बिलासपुर नगर निगम के बिल्डिंग ऑफिसर सुरेश शर्मा की संविदा नियुक्ति को लेकर विवाद सामने आया है। शर्मा 30 जून को कार्यपालन अभियंता के पद से सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
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निगम में कांग्रेस पार्षद दल के नेता भरत कश्यप और पूर्व पार्षद रमाशंकर बघेल ने कलेक्टर संजय अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने शर्मा की संविदा नियुक्ति के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है। विपक्ष का कहना है कि इस नियुक्ति से निगम में भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
हाल ही में महापौर पूजा विधानी ने अवैध निर्माण हटाने के मामले में शर्मा को फटकार लगाई थी। उन्होंने कार्रवाई में सिंधी समाज को टारगेट करने का आरोप लगाया था। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
वहीं, सभापति विनोद सोनी का साफ कहना है कि किसी भी विवादास्पद अधिकारी को, जिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं, दोबारा उसी पद पर नहीं बैठाना चाहिए।
बिलासपुर नगर निगम के बिल्डिंग ऑफिसर सुरेश शर्मा की संविदा नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ है।
संविदा नियुक्तियों का विरोध
नगर निगम में इंजीनियरों की कमी है। इसलिए आला अधिकारी विरोध के बावजूद संविदा नियुक्ति का प्रस्ताव आगे बढ़ा रहे हैं। नगर निगम कर्मचारी संघ प्रदेश भर में संविदा नियुक्तियों का विरोध करता रहा है।
अवैध निर्माण को लेकर शिकायत
नेता प्रतिपक्ष भरत कुमार कश्यप ने शर्मा पर कई आरोप लगाए हैं। शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला ईओडब्ल्यू और एसीबी में विचाराधीन है। इसके अलावा आर्थिक अनियमितताओं और अवैध निर्माण को लेकर भी उनके खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं।
कांग्रेसियों ने कार्रवाई की मांग की
नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी पार्षदों का साफ कहना है कि ऐसे विवादित अधिकारी की संविदा नियुक्ति भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगी और जांच को प्रभावित कर सकती है। विपक्ष ने राज्य सरकार और निगम प्रशासन से संविदा नियुक्ति का प्रस्ताव रद्द करने की मांग की है।
कांग्रेस पार्षद दल ने नगरीय प्रशासन विभाग, राज्य सरकार को भी पत्र भेज कर संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए जन आंदोलन की चेतावनी दी है।

विरोध पर उतरे सभापति
महापौर पूजा विधानी ने ‘दैनिक भास्कर’ से बातचीत में कहा कि सुरेश शर्मा की संविदा नियुक्ति का प्रस्ताव 10 जून को मेयर इन कौंसिल की बैठक में पास किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने केवल प्रस्ताव को आगे बढ़ाया है, इसे स्वीकृत करने या न करने का अधिकार शासन को है।
निगम में कई अफसर हैं, उन्हें मौका दें – सोनी
सभापति सोनी का कहना है कि नगर निगम में बिल्डिंग आफिसर के पद पर कार्य करने योग्य अधिकारियों कमी नहीं है। कई ईई और चीफ इंजीनियर तक इस पद का कार्यभार संभाल चुके हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो अधिकारी अभी रिटायर भी नहीं हुआ है, उसकी संविदा की नियुक्ति का प्रस्ताव रिटायरमेंट के पहले एमआईसी में कैसे लाया जा सकता है?