तारीख: 18 सितंबर 2020 जगह: उत्तराखंड का पौड़ी जिला
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वनंतरा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट का काम करने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी अचानक गायब हो गई। उसने बीस दिन पहले ही नौकरी जॉइन की थी। रिसॉर्ट पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य का था। पुलकित ने अगले दिन पुलिस में अंकिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई। फिर उसके परिवार को भी खबर दी। अंकिता के पिता 20 सितंबर को पौड़ी पहुंचे और उदयपुर तल्ला की पटवारी पुलिस चौकी में रिपोर्ट लिखवाई।
शक के आधार पर पुलिस ने पुलकित से पूछताछ की। उसने बताया कि अंकिता रिसॉर्ट के ही एक कमरे में रहती थी। कुछ दिन से काफी तनाव में थी। इसलिए वो और उसके दोस्त 18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश घुमाने ले गए। लौटने के बाद से उसकी खबर नहीं है। पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि पुलकित ने अंकिता पर VIP गेस्ट्स को एक्स्ट्रा सर्विस देने का दबाव डाला था, जो उसने मना कर दिया था।
इसी बात से नाराज पुलकित ने स्टाफ के साथ मिलकर अंकिता को चीला नहर में धक्का देकर मार डाला था। 30 मई को 2 साल 8 महीने के बाद कोटद्वार जिला कोर्ट ने इस केस में फैसला सुनाया। कोर्ट ने पुलकित आर्य, रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और रिसॉर्ट स्टाफ अंकित उर्फ पुलकित गुप्ता को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।
हालांकि अंकिता का परिवार सजा से संतुष्ट नहीं है। पिता वीरेंद्र सिंह चाहते हैं कि मौत के बदले मौत मिले। वहीं दोषियों के वकील पुलिस पर जबरदस्ती फंसाने का आरोप लगा रहे है। वे कहते हैं, हमारे पास अंकिता के सुसाइड करने का सबूत है, जिसे नजरअंदाज किया गया।
हमने इस केस में आए फैसले को लेकर अंकिता के परिवार और दोनों पक्षों के वकीलों से बात कर पूरा मामला समझने की कोशिश की।
अंकिता के माता-पिता बोले… मौत के बदले मौत मिले, ताकि फिर किसी के साथ ऐसा न हो जिला कोर्ट ने पुलिस और SIT की जांच को संतोषजनक बताया है। हालांकि अंकिता के माता-पिता इस फैसले से खुश नहीं है। कोटद्वार में 30 मई को जब फैसला आया तो दोनों उदास दिखे। मां के आंसू नहीं थम रहे थे। पिता वीरेंद्र सिंह ने खुद को संभालते हुए मीडिया से बात की। वे तीनों दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग करते हैं।
वे कहते हैं, ‘हमें मौत के बदले मौत चाहिए। तीनों को फांसी हो। घटना के बाद रिसॉर्ट सील किया गया, लेकिन कुछ लोगों ने उसे तोड़ने की कोशिश की, ताकि सबूत मिटाया जा सके। रिसॉर्ट के सभी कर्मचारियों ने सही बयान दिए, सिर्फ चंद्रकिरण उर्फ शिवम ने खुद को बेच दिया। उसने अंकिता के खिलाफ गवाही दी।’

कोटद्वार कोर्ट के बाहर बैठी अंकिता की मां सोनी भी कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं दिखीं। वे कहती हैं, ‘तीनों दोषी कल को जेल से बाहर भी आ सकते हैं। मैं यही चाहती हूं कि पौड़ी की किसी बेटी के साथ फिर ऐसा अपराध न हो। ऐसे लोगों को जीने का कोई अधिकार नहीं है। इन्हें फांसी की सजा होनी चाहिए।’
वे आगे कहती हैं, ‘हम केस की सुनवाई के लिए 3 बसें बदलकर यहां (कोटद्वार कोर्ट) तक आते रहे। मेरी तबीयत खराब रहती है, उस हालात में भी आए। कई बार तो मेरी हालत के चलते मेरे पति को मुझे आधे रास्ते में छोड़कर कोर्ट आना पड़ा। हम सब बस यही चाहते हैं कि कल को किसी और मां-बाप को ये दिन न देखने पड़ें।’

अंकिता की ये तस्वीर उनके फैमिली मेंबर्स के साथ है। (फाइल फोटो)
अंकिता के वकील ने बताई पूरी घटना… घर लौटना चाहती थी अंकिता, दोस्त पुष्पदीप से शेयर की थी इनसिक्योरिटी केस में 97 में से 47 गवाहों के बयान और लगभग ढाई साल की लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है। हमने माता-पिता के बाद अंकिता के वकील अवनीश नेगी से भी बात की।
उनका कहना है कि ये केस परिस्थितिजनक साक्ष्यों का है। इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस जैसे- CCTV फुटेज, वॉट्सएप चैट और लोकेशन के साथ 47 गवाहों से पूछताछ की गई। उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से हमें घटना की टाइमलाइन समझाई, जिसके आधार पर दोषियों की पहचान हुई।
वे बताते हैं, ‘अंकिता रिसॉर्ट में काफी इनसिक्योर थी। 11 सितंबर को उसने अपने दोस्त पुष्पदीप और रिसॉर्ट में स्टाफ विवेक आर्य को बताया भी था कि पुलकित ने उसे किस करने की कोशिश की थी।’

17 सितंबर को भी अंकिता ने पुष्पदीप को चैट पर बताया था कि रिसॉर्ट में कोई VIP गेस्ट आने वाला है। उसे गेस्ट को एक्स्ट्रा सर्विस देने को कहा गया और बदले में 10,000 रुपए ऑफर किए गए।
‘अंकिता ने इस बात पर रिसॉर्ट के असिस्टेंट मैनेजर अंकित गुप्ता को डांटा भी था। उसने परेशान होकर 18 सितंबर की शाम 6 बजे पुष्पदीप को फोन कर कहा था कि वो घर लौटना चाहती है। वो किसी तरह उसे रिसॉर्ट से निकाल ले जाए। अंकिता ने रिसॉर्ट में स्टाफ सौरभ बिष्ट से भी मदद मांगी थी। उसने अपना बैग सड़क तक पहुंचाने के लिए कहा था।‘
अंकिता को मारने की साजिश क्यों रची गई? इस पर अवनीश बताते हैं, ‘तीनों दोषियों ने पहले अंकिता के साथ फिजिकल होने की कोशिश की।’

‘गवाहों के बयानों में अंतर्विरोध से पैदा हुआ शक’ अवनीश बताते हैं, ’18 सितंबर को तीनों अंकिता को लेकर ऋषिकेश गए। इनके रिसॉर्ट से निकलने की तस्वीर CCTV में दर्ज हुई। जिसमें अंकिता आखिरी बार रात 9 बजे पुलकित के पीछे स्कूटी पर बैठी देखी गई। इनके साथ सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता मोटरसाइकिल से थे। रिसॉर्ट के स्टाफ अभिनव कश्यप और खुशराज ने भी इन्हें जाते हुए देखा था।’
‘ऋषिकेश में इन सबने स्नैक्स खाए और वहीं तीनों लड़कों को शराब पीते देखा गया। ये लोग एम्स के बाहर लगे CCTV कैमरे में भी कैद हुए। यहीं से अंकिता ने अपने दोस्त पुष्पदीप को कॉल किया।’

अंकिता ने बताया- वो इन तीनों के बीच फंस गई है और ये लोग उसके साथ कुछ भी कर सकते हैं। इसके बाद रात 8:30 बजे अंकिता का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।
अवनीश के मुताबिक, ‘इसके बाद इनके बीच आपस में बहस हुई और तीनों ने अंकिता को नहर में धकेल दिया। रात 9.38 बजे पुलकित ने अंकिता का मोबाइल ऑन करने की कोशिश की। फोन में बैटरी नहीं थी इसलिए वो सिर्फ 10 सेकेंड के लिए ऑन हुआ और बंद हो गया। उसी से अंकिता की आखिरी लोकेशन नहर के पास मिली। जांच में सौरभ, अंकित और पुलकित की लोकेशन भी उस वक्त वहीं मिली।’

उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और पूर्व BJP नेता विनोद आर्य का बेटा पुलकित आर्य (बाएं) और मृतक अंकिता भंडारी (दाएं)।
तीनों दोषियों ने रिसॉर्ट स्टाफ को सुनाई झूठी कहानी ‘अंकिता को नहर में धकेलने के बाद तीनों रिसॉर्ट पहुंचे। तीनों ने यहां स्टाफ के सामने एक कहानी गढ़ने की कोशिश की। लौटते वक्त अंकित गुप्ता ने रिसॉर्ट के शेफ मनवीर चौहान को कॉल कर 4 लोगों के लिए खाना बनाने को कहा। इस पर मनवीर ने जब पूछा कि क्या अंकिता भी उनके साथ है तो घबराकर उसने हां कर दिया।
‘इसके बाद अंकित लॉन में खाना लगाने के लिए कहता है। वो मनवीर से अंकिता के खाने की प्लेट लेकर उसके रूम में रख आता है, ताकि किसी को अंकिता के न लौटने का पता न चले। अगले दिन तीनों कहानी बनाते हैं कि अंकिता रिसॉर्ट से गायब हो गई है।’
अवनीश आगे बताते हैं, ‘पुलकित, सौरभ और अंकित गुप्ता को रिसॉर्ट लौटते वक्त भी वहां के स्टाफ अभिनव और विश्वास ने देखा था। उन्होंने गवाही के दौरान बताया भी था कि घटना के दिन सिर्फ ये तीनों ही लौटे थे। अंकिता उनके साथ नहीं थी।’
मनवीर और एक अन्य स्टाफ चन्द्रकिरण उर्फ शिवम ने अंकिता के गायब होने की जानकारी क्षेत्रीय पटवारी वैभव प्रताप सिंह को दे भी दी थी, लेकिन इससे पहले ही पुलकित ने पुलिस को कॉल करके अंकिता के गुमशुदा होने की शिकायत कर दी।

CCTV और फोन रिकॉर्डिंग खंगालने के बाद पकड़े गए आरोपी 22 सितंबर को ASI मनोहर सिंह रावत वनंतारा रिसॉर्ट पहुंचे। वहां से पता चला 18 सितंबर को पुलकित आर्य और अंकिता के बीच बहस हुई थी। फिर उसे रिसॉर्ट से बाहर ले जाने की बात पता चली। ये भी पता चला कि अंकिता ने रिसॉर्ट से भागने के लिए स्टाफ से मदद भी मांगी थी।
23 सितंबर को जब फॉरेंसिक टीम जांच के लिए अंकिता के कमरे में गई, तो वहां खाने की प्लेट रखी मिली लेकिन उस पर किसी के फिंगरप्रिंट नहीं मिले। इससे शक और बढ़ा कि प्लेट से फिंगरप्रिंट मिटाने की कोशिश क्यों की गई। इसके बाद पुलिस ने सड़क के CCTV फुटेज, फोन रिकॉर्डिंग और वॉट्सएप चैट खंगाले। इसके आधार पर पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया।
घटना के 6 दिन बाद 24 सितंबर को अंकिता का शव उसी नहर से मिला, जहां उसकी आखिरी लोकेशन मिली थी। एम्स ऋषिकेश में उसका पोस्टमॉर्टम किया गया। डॉक्टर की टीम ने क्राइम सीन भी गई। इसके बाद अंकिता के शरीर पर मौजूद चोटों के आधार पर टीम ने बताया कि वो एक्सीडेंटल स्लिप से पानी में नहीं गिरी, बल्कि उसके शरीर को एक झटके के साथ नहर में फेंका गया। जांच के लिए SIT बनाई गई।

SDRF की रेस्क्यू टीम ने चीला नहर से अंकिता का शव (लाल घेरे में) बरामद किया था।
क्राइम सीन रिसॉर्ट नहीं, नहर को माना गया आरोप है कि सबूत मिटाने के लिए वनंतरा रिसॉर्ट को ध्वस्त करने की कोशिश की गई। कोर्ट में सबूतों के साथ ये बात बताई गई कि रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलवाया गया। ये कार्रवाई SDM और BJP विधायक रेनू बिष्ट के निर्देश पर हुई थी।
इस पर अवनीश कहते हैं, रिसॉर्ट को तोड़ने की कोशिश की गई, लेकिन वो क्राइम सीन नहीं था। घटना नहर के पास हुई। कमरे में कुछ नहीं किया गया। इसलिए नहर को क्राइम सीन माना गया। रिसॉर्ट में सेक्स वर्क होने के दावों की बात करें तो ये साबित नहीं हुआ है कि वहां कुछ ऐसा होता था। ये जरूर है कि तीनों दोषियों ने अंकिता को सेक्स वर्क में धकेलने का दबाव बनाया था।’

प्रशासन ने आरोपी पुलकित के रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलाकर उसका बड़ा हिस्सा तोड़ दिया था।
दोषी के वकील बोले… पुलिस ने जनता के दबाव में फर्जी केस प्लांट किया इसके बाद हम बचाव पक्ष के वकील अनुज पुंडीर से मिले। उनका कहना है कि पुलिस ने जनभावना के दबाव में आकर तीनों दोषियों के खिलाफ हत्या का फर्जी केस प्लांट किया। एविडेंस को मिटाने की कोशिश की। जांच कर रही एजेंसी ने अंकिता की मौत की सही वजह जानने की कोशिश ही नहीं की।’
अनुज बताते हैं, ‘अंकिता का जम्मू के रहने वाले पुष्पदीप बावोरिया से अफेयर चल रहा था। वनंतरा रिसॉर्ट जॉइन करने से 10 महीने पहले से वो रिलेशनशिप में थी।’

उसकी और पुष्पदीप की चैट ही 4000 पन्नों की थी, जिसे नजरअंदाज कर दिया गया। सिर्फ दोषियों के खिलाफ चैट का एक हिस्सा निकालकर मुकदमा कर दिया।
‘असल में वो पुष्पदीप से शादी करना चाहती थी, लेकिन जाति अलग होने के कारण उसके माता-पिता शादी के लिए तैयार नहीं थे। अंकिता ने चैट में पुष्पदीप से अपने माता-पिता के खिलाफ बातें कही हैं। इस वजह से वो डिप्रेशन में थी। चैट में उसने कई बार लिखा था कि उसके पास दो ही रास्ते हैं- या तो वो रिसॉर्ट में जो भी काम मिले वो करे या फिर सुसाइड कर ले। उसने चैट में कई बार आत्महत्या का जिक्र भी किया था।’

फैसले के दिन जिला कोर्ट के गेट पर भी सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात रही।
हमारे सबूत नजरअंदाज किए, हाईकोर्ट में फैसले को चैलेंज करेंगे अनुज का आरोप है कि चार्जशीट से कुछ दिन पहले ही चंडीगढ़ CSFL की टीम ने पुष्पदीप की चैट SIT को सौंपी थी। SIT ने चैट की जांच किए बिना ही चार्जशीट फाइल कर दी।
वे कहते हैं, ‘हमारे पास वो चैट भी है, जिसमें अंकिता ने नहर की फोटो खींचकर पुष्पदीप को भेजी थी। उसने कहा था कि वो आत्महत्या करने जा रही है। पुष्पदीप ने ये चैट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को नहीं दी, बल्कि डिलीट कर दी। अंकिता, पुष्पदीप को एहसास कराती थी कि वो रिसॉर्ट में सेफ नहीं है ताकि पुष्पदीप उससे मिलने आए।’
‘घटना के दिन भी वो 3 बजे से रो रही थी। उसका पुष्पदीप के साथ झगड़ा हुआ था। दरअसल, 14 से 16 सितंबर तक पुष्पदीप वहीं एक होटल में रुका था। अंकिता को उम्मीद थी कि वो उसे साथ ले जाएगा, लेकिन 17 सितंबर को वो अंकिता को लिए बगैर चला गया। इसके बाद ही अंकिता, पुलकित, सौरभ और अंकित के साथ बाहर गई। उसने खुद कहा था कि बाहर घूमने से उसे आराम मिलता है।’

वे बताते हैं, ‘न ऐसा कोई सबूत मिला कि अभियुक्तों ने स्नैक्स खाया और शराब पीने के लिए रुके थे। क्राइम सीन को केवल कल्पना के आधार पर बनाया गया। बल्कि रिसॉर्ट स्टाफ चंद्रकिरण ने कोर्ट में बताया था कि घटना के दिन उसने अंकिता को रिसॉर्ट आते देखा था।’
हम हाईकोर्ट में फैसले को चैलेंज करेंगे अनुज आगे कहते हैं कि तीनों दोषियों के खिलाफ मुकदमा मजबूत करने के लिए सेक्शुअल असॉल्ट की कहानी बनाई गई। जबकि किसी भी मेडिकल रिपोर्ट में अंकिता के साथ रेप की पुष्टि नहीं हुई।
वे आगे कहते हैं, ‘हम हाईकोर्ट में इस फैसले को चैलेंज करेंगे। हमारे दिए गए सबूतों को नजरअंदाज कर दिया गया। सिर्फ अंकिता के वकील ने जो सबूत दिए, उनके आधार पर सजा सुनाई गई। हमें उम्मीद है कि हाईकोर्ट में फैसला सौरभ, पुलकित और अंकित के पक्ष में आएगा।’
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अंकिता ने बताया था- इतना गंदा रिसॉर्ट, मुझे *** बनाना चाहते हैं

17 सितंबर 2022 की रात करीब 10 बजे। ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी अपने दोस्त पुष्प को वॉट्सएप चैट पर लिखती हैं- ये होटल इतना गंदा है। मुझे *** बनाने पर तुले हैं। मैं गरीब हूं तो क्या 10 हजार में बिक जाऊं!’ अगले ही दिन अंकिता गायब हो जाती हैं और 5 दिन बाद नहर में उसकी लाश मिलती है। कौन थीं अंकिता भंडारी, उम्रकैद तक कैसे पहुंचे उसके तीनों हत्यारे। पढ़िए पूरी खबर…