सोमवार को सतना समेत कई जिलों में बारिश हुई।
मध्यप्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मानसून की एंट्री हो गई है। सोमवार को बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते मानसून प्रदेश में पहुंचा। अगले 2 दिन में मानसून भोपाल-इंदौर में दस्तक दे सकता है। वहीं, सबसे आखिरी में ग्वालियर-चंबल में पहुंचेगा। मौसम विभा
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इससे पहले प्रदेश में आंधी-बारिश का दौर रहेगा। कहीं-कहीं भारी या अति भारी बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग ने मंगलवार को जिन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है, उनमें भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, रीवा, सीधी, सिंगरौली, पन्ना, दमोह, मंडला, बालाघाट, सिवनी, पांढुर्णा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सागर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, सीहोर, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर, खरगोन, बड़वानी, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, रतलाम, मंदसौर, श्योपुर, शिवपुरी, अशोकनगर, गुना, राजगढ़, आगर-मालवा, सतना, मैहर, मऊगंज, कटनी, जबलपुर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी और नीमच शामिल हैं। यहां हवा की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक हो सकती है।
छतरपुर, खंडवा-बड़वानी समेत 14 जिलों में बारिश प्रदेश में सोमवार को 4 जिले- बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते मानसून पहुंचा। इन जिलों में बारिश का दौर चला। मौसम विभाग के अनुसार, सोमवार को 9 घंटे में छतरपुर जिले के नौगांव में सबसे ज्यादा सवा इंच पानी गिर गया। रीवा में भी 1 इंच से ज्यादा बारिश हुई। मंडला में आधा इंच बरसात हुई। धार, गुना, रतलाम, सागर, सतना, बालाघाट, खंडवा, बड़वानी, टीकमगढ़, अशोकनगर, हरदा में भी बारिश का दौर चला। भोपाल में शाम को मौसम बदल गया। कुछ जगहों पर बूंदाबांदी भी हुई। देर रात तक कई जिलों में बारिश का दौर रहा।
सोमवार को प्रदेश में हुई बारिश की तस्वीरें…





बारिश के चलते दिन के तापमान में आई गिरावट
बारिश के चलते दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। सोमवार को सिर्फ एक शहर नर्मदापुरम में पारा 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। बाकी शहरों में तापमान 40 डिग्री से नीचे ही रहा। बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 37.5 डिग्री, इंदौर में 34.6 डिग्री, ग्वालियर में 37 डिग्री, उज्जैन-जबलपुर में 38 डिग्री सेल्सियस रहा। पचमढ़ी में सबसे कम 31.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
अभी यह सिस्टम एक्टिव सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि वर्तमान में 2 साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। इस वजह से आंधी-बारिश का दौर जारी है। वहीं, मानसून भी सक्रिय हो गया है।

इस बार एक दिन लेट पहुंचा मानसून इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया। बता दें कि एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।
एमपी में कितना तापमान, ग्राफिक्स से जानिए…


अब जानिए, 10 साल में कैसा रहा मौसम…
भोपाल में 15 जून तक तेज गर्मी राजधानी में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही ट्रेंड है। पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा। 4 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। वहीं, रात का टेम्प्रेचर 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी।
वहीं, पिछले साल 2024 में पूरे महीने 10.9 इंच पानी गिरा था। 10 साल में दूसरी बार इतनी बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में करीब 5 इंच पानी बरसा था।

इंदौर में पिछले साल हुई थी 4 इंच बारिश जून में इंदौर में दिन के टेम्प्रेचर में खासी गिरावट होती है। पिछले 5 साल यानी- 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा है। पिछले साल 40.6 डिग्री तक पारा पहुंचा था। इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल करीब 4 इंच पानी गिरा था।
बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था। 3 जून 1991 में इंदौर में दिन का पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 12 जून 1958 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।

ग्वालियर में 47 डिग्री पार हो चुका टेम्प्रेचर ग्वालियर में मई के बाद जून भी तेज गर्मी रहती है। 10 साल के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 2024 में पारा 45.7 डिग्री दर्ज किया गया था। इस महीने अमूमन तापमान 45 से 46 डिग्री ही रहता है।
मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून 2019 में पारा 47.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। वहीं, 1962 में पूरे महीने साढ़े 28 इंच बारिश हो गई थी। एक दिन में सर्वाधिक साढ़े 7 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 जून 1952 को बना था। साल 2024 में यहां पूरे महीने 5.7 इंच पानी गिरा था।

जबलपुर में 10 साल अच्छी बारिश मानसून की एंट्री के साथ ही जबलपुर में अच्छी बारिश होती है। यही से मानसून की एंट्री होती है, इसलिए अन्य जिलों की तुलना में जबलपुर में अच्छा पानी गिरता है। साल 2015 से 2024 तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो कोटे की 30% तक बारिश हो चुकी है। पिछले साल साढ़े 7 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार भी जबलपुर संभाग के दक्षिण हिस्से से ही मानसून एंटर हो सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, जबलपुर में 1998 में एक महीने में करीब 30 इंच बारिश दर्ज की गई थी। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 16 जून 1882 में 24 घंटे में साढ़े 7 इंच बारिश हुई थी। पिछले साल भी पूरे महीने करीब 8 इंच पानी गिरा था।

उज्जैन में भी अच्छी बारिश का ट्रेंड जून महीने में उज्जैन में भी अच्छी बारिश होने का ट्रेंड है। 2015 से 2024 के बीच उज्जैन में 2.5 से 8 इंच तक बारिश हो चुकी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। उज्जैन में बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1970 में पूरे महीने साढ़े 13 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 15 जून 2001 को बना था। इस दिन करीब साढ़े 6 इंच बारिश हुई थी। साल 2024 में पूरे महीने साढ़े 5 इंच पानी गिरा था।
