समस्तीपुर में सस्पेंड ASI सरोज सिंह के घर से शुक्रवार को STF ने रेड की। इसमें AK-47 राइफल, इंसास राइफल, रेगुलर राइफल और दो नाली बंदूक के साथ-साथ 145 से अधिक जिंदा कारतूस बरामद किया गया।
.
पटना में गर्दनीबाग की सरिता वाटिका के हाउस नंबर 4-B में उसके घर से 1 करोड़ 40 लाख रुपए कैश मिला। नोट गिनने की मशीन भी बरामद की गई।
सरोज सिंह की सिपाही में नियुक्ति हुई थी। जिसके बाद उसे जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक का बॉडीगार्ड बना दिया गया था। बाहुबली का अंगरक्षक बनने के बाद उसका संपर्क हाई प्रोफाइल लोगों से होने लगा। वो बॉडीगार्ड कम बाहुबली का आदमी बनकर उनके लिए काम करने लगा।
जमीन कारोबारी से लेकर हथियार तस्करों से पहचान हुई। इसी के बाद से सरोज ने बड़े-बड़े सपने देखने शुरू किए। सरोज की नजर गंगा दियारे की 100 बीघा जमीन पर पड़ी। धीरे-धीरे पैसे बढ़ने लगे तो सोने के गहने पहनने का शौक चढ़ गया। लोग गोल्ड मैन कहकर बुलाने लगे।
बताया जा रहा दियारा में छोटे हथियार से काम नहीं होता। लंबी रेंज की राइफल की जरूरत होती। वर्चस्व जमाने के लिए हथियार चमकाने पड़ते हैं।
वहीं, दूसरी तरफ दो दुश्मन प्रिंस मुखिया और नवीन सरोज के लिए सिर दर्द बने थे। अकेले वर्चस्व कायम करने में सरोज को परेशानी हो रही थी। इस कारण सरोज दोनों की हत्या करना चाहता था।
इसी कारण सरोज ने हथियारों की खरीदारी की। पुलिस होने के नाते उसे हथियार लेकर आने में परेशानी नहीं होती थी। मोहिउद्ददीन नगर के सुल्तानपुर गंगा दियारा में सरोज के घर छापेमारी वहीं हथियार मिले थे। पढ़िए सरोज की पूरी कहानी…
सरोज को सोने के गहने पहनने का शौक था।- फाइल फोटो
वर्चस्व के लिए अपने साथियों से हुई दुश्मनी
सरोज को जानने वाले बताते हैं कि शुरुआत में प्रिंस मुखिया, नवीन सिंह और सरोज सिंह, तीनों एक साथ रहते थे। घर भी आसपास ही है। सरोज ने जब दियारा की जमीन पर कब्जा जमाने की सोची थी तब तीनों ने मिलकर बाहरी लोगों को वहां से खदेड़ा।
बाद में सरोज की लालच बढ़ गई। वो चाहता था कि दियारा की पूरी जमीन पर उसका ही राज चले। वर्दी का पावर सरोज के पास अलग था। इसी कारण प्रिंस से उसकी दुश्मनी हो गई, दोनों के रास्ते अलग हो गए। जमीन पर कब्जाने पर सरोज पर केस भी हुआ।

सरोज सिंह के घर से एक राइफल समेत कई हथियार बरामद किए गए हैं।

पटना में छापेमारी के दौरान कैश बरामद किए गए। नोट गिनने की मशीन भी मिली।
गंगा के रास्ते हथियार घर तक लाता था
सरोज का घर गंगा नदी के पास ही। उसे हथियार लाना होता था तो वो नदी का रास्ता चुनता था। रात के अंधेरे में ही हथियार लाता था। उस वक्त पुलिस की पेट्रोलिंग नहीं रहती थी। हथियार लेकर गंगा नदी के रास्ते वो नाव से बाढ़-बख्तियारपुर गंगा पार करता था।
चर्चा है कि बाहुबली से हथियारों का लेना-देना भी होता था। सरोज ने अपने चाचा और चचेरे भाइयों के साथ मिलकर जमीन पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया। खूब पैसे कमाए। दूसरी तरफ प्रिंस से दूरी भी बढ़ती गई।

समस्तीपुर में सरोज सिंह का मकान। इसी घर में शुक्रवार को STF ने रेड की थी।
सरोज को इलाके के लोग गोल्ड मैन भी कहते
सरोज सोना के गहनों का भी शौकीन है। मोटी-मोटी चेन, हाथ में ब्रेसलेट, अंगुलियों में अंगूठी शौक से पहनता है। इस कारण लोग सरोज को गोल्ड मैन भी कहने लगे थे। पत्नी रीता सिंह को भी गहनों से लाद कर रखता था। हाल ही में नोटों की गड्डी के साथ सरोज का फोटो वायरल हुआ था। सरोज के पिता त्रिपुरारी सिंह समान्य किसान थे।
पुलिस रिकार्ड में 6 महीने से था फरार
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार 2008 बैंच का सरोज सिपाही है। जलहानाबाद यातायात थाने में पद स्थापित था। गलत आचरण और प्रशासनिक अनुशासनहीनता के कारण निलंबित कर दिया गया था।
विभागीय कार्रवाई शुरू की गई थी। निलंबन अवधि के दौरान इसे जहानाबाद पुलिस मुख्यालय में रहना था, लेकिन यह जमीन धंधे में लिप्त रहने के कारण 6 महीने से विभागीय रिकॉर्ड में फरार था।

6 महीने पहले सरोज का नोटों की गड्डियों के साथ फोटो वायरल हुआ था।
7 घंटे रेड चली, 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई
शुक्रवार की सुबह 5 बजे से सरोज के घर सर्च ऑपरेशन चला। जो दोपहर 12 बजे खत्म हुआ। STF की टीम ने उसके चाचा परशुराम सिंह के घर की भी तलाशी ली। कहा गया है उसके घर से भी हथियार बरामद हुआ है। STF सरोज, उसके चाचा परशुराम, सरोज के दो चचेरे भाई और एक अन्य को गिरफ्तार कर ले गई थी। कुल 5 गिरफ्तारियां हुई थीं।
परशुराम सिंह की पत्नी मुन्नी देवी ने आरोप लगाया- सर्च अभियान के दौरान पुलिस वाले घर के गहने भी उठाकर ले गए है। जो गलत है। दोनों बेटों को भी पुलिस ले गई है। इन सबसे उसका कोई लेना देना नहीं है।

प्रिंस मुखिया जिसके साथ सरोज की अदावत चल रही थी।
STF रेड की 3 तस्वीरें…

बिहार पुलिस और STF ने सरोज सिंह के घर को घेर लिया है।

सरोज सिंह की घर की छत पर STF के जवान।

आरोपी को पकड़कर लेकर जाती पुलिस।
करीब 8 महीने ड्यूटी से गायब था सरोज
सरोज कुमार सिंह पहले PTC जवान था। जहानाबाद के ट्रैफिक थाना में इसकी पोस्टिंग थी। 20 सितंबर 2024 को ये छुट्टी पर गया था। इसके बाद ये 12 अप्रैल 2025 तक ड्यूटी पर वापस नहीं लौटा। तब जहानाबाद SP ने इसके खिलाफ जांच शुरू करवाई।
सब इंस्पेक्टर उपेंद्र मिश्रा जांच के लिए समस्तीपुर में सरोज के गांव गए, लेकिन घर पर वो नहीं मिला। उपेंद्र मिश्रा घर से मोहिउद्दीन नगर थाने गए, जहां से सरोज की क्रिमिनल हिस्ट्री का पता चला।
उसपर 2013 से लेकर 2024 तक में जानलेवा हमले से लेकर आर्म्स एक्ट के कुल 9 FIR दर्ज मिले। इसके बाद जहानाबाद SP के आदेश पर सरोज के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए।
इस पूरे मामले में पिछले महीने 2 मई को सरोज से 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा गया था।
————————————
ये खबर भी पढ़िए
बिहार में सस्पेंड ASI के घर मिला 1.40 करोड़ कैश:AK-47, 145 कारतूस भी बरामद, रेड करने पहुंची STF पर फायरिंग के बाद 5 गिरफ्तार

समस्तीपुर में सस्पेंड ASI सरोज सिंह के घर से भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला है। शुक्रवार की सुबह STF की टीम और जिला पुलिस की टीम सरोज सिंह के घर रेड करने पहुंची। पुलिस टीम को देखते ही सरोज की ओर से फायरिंग शुरू कर दी गई। फिर STF की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई।छापेमारी के दौरान घर से AK-47 राइफल, इंसास राइफल, रेगुलर राइफल और दो नाली बंदूक के साथ-साथ 145 से अधिक जिंदा कारतूस बरामद किया गया। पूरी खबर पढ़िए