Sunday, June 15, 2025
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घर में फंदे पर लटके मिले मां और दो बच्चे: दोनों बच्चों के हाथ-पैर बंधे थे; डिंडौरी में बाजार से लौटे पिता ने शवों को उतारा – Dindori News


मां और तीन बच्चों के शव घर में फांसी के फंदे पर मिले हैं।

डिंडौरी में एक घर में मां और दो बच्चों के शव फंदे पर लटके मिले। पिता जब घर लौटे तब पता चला। बच्चों के हाथ-पैर बंधे थे। पिता ने उन्हें नीचे उतारा, लेकिन तब तक तीनों की मौत हो चुकी थी। पुलिस ने घर सील कर दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

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घटना मेहदवानी थाना क्षेत्र के कुम्हारिन टोला में शुक्रवार रात की है। राजेंद्र प्रतापति गांव में फुल्की चाट का ठेला लगाता है। रात करीब 8 बजे जब वह काम से लौटा तो घर में टीवी चल रहा था। रोज की तरह सब कुछ सामान्य लग रहा था। कमरे में देखा तो पत्नी मधु प्रजापति (35), बेटी शिवानी (12) और बेटा आदित्य (10) फंदे पर झूल रहे थे।

पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की जा रही है। एएसआई सुनील पटेल ने बताया, महिला के परिजनों को सूचना दी है। वे नरसिंहपुर से रवाना हो गए हैं। एफएसएल की टीम और डॉग स्क्वाड को जांच के लिए बुलाया गया है। घर के बाहर पुलिस बल तैनात है।

घटनास्थल पर गांव की महिलाएं भी मौजूद हैं।

करीब एक घंटे बाद पुलिस को सूचना दी पुलिस के मुताबिक, महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। शुक्रवार शाम करीब 6 बजे तक महिला को खुद की समोसा-मंगौड़े की दुकान पर देखा गया था। उसके बाद वो घर चली गई। शाम को साढ़े आठ बजे जब पति घर पहुंचा, तो उसने देखा कि तीनों फंदे पर लटके थे। उसने पड़ोसियों को जानकारी दी। इसके बाद करीब 9 बजे थाने पहुंचकर पुलिस में सूचना दी।

पत्नी-बच्चों की मौत के बाद से पति राजेंद्र सदमे में है।

पत्नी-बच्चों की मौत के बाद से पति राजेंद्र सदमे में है।

पति बोलाृ पत्नी बीमारी से परेशान थी महिला के पति राजेंद्र प्रजापति का कहना है कि 2011 में सम्मेलन में हम दोनों की शादी हुई थी। मैं ठेला लगाता हूं। कुछ दिनों से पत्नी कहती थी नीद नहीं आती है, हाथ पैर में दर्द रहता है। कई बार इलाज भी करवाया, लेकिन उसकी बीमारी बनी रहती थी। कभी-कभी मैं ही पत्नी को बोल देता था। तुम मेरे को परेशान कर रही हो। कही चला जाऊंगा।

शुक्रवार सुबह से काम पर चला गया। पत्नी ने भी दुकान आकर समोसे का मसाला तैयार करवाया था। मैं दोपहर लगभग ढाई बजे घर आया, गेट से दोनों बच्चों को देखकर दुकान चला गया। शाम लगभग साढ़े आठ बजे घर आया तो दरवाजा खटखटाया, नहीं खुला तो मैंने पड़ोसियों को आवाज लगाई। इसके बाद तोड़कर अंदर घुस गया। तीनों लटक रहे थे, बच्चों के हाथ पैर बंधे थे। मैने उतारा शायद कोई तो बच जाए। इसके बाद पुलिस को सूचना दी।

घटना के बाद से परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है।

घटना के बाद से परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है।



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