छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दहेज के लिए प्रताड़ित करने के बाद शौहर ने बीवी को 3 तलाक बोलकर घर से बाहर निकाल दिया। विवाहिता और उसके घर वालों के तमाम प्रयासों के बाद भी पति और ससुराल वाले मानने को तैयार नहीं हुए। ऐसे में पीड़ित पत्नी ने महिला थाने में सभी
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पीड़िता ने बताया कि पति दहेज के लिए आए दिन मारपीट करता था। सास ने कैंची से मारा। शादी के बाद से लगातार परेशान कर रहे थे। मैं मायके लौट आई थी। फिर दोनों परिवार की बैठक के बाद सुसराल वापस गई, लेकिन हालात नहीं सुधरे। फिर एक दिन तलाक, तलाक, तलाक बोलकर पति ने मुझे घर से भगा दिया।
2022 में हुआ था भिलाई के नासीर से निकाह
तारबाहर निवासी युवती (22) की शादी दिसंबर 2022 में मुस्लिम रीति-रिवाज के तहत दुर्ग के सुपेला निवासी नासीर अली (25) से हुई थी। पिता ने अपनी हैसियत के मुताबिक बेटी को दहेज में उपहार दिया था। लेकिन, शादी के 10 दिन बाद से पति नासीर और उसकी मां फरीदा बेगम और ससुराल वालों ने ताना मारना शुरू कर दिया।
पीड़िता ने कहा कि ससुराल वालों ने दहेज के लिए उससे मारपीट की।
दहेज के लिए मारा-पीटा, परेशान किया
पति ने दहेज में बाइक की मांग की और इसके लिए उस पर मानसिक और शारीरिक रूप से दबाव बनाता रहा। महिला ने मायके की आर्थिक स्थिति बताते हुए बाइक देने से इनकार किया। लेकिन, पति और सास आए दिन उसे प्रताड़ित करते रहे।
मायके वालों ने ससुराल वालों से मिलजुलकर रहने की समझाइश दी, जिसके बाद पीड़िता ने तानों को नजरअंदाज कर ससुराल में रहना जारी रखा। करीब 10 महीने बाद वह मायके लौट आई। बाद में दोनों परिवारों की बैठक में नासीर ने पत्नी को अच्छे से रखने का भरोसा दिलाया, जिस पर महिला फिर ससुराल लौट गई। लेकिन, वह फिर से मारपीट करने लगा।
7 महीने बाद नासीर और उसकी सास ने पीड़िता से मारपीट की और पति ने तीन बार तलाक, तलाक, तलाक बोलकर उसे घर से बाहर निकाल दिया।

पीड़िता ने महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
ससुराल वाले मनाने को तैयार नहीं
पीड़िता अब अपने मायके में रह रही है। सुलह की सारे प्रयास नाकाम होने के बाद महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। परिजन का कहना है कि ससुराल वालों की जिद के चलते मजबूर होकर उन्हें थाने जाकर शिकायत करनी पड़ी।

जांच अधिकारी ने बताया कि पति और सास के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
ASP अर्चना झा ने कहा कि महिला की काउंसिलिंग की गई है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने शौहर सहित अन्य के खिलाफ मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण एक्ट, दहेज प्रताड़ना और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज कर किया है।

क्या है तीन तलाक कानून?
लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों से पास होने के बाद अगस्त 2019 में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक कानून बन गया। इसके तहत प्रमुख प्रावधान किए गए हैं-
- तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को रद्द और गैर कानूनी घोषित किया गया।
- आरोपी को पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है।
- तीन साल तक की सजा का प्रावधान।
- मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है, लेकिन जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा।
- पीड़ित महिला पति से गुज़ारा भत्ते का दावा कर सकती है
- इसकी रकम मजिस्ट्रेट तय करेगा।
- पीड़ित महिला नाबालिग बच्चों को अपने पास रख सकती है।


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