हरियाणा के गांवों में खुलने वाले कॉमन सेंटर में सरकार बड़े स्तर पर नियुक्तियां करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से युवाओं को 6000 रुपए मासिक मानदेय भी दिया जाएगा। इसके एवज में युवाओं को ग्रामीणों को ऑनलाइन सेवाएं देनी होगी। इतना ही नहीं उन्हें इस काम के लि
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विकास एवं पंचायत विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे गांवों में बनाए जा रहे कॉमन सर्विस सेंटर में लैपटॉप व प्रिंटर का प्रबंध करें। बस इन सेंटर्स के लिए जगह और वहां के स्टाफ के बैठने का प्रबंध ग्राम पंचायतों को करना होगा।
4500 ग्राम सचिवों को मिलेंगे लैपटॉप
हरियाणा की ग्राम पंचायतें सरकार पहले से ही हाईटेक करने का ऐलान कर चुकी है। इसी कड़ी में ग्राम पंचायतों तथा क्रिड पंचायत लोकल ऑपरेटर्स (CPLO) को लैपटॉप मुहैया करवाने का निर्णय भी लिया है। पहले चरण में 4500 लैपटॉप खरीदने का निर्णय लिया है। सरकार की नोडल एजेंसी हारट्रोन के जरिये यह खरीद होगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता वाली हाई पावर परचेज कमेटी ने 31 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से ये लैपटॉप खरीदने को पहले ही हरी झंडी दे चुकी है।
ऑनलाइन होगा पूरा रिकार्ड
ग्राम सचिवों को भी लेपटॉप दिए जा रहे हैं। ग्राम सचिव अब पूरा रिकार्ड ऑनलाइन मेनटेन करेंगे। हालांकि गांवों में पंचायत फंड को छोड़कर अधिकांश फंड अब डिजिटल सिग्नेचर से ही ऑनलाइन जारी हो रहे हैं। ग्राम सचिवों को लैपटॉप इसलिए दिए जा रहे हैं ताकि वे केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का रिकार्ड मेनटेन कर सके। साथ ही, पूरा डॉटा भी ऑनलाइन अपलोड किया जा सके।
आसान होगा ग्राम सचिवों का काम
मेरी पंचायत, ई-ग्राम स्वराज, केंद्र के 5वें वित्त आयोग सहित कई ऐसे काम व प्रोजेक्ट हैं, जिनकी पेमेंट ऑनलाइन होती है। ग्राम सचिवों को लैपटॉप मिलने के बाद उनका काम और भी आसान हो जाएगा। माना जा रहा है कि हारट्रोन के पास डिलीवरी आने के तुरंत बाद सरकार लेपटॉप ग्राम सचिवों को देना शुरू कर देगी।
CPLO की दो भी हो सकती है संख्या
4500 लैपटॉप का प्रयोग ग्राम सचिवों और सीपीएलओ द्वारा सामूहिक रूप से किया जाएगा। ग्राम सचिव पंचायतों से जुड़े अपने काम करेगा। वहीं सीपीएलओ द्वारा भी एंट्री आदि करने के लिए काम सचिव की मदद की जाएगी। इतना ही नहीं, केंद्र सरकार ने गांवों में सीपीएलओ की मर्ती करने का भी निर्णय लिया है।
अभी दो गांवों पर एक सीपीएलओ तैनात है। दूसरे चरण में हर काम पंचायत में कम से कम एका सीपीएलओ होगा। इसके बाद बड़े गांवों में इनकी संख्या दो भी हो सकती है।