिजिटल अरेस्ट कर वॉट्सऐप कॉल शुरू कर दिए।
  • 18 मार्च को पहली बार आश्रम के फंड को जांच के लिए ट्रांसफर करने कहा।
  • 11 अप्रैल तक 2.53 करोड़ रुपए 3 विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कराए।
  • 11 अप्रैल को तीन दिन में यह पैसा जांच कर लौटाने का आश्वासन दिया।
  • 15 अप्रैल तक कोई पैसा नहीं लौटा, कॉल रिसीव नहीं किया।
  • 16 अप्रैल को ग्वालियर क्राइम ब्रांच में FIR दर्ज की गई।
  • 18 अप्रैल को अकाउंट की डिटेल पुलिस के पास पहुंची, टीम उज्जैन रवाना।
  • 19 अप्रैल की रात उज्जैन के नागदा से छह लोगों की गिरफ्तारी।
  • 20 अप्रैल को उज्जैन से आरोपियों को लेकर ग्वालियर पहुंचे।
  • 21 अप्रैल को प्रयागराज के लिए एक टीम रवाना।
  • 22 अप्रैल को नोएडा, दिल्ली के लिए टीम रवाना।



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