Sunday, June 15, 2025
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वाराणसी में 6-साल का बच्चा और डाक्टर मिले कोविड पॉजिटिव: 17 दिनों में मिला 13 केस, स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गठित,कर रही मॉनिटरिंग – Varanasi News


वाराणसी जिले में कोरोना का संक्रमण एक बार फिर बढ़ने लगा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट में छह साल का बच्चा और आईएमएस बीएचयू में डॉक्टर की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद एक्टिव मरीजों का आंकड़ा 13 तक पहुंच गया है। जिनका रिपोर्ट पॉजिटि

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चार दिन से था बुखार

सीएमओ कार्यालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार सुसवाही निवासी बच्चे को चार दिनों से बुखार आ रहा था। परिजनों ने निजी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया लेकिन आराम नहीं हुआ। इसके बाद उसे बीएचयू के बाल रोग विभाग ले गए। डॉक्टर ने कोरोना की जांच कराई। शुक्रवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम बच्चे के घर गई। परिवार में किसी अन्य सदस्य को संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है। 14 दिनों तक बच्चे को क्वारंटीन रहने की सलाह दी गई।

17 दिन में 13 केस आया सामने

वहीं, बीएचयू के डॉक्टर की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है, वह चितईपुर में रहते हैं। सर्दी, जुकाम और बुखार होने पर इनकी भी कोरोना जांच हुई थी। जिले में 17 दिनों में 13 कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। इनमें से दस स्वस्थ हो चुके हैं। वहीं तीन सक्रिय केस है। सीएमओ डॉ. संदीप चौधरी ने कहा लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। विभाग की टीम लगातार मॉनिटरिंग कर रही है।

भारत में मिले कोविड-19 के 4 नए वैरिएंट

भारत के कई राज्यों में कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच देश में चार नए वैरिएंट मिले हैं। ICMR के डायरेक्टर डॉ. राजीव बहल ने बताया कि दक्षिण और पश्चिम भारत से जिन वैरिएंट की सीक्वेंसिंग की गई है, वे LF.7, XFG, JN.1 और NB.1.8.1 सीरीज के हैं।

बाकी जगहों से नमूने लेकर सीक्वेंसिंग की जा रही है, ताकि नए वैरिएंट की जांच की जा सके। मामले बहुत गंभीर नहीं हैं, लोगों को चिंता नहीं, बस सतर्क रहना चाहिए।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) ने भी इन्हें चिंताजनक नहीं माना है। हालांकि, निगरानी में रखे गए वैरिएंट के रूप में कैटेगराइज किया है। चीन सहित एशिया के दूसरे देशों में कोविड के बढ़ते मामलों में यही वैरिएंट दिख रहा है।

NB.1.8.1 के A435S, V445H, और T4781 जैसे स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन अन्य वैरिएंट की तुलना में तेजी से फैलते हैं। इन पर कोविड के खिलाफ बनी इम्यूनिटी का भी असर नहीं होता।

भारत में कोविड का JN.1 वैरिएंट सबसे आम है। टेस्टिंग में आधे से ज्यादा सैंपल में यह वैरिएंट मिलता है। इसके बाद BA.2 (26 प्रतिशत) और ओमिक्रॉन सबलाइनेज (20 प्रतिशत) वैरिएंट के मामले भी मिलते हैं।



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