एक पिता जो अपने बेटे की बचपन की तस्वीर को निहार रहा है, पुलिस की वर्दी पहने 5 साल का उसका बेटा आकाश राव गिरिपुंजे। बड़ा होकर उस बेटे ने असली खाकी वर्दी पहनी, पिता से किया वादा पूरा किया और फिर शहीद हो गया।
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पिता गोविंद राव..शायद तस्वीर देखकर उस पल को याद कर रहे होंगे। बेटा ये तुम्हारे लिए है…ये कहते हुए 5 साल के बेटे को पुलिस यूनिफॉर्म दी होगी। छोटी सी शर्ट-पैंट, हाथ में पिस्टल ताने और कमर में खिलौने वाली पिस्टल का कवर लगा हुआ।
साथ ही एक कैप जिसमें अशोक स्तम्भ का शेर था। ये ड्रेस देते हुए पिता ने कहा था, बड़े होकर देश की सेवा करनी है। मुस्कुराकर आकाश राव ने बर्थ-डे पर तस्वीर भी खिंचवाई। इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस में DSP बनकर पापा से किया वादा पूरा किया।
9 जून को सुकमा के IED ब्लास्ट में एडिशनल SP आकाश राव शहीद हुए। आकाश एक बेटे के साथ जिंदगी में पति और खुद दो छोटे बच्चों के पिता भी बन चुके थे। आज फादर्स डे पर शहीद बेटे को उनके पिता गोविंद राव ने नम आंखों से याद किया, पिता और बेटे के वादे के साथ 3 पीढ़ी की कहानी पढ़िए-
शहीद आकाशराव के बचपन की तस्वीर जब पिता ने पुलिस ड्रेस तोहफे में दी थी।
वो जब DSP बनकर आया मैं रो पड़ा… पिता गोविंदराव ने कहा- आकाश 5 या 6 साल का रहा होगा। मैं तब 135 रुपए में उसके लिए वो पुलिस ड्रेस लेकर आया था, पता नहीं आज वैसी ड्रेस मिलती है या नहीं। तब मैंने उसे कहा था कि तुम देश के सिपाही बनना, वो देश का सिपाही तो बना ही पूरे परिवार को संभालकर रखने वाला इंसान भी बना।
वादा पूरा करे हुए मेरे बेटे ने पुलिस सर्विस ज्वाइन की और एक शानदार अधिकारी के रूप में उसे सब जानते थे। वो अपनी कड़ी मेहनत से दिन-रात पढ़कर DSP बना। जब वर्दी पहनकर मेरे सामने आया तो मैं रो पड़ा…
मैंने उसके गालों को चूमा और कहा कि वर्दी की शान को हमेशा बरकरार रखना। उसने वही किया, वो मुझे पापा जी… कहकर पुकारता था। उसकी आवाज कान में गूंज रही है।

बेटे आकाश की तस्वीर के साथ पिता गोविंदराव, रह-रहकर पिता की आंखें छलक जाती है बेटे को याद करते हुए।
बचपन वाली उस ड्रेस के बाद अब तिरंगा… गोविंद राव ने आगे कहा कि, बचपन के जन्मदिन में वह पुलिस की ड्रेस मैंने लाकर उसे दी, मेरे बेटे ने अपनी मेहनत से उसे असल यूनिफॉर्म में बदला। 8 तारीख को मेरी उससे बात हुई थी उसने कहा था कि मैं घर आऊंगा, क्योंकि मेरी पोती नव्या का 11 तारीख को जन्मदिन था।
वह आने वाला था मगर वह नहीं आया उससे जुड़ी बुरी खबर आई। (इतना कहकर गोविंद रो पड़े) मेरा बेटा तिरंगे में घर लौटा, यह सौभाग्यशाली को ही नसीब होता है। यह सबसे अनमोल ड्रेस थी मुझे हम सभी को अपने बच्चों पर गर्व है।

शहीद आकाशराव ने बम बलास्ट का शिकार होने के बाद पत्नी को अंतिम कॉल कर बीमा के लिए विभाग के एक साहू नाम के कर्मचारी से मिल लेने को कहा था।
बेटा कहता था- पापाजी कुछ नहीं होगा…
आकाशराव के पिता ने बताया कि, मानपुर मोहला और सुकमा जैसे नक्सली इलाकों में पोस्टिंग के दौरान हम भी कई बार उससे मिलने जाते थे। मैंने हमेशा देखा कि मेरा बेटा पीछे नहीं हटता था, चाहे कोई खतरनाक इलाका हो या नक्सलियों का सामना करना हो। मैंने देखा है कि मेरा बेटा डटकर मुकाबला करता था, कभी-कभी तो हमें भी डर लगता था लेकिन वह कहता था पापा जी कुछ नहीं होगा।

प्रदेश के गृहमंत्री ने भी आकाशराव की शहादत व्यर्थ न जाने देने की बात कही थी।
अब पिता के रूप में आकाश की कहानी जानिए-
आकाश अपने पीछे अपनी पत्नी स्नेहा के साथ 7 साल के बेटे सिद्धांत और 6 साल की बेटी नव्या को छोड़ गए हैं। वो भी तब जब 2 दिन बाद ही बेटी का जन्मदिन भी था। 9 जून को वे शहीद हुए और नव्या 11 जून को अपना बर्थ-डे सेलिब्रेट करने वाली थी।
दोनों छोटे बच्चे समझ नहीं पा रहे कि आखिर हुआ क्या है? परिजनों ने बताया कि बच्चे अभी भी रह-रहकर पूछते हैं कि पापा कहां है, तो घर वाले उन्हें दूसरी बातों में ध्यान भटकाकर इस सवाल का जवाब नहीं दे पाते।

आकाश का बेटा सिद्धांत अब 7 और बेटी नव्या 6 साल की है। बेटी के जन्मदिन की एक पुरानी तस्वीर।
5 राज्यों की PSC क्रैक कर चुके थे
- आकाश राव ग्रेजुएशन के बाद दिल्ली गए, यूपीएससी की तैयारी की।
- 4 अटेंप्ट दिए और चारों बार मेन्स तक पहुंचे।
- इसके अलावा उत्तराखंड, यूपी, बिहार, हिमाचल और एमपी की पीएससी भी क्रैक की थी।
- बैंकिंग में भी काम किया, पहले एसबीआई और फिर यूको बैंक में।
- महज 7 हजार रुपए सैलरी में नौकरी शुरू की थी, लेकिन दिल तो हमेशा सेवा में लगा था।
- फिर बैंक की नौकरी छोड़कर छत्तीसगढ़ पुलिस सेवा को चुना।
नक्सलवाद को खत्म करने के मिशन पर थे आकाश आकाश के पास रायपुर आकर शांति के इलाके में अफसरों वाली नौकरी करने का मौका था। वो चाहते तो सुकमा से ट्रांसफर ले सकते थे, मगर उन्होंने सुकमा में ही रहकर नक्सलवाद के खात्मे के अपने मिशन को पूरा करने पर काम किया।

इस ब्लास्ट में शहीद हुए आकाश राव
दरअसल, नक्सलियों ने 10 जून को भारत बंद का आह्वान किया था। इससे पहले नक्सलियों ने दहशत फैलाने के लिए खदान में एक JCB में आग लगा दी थी। खबर के बाद एएसपी आकाश राव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे।
इस दौरान वह खदान में जली हुई JCB के पास गए। जैसे ही वह मशीन के पास पहुंचे, नक्सलियों ने IED ब्लास्ट कर दिया। इसकी चपेट में 3 पुलिस अधिकारी आ गए। आकाश शहीद हो गए।
इसके अलावा घायल टीआई सोनल ग्वाला बिलासपुर के रहने वाले हैं। उनका इलाज रायपुर में चल रहा है। उनकी पत्नी हाउस वाइफ हैं। सोनल ग्वाला भी 2 जुड़वां बेटियों के पिता हैं। देश सेवा में जुड़े इन वीर बेटों को नमन है।