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शहर में ट्रैफिक जाम की स्थिति में चाहे कुछ जगह सुधार देखने में मिलता हो, मगर बस स्टैंड के आसपास में जाम की समस्या को जिला प्रशासन आज तक हल नहीं कर पाया है। शहर के बीचोंबीच बने बस स्टैंड के पास बसों का जमावड़ा होने से रोजाना शहरवासियों के साथ-साथ पर्यटक और श्रद्धालु भी जाम में फंसते हैं।
शहर के बुद्धिजीवियों की मांग है कि बस स्टैंड को शहर से बाहर बाईपास में शिफ्ट कर देना चाहिए, जिससे शहर में ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकती है। शहीद मदन लाल ढींगरा अंतर्राज्यीय बस स्टैंड शहर के बीच है। बस स्टैंड पर रोजाना करीब 1200 बसों का आवागमन होता है। प्रशासन लंबे समय से राम तलाई से हुसैनपुरा, रामबाग तक और बस स्टैंड की एंट्रेस और एग्जिट लेन में जाम को कंट्रोल नहीं कर पाया है ।
कारोबारी मनिंदर सिंह सिमरन ने कहा कि जिला प्रशासन को बस स्टैंड शहर से बाहर बाईपास पर कर देना चाहिए। इससे सारा दिन रहने वाले ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी। बस स्टैंड के चारों और ट्रैफिक होने के कारण लोकल चालक अन्य रास्तों से निकलने का विकल्प ढूंढते हैं, जिससे वहां भी ट्रैफिक की परेशानी खड़ी हो जाती है। यह समस्या वीकेंड के दौरान काफी बड़ी हो जाती है।
लोकल और लांग रूट का बस स्टैंड अलग किया जाना चाहिए। बस स्टैंड अलग- अलग होने से लोकल रूट की एक साइड ही अलग हो जाएगी और लोगों को ट्रैफिक जाम की समस्या से भी छुटकार मिल जाएगा। ऑल इंडिया ह्यूमन राइट्स काउंसिल के एंटी क्राइम विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रिया शरण शास्त्री ने कहा कि दूसरे राज्यों में लोकल बस अड्डे अलग कर दिए गए हैं, जो लंबे समय से चल रहे हैं और लोगों के लिए राहत भरे हैं। बस स्टैंड बाहर होने से लोकल रूट की एक साइड ही अलग हो जाएगी। लोकल और लांग रूट का बस स्टैंड अलग किया जाना चाहिए।
