आईपीएस अनुराग गुप्ता ही बने रहेंगे डीजीपी
झारखंड में डीजीपी नियुक्ति पर चल रही राज्य और केंद्र के बीच की तनातनी को लेकर अब तक कोई स्पष्ट समाधान नहीं निकल पाया है। 30 अप्रैल को राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता रिटायर होने वाले थे, लेकिन राज्य सरकार ने उनके रिटायरमेंट को लेकर कोई घोषणा नहीं की। ऐ
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इधर केंद्र की ओर से राज्य सरकार को भेजे गए पत्र के जवाब में राज्य सरकार की ओर से देर शाम केंद्र को पत्र भेजा गया है। जिसमें केंद्र की ओर से दिए गए आदेश पर विचार करने को कहा गया है। दरअसल सीएम हेमंत सोरेन बीते कुछ दिनों से विदेश दौरे पर थे। वहां से लौटने के बाद उन्होंने देर शाम अधिकारियों के साथ बैठक की। कानूनी सलाह लेने के बाद केंद्र को पत्र लिखा है।
केंद्र की ओर से राज्य सरकार को पत्र लिख कर डीजीपी नियुक्ति को गलत बताया गया।
पत्र में लिखा- नियम संगत हुई है नियुक्ति
सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर यह बताया है कि डीजीपी की नियुक्ति नियम संगत तरीके से हुई है। अनुराग गुप्ता को इसी के मुताबिक डीजीपी बनाया गया है। डीजीपी को 2 साल तक पद पर रखने का नियम है, इसलिए केंद्र इस पर फिर से विचार करें।
सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार अपने तर्क से केंद्र को संतुष्ट करने का प्रयास कर रही है। ताकि अनुराग गुप्ता डीजीपी बने रहें। इस मामले में केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर कानूनी राय लेने के बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है। गौरतलब है कि 30 अप्रैल 2025 को अनुराग गुप्ता 60 साल के हो गए हैं।
डीजीपी नियुक्ति पर होता रहा है उठा-पटक
राज्य सरकार ने 26 जुलाई 2024 को तत्कालीन डीजीपी अजय कुमार सिंह को पद से हटकर अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाया था। झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान भारत निर्वाचन आयोग ने प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता को हटाने का आदेश दिया था।

स्थायी डीजीपी अजय कुमार सिंह को हटा कर अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बनाया था।
इसके बाद उन्हें अक्टूबर 2024 में प्रभारी डीजीपी के पद से हटकर अजय कुमार सिंह को स्थाई डीजीपी बनाया। लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद 28 नवंबर को फिर अजय कुमार सिंह को हटाकर अनुराग गुप्ता को डीजीपी का प्रभार दे दिया गया।
जनवरी में राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए नई नियमावली बनाई। इसके तहत हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई। इसमें मुख्य सचिव, गृह सचिव और यूपीएससी के एक प्रतिनिधि को सदस्य बनाया गया। लेकिन कमेटी की बैठक में यूपीएससी का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। इस कमेटी के अनुशंसा पर अनुराग गुप्ता को स्थायी डीजीपी बनाया गया।