सफा खेड़ी में खीरे की फसल दिखाते किसान सुरेंद्र।
जींद जिले के उचाना में पिछले एक सप्ताह से बढ़ते तापमान ने सब्जी उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। किसानों की पैदावार में भारी गिरावट आई है। सफा खेड़ी के किसान सुरेंद्र के अनुसार एक एकड़ में जहां पहले 10 क्विंटल सब्जियां उगती थी, वहां अब सिर्फ 1 क्विंटल
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अब खीरे की फसल के मिल रहे आधे दाम
किसान ने बताया कि पिछले साल खीरे का भाव 35-40 रुपए प्रति किलो था। अब किसानों को इससे आधे दाम मिल रहे हैं। थोक बाजार में स्थिति यह है कि एक गाड़ी सब्जी चार दिनों में भी नहीं बिक पा रही है। बेल वाली सब्जियां गर्मी में विशेष रूप से प्रभावित हो रही हैं। किसानों का मौसम विभाग की भविष्यवाणियों से भी विश्वास उठ गया है, वे अपनी फसल की बिजाई मौसम विभाग के पूर्वानुमान के आधार पर करते थे।
जानकारी के विपरीत मौसम की स्थिति
वहीं विभाग बताता है कि कब तापमान बढ़ेगा, कब कम होगा और कब बारिश होगी, लेकिन अब उनकी जानकारी के विपरीत मौसम की स्थिति रहती है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। अगर आने वाले दिनों में तापमान कम नहीं हुआ, तो सब्जियों का उत्पादन और भी प्रभावित होगा। इससे न केवल किसानों की आय प्रभावित होगी, बल्कि बाजार में सब्जियों की कीमतें भी बढ़ सकती हैं।
फर्म के पास जे-फॉर्म की सुविधा नहीं
भावांतर भराई में बागवानी विभाग में कागजात पूरे होने पर काम होता है, लेकिन मंडियों में बिल्कुल जीरो है। किसी भी फर्म के पास जे-फर्म की सुविधा नहीं है। जे-फॉर्म नहीं मिलने के कारण किसानों को ये फायदा नहीं मिल पाता। सरकार, अधिकारियों से मांग करते है कि जिला के हिसाब से सूची बनाई जाए कि किस जिले से कितने जे फॉर्म कटे है। किसानों को भावांतर भराई का फायदा नहीं मिल रहा है।