Friday, December 27, 2024
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आतिशी ने केजरीवाल के लिए CM की कुर्सी खाली छोड़ी: दूसरी कुर्सी पर बैठीं; बोलीं- ये इसी कमरे में रहेगी, केजरीवाल का इंतजार करेगी


नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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आतिशी ने 23 सितंबर को दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर पद संभाला। उन्होंने केजरीवाल के लिए खाली कुर्सी छोड़ी।

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार (23 सितंबर) को पदभार संभाल लिया। वह आज सुबह करीब 12 बजे सीएम ऑफिस गईं और सभी औपचारिकताएं पूरी कीं। इस दौरान आतिशी ने CM ऑफिस में एक खाली कुर्सी छोड़ी दी और खुद दूसरी कुर्सी में बैठीं।

आतिशी ने कहा- उन्होंने ये खाली कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए छोड़ी है। मुझे पूरा भरोसा है फरवरी में चुनाव बाद दिल्ली के लोग केजरीवाल को फिर से इसी कुर्सी पर बिठाएंगे। तब तक ये कुर्सी इसी कमरे में रहेगी और केजरीवाल जी का इंतजार करेगी।

दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गईं।

आतिशी ने CM पद संभालते हुए कहा…

‘भरत ने राम का 14 साल इंतजार किया, उसी तरह 4 महीने दिल्ली सरकार चलाऊंगी। आतिशी ने मीडिया से बातचीत में कहा- आज मैंने दिल्ली के CM का कार्यभार संभाला है। आज मेरे मन में वही व्यथा है जब जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के लिए अयोध्या से अयोध्या का शासन संभाला। जिस तरह भरत जी ने 14 साल तक भगवान श्री राम की खड़ाऊ रखकर अयोध्या का शासन संभाला। उसी तरह से आने वाले 4 महीने के लिए मैं दिल्ली सरकार चलाऊंगी। भगवान श्री राम ने अपने पिताजी द्वारा दिए गए एक वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया। इसीलिए हम भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। उनकी जिंदगी हम सबके लिए मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल है। बिल्कुल उसी तरह अरविंद केजरीवाल ने इस देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल कायम की है। पिछले 2 साल से भारतीय जनता पार्टी ने अरविंद केजरीवाल पर कीचड़ उछालने में कोई भी कसर नहीं छोड़ी। उन पर झूठे मुकदमे लगाए। उनको गिरफ्तार किया उनका 6 महीने तक जेल में रखा गया। जब सुप्रीम कोर्ट ने उनको जमानत दी तो कहा, अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी एक दुर्भावना के तहत हुई। शायद कोई भी और नेता होता तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से पहले 2 मिनट भी नहीं सोचता। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं तब तक मुख्यमंत्री की इस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी पर भरोसा नहीं दिखाते और उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री की कुर्सी यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल की है। मुझे पूरा भरोसा है कि फरवरी में 4 महीने में जो आने वाले चुनाव है दिल्ली के लोग अपने प्यार के साथ आशीर्वाद के साथ केजरीवाल को दोबारा इस कुर्सी पर बैठाएंगे। तब तक ये कुर्सी इसी कमरे में रहेगी, अरविंद केजरीवाल का इंतजार करेगी।’

दिल्ली में 10 दिन में 3 बड़ी हलचल…

21 सितंबर: आतिशी दिल्ली की नई CM बनी, शपथ के बाद केजरीवाल के पैर छुए

आतिशी ने दिल्ली CM पद की शपथ लेने के बाद केजरीवाल के पैर छुए।

आतिशी ने दिल्ली CM पद की शपथ लेने के बाद केजरीवाल के पैर छुए।

आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए।

वे ​​​​​दिल्ली की सबसे युवा (43 साल) CM हैं। इससे पहले केजरीवाल 45 साल की उम्र में CM बने थे। आतिशी बतौर महिला सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला CM हैं।

आतिशी ने शिक्षा, PWD और वित्त समेत 13 विभाग अपने पास रखे। वहीं, सौरभ भारद्वाज को हेल्थ समेत 8 प्रमुख विभाग का जिम्मा दिया गया। आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं।

17 सितंबर: केजरीवाल ने उप राज्यपाल वीके सक्सेना को इस्तीफा सौंपा

17 सितंबर को केजरीवाल ने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया।

17 सितंबर को केजरीवाल ने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया।

केजरीवाल ने 17 सितंबर की शाम उपराज्यपाल (LG) को सीएम पद से इस्तीफा सौंपा था। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद रहे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था।

इसके बाद आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड्यंत्र से रक्षा करना। दूसरा- केजरीवाल को फिर से सीएम बनाना।

केजरीवाल ने इस्तीफा क्यों दिया, 3 बातें…

  • मुख्यमंत्री तो हैं, लेकिन पावर नहीं: दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वे CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रही।
  • सिर्फ 5 महीने का कार्यकाल बचा: दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।
  • ईमानदार नेता की छवि को मजबूत करेंगे: दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे थे। इस्तीफा देने के बाद वे भाजपा नेताओं को सीधे कह सकेंगे कि सिर्फ आरोप रहते उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया। अब उनकी ईमानदारी का फैसला जनता करेगी।

13 सितंबर: शराब नीति केस में केजरीवाल 177 दिन बाद जेल से रिहा हुए

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

अरविंद केजरीवाल का पॉलिटिकल करियर

मुख्यमंत्री रहते कई विवादों में जुड़ा केजरीवाल का नाम

  • खालिस्तानी संगठनों से 133 करोड़ रुपए लेने का आरोप : मार्च 2024 में वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी आतंकी समूहों से 133 करोड़ रुपए लिए थे, ताकि देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई कराई जा सके। इसके बाद वीके सक्सेना ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश की। हालांकि आप ने आरोपों का खंडन किया था।
  • दिल्ली शराब नीति घोटाला : 2021 में केजरीवाल सरकार नई शराब नीति लाई। जुलाई 2022 में LG ने इसमें गड़बड़ी बताते हुए CBI जांच की सिफारिश की। अगस्त 2022 में ED-CBI ने केस दर्ज किए। केजरीवाल को ED और CBI ने गिरफ्तार किया, उन्हें घोटाले का मास्टरमाइंड बताया। जुलाई में ED और सितंबर में CBI केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। वे करीब 177 दिन तिहाड़ जेल में रहे।
  • अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग : 11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया। साथ ही कहा कि दिल्ली LG राज्य सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे। यह आदेश आने के कुछ देर बाद CM अरविंद केजरीवाल ने सर्विस सेक्रेटरी आशीष मोरे को हटा दिया था। LG ने आशीष मोरे के खिलाफ लिए गए इस फैसले पर रोक लगा दी है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है।
  • ठग सुकेश का दावा- प्रोजेक्ट के बदले तोहफे दिए: ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली LG सक्सेना को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उसने करोलबाग में एक प्रोजेक्ट दिलाने के गिफ्ट के तौर पर घर के रिनोवेशन के लिए फर्नीचर भेजा था। इसमें राल्फ लॉरेन और विजनायर ब्रांड का फर्नीचर भी शामिल था। इसके अलावा 90 लाख रुपए की चांदी की क्रॉकरी भी उन्हें दी।

दिल्ली विधानसभा 2020 और लोकसभा 2024 में AAP की परफॉर्मेंस

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