पाक रेंजर्स की हिरासत में BSF का जवान पीके सिंह।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इसी बीच पाकिस्तानी रेंजर्स ने पंजाब के इंडो-पाक बॉर्डर पर BSF के जवान को हिरासत में लिया है। जिसके बाद उसकी 2 फोटो जारी की गईं। एक फोटो में आंख पर पट्टी बांधी गई है तो दूसरी में बीएसए
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पकड़ा गया BSF जवान पीके सिंह मूल रूप से कोलकाता के जिला हुगली का रहने वाला है। अभी तक उसे छोड़ा नहीं गया है। BSF के अधिकारी लगातार पाक रेंजर्स के संपर्क में हैं।
हालांकि, सूत्रों से पता चला है कि पाक रेंजर्स फिरोजपुर के हुसैनीवाला में फ्लैग मीटिंग के लिए नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते बात सिरे नहीं चढ़ पाई है। उधर, अभी तक BSF की तरफ से कोई बयान भी नहीं आया है।
पाकिस्तानी मीडिया ने BSF जवान का ये फोटो जारी किया है, जिसमें AK-47 राइफल और पानी की बोतल नजर आ रही है।
श्रीनगर से आई बटालियन, किसानों के साथ ड्यूटी पर था जवान दरअसल श्रीनगर से BSF की बटालियन-24 ममदोट में आई है। बुधवार की सुबह किसान अपनी कंबाइन मशीन लेकर खेत में गेहूं काटने गए थे। यह खेत फेंसिंग पर लगे गेट नंबर-208/1 के पास था। किसानों की निगरानी के लिए दो बीएसएफ जवान भी उनके साथ थे। उसी समय एक जवान गलती से बॉर्डर पार कर गया। तभी पाकिस्तानी रेंजर्स बीएसएफ की चेक पोस्ट जल्लोके पर आ गए। उन्होंने बीएसएफ जवान को पकड़ लिया और उसका हथियार भी ले लिया।
कुछ दिन पहले ही ट्रांसफर होकर आया, जीरो लाइन का पता नहीं था जानकारी के मुताबिक जो जवान पकड़ा गया है, वह कुछ दिन पहले ट्रांसफर होकर आया था। उसे जीरो लाइन का पता नहीं था। किसान अपनी फसल की कटाई के लिए मशीन लेकर गए थे। इस दौरान 2 जवान भी उसके साथ थे। गर्मी ज्यादा होने के चलते वह एक पेड़ के नीचे बैठ गया। इस दौरान पाक रेंजर्स ने उसे घेर लिया। साथ ही उसकी राइफल छीन ली। इसके बाद उसे बंदी बना लिया।
BSF ने पाक रेंजर्स से बात की, जवान को नहीं छोड़ा जैसे ही यह खबर मिली, बीएसएफ के बड़े अफसर बॉर्डर पर पहुंचे। जवान को छुड़ाने के लिए पाकिस्तानी रेंजर्स और बीएसएफ अफसरों के बीच रात तक मीटिंग चलती रही। अभी तक वह छोड़ा नहीं गया है। बीएसएफ के अधिकारी लगातार पाक रेंजर्स के संपर्क में हैं। हालांकि, सूत्रों से पता चला है कि पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पाक रेंजर्स हुसैनीवाला में फ्लैग मीटिंग के लिए नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते बात सिरे नहीं चढ़ पाई है। उधर, अभी तक BSF की तरफ से कोई बयान भी नहीं आया है।
क्या है जीरो लाइन जीरो लाइन बॉर्डर का वह हिस्सा होता है, जहां दोनों देशों की सीमाएं मिलती हैं। इस जगह पर किसानों को खेती करने के लिए स्पेशल परमिशन मिलती है। जब किसान फसल बोते या काटते हैं, तो BSF के जवान उनकी सुरक्षा के लिए साथ रहते हैं। इन्हें किसान गार्ड भी कहते हैं।