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चिन्मय विद्यालय में चिन्मय मिशन की ओर से आयोजित ज्ञान यज्ञ में बोकारो के भक्त पूरे भक्ति भाव से प्रवचन का आनंद उठा रहे हैं। संध्या सत्र में स्वामी अद्वैतानंद महाराज ने जय बोलो श्री राम की… भजन गायन से शुरुआत की। कहा कि तेरे सिर पर सीताराम का हाथ है तो फिर क्या डरना। स्वामी अद्वैतानंद ने सत्संग की महिमा बताते हुए कहा कि सत्संग से हृदय में ईश्वर की प्रत्यक्ष अनुभूति होती है। बाबा तुलसीदास का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि बिनु सत्संग विवेक ना होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई। अर्थात सभी के हृदय में ईश्वर का वास है, लेकिन सत्संग में मन, बुद्धि, विवेक स्वच्छ होता है। जब मन स्वच्छ हो तो स्वतः ईश्वर का प्रत्यक्ष अनुभव हृदय में होता है।
कहा कि जो निश्चल, निष्कपट हो और संपूर्ण रूप से प्रभु के चरण में शरणागत भाव से समर्पित हो, ऐसे ही प्राणी के हृदय में ईश्वर का वास होता है। इस दौरान संगीत विभाग की ओर से भजनों व श्लोकों की प्रस्तुति ने सभी का मन मोह लिया। मंच संचालन शिक्षिका सोनाली गुप्ता ने की। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि मुख्य महाप्रबंधक कुंदन कुमार विशेष रूप से उपस्थित हुए। उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किया गया। मौके पर चिन्मय मिशन बोकारो की आवासीय आचार्या स्वामिनी संयुक्तानंद सरस्वती, विद्यालय अध्यक्ष बिश्वरूप मुखोपाध्याय, सचिव महेश त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष आरएन मल्लिक, प्राचार्य सूरज शर्मा, उप प्राचार्य नरमेन्द्र कुमार, हेडमास्टर गोपाल चंद्र मुंशी सहित सभी शिक्षक, कर्मचारी आदि उपस्थित थे।