सोनीपत से कांग्रेस के कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार के बरी होने पर उनके परिजन नाचते हुए।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच सोनीपत से कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस को खारिज कर दिया है। इसके साथ पंवार की गिरफ्तारी को अवैध करार दिय
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ये केस एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने दर्ज किया था। जिसके बाद करीब 3 महीने पहले ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था।
पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि ये केस पूरी तरह से अवैध था। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने फैसला सुनाया।
उन्होंने कहा कि अभी ऑर्डर साइट पर अपलोड होंगे। ऑर्डर के अपलोड होते ही पंवार जेल से बाहर आएंगे। उम्मीद है कि वह सुबह तक जेल से बाहर आ जाएंगे।
वहीं इसकी सूचना मिलते ही पंवार के परिजनों और कांग्रेस समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थक पंवार के घर पहुंचे और लड्डू बांटे। इस दौरान परिजन नाचते दिखे।
सोनीपत में पंवार के घर के बाहर मौजूद कांग्रेस समर्थक खुशी मनाते हुए।
अंबाला जेल में बंद पंवार सुरेंद्र पंवार को ED ने 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अंबाला जेल में हैं। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है।
सुरेंद्र पंवार ने कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद 12 सितंबर को सोनीपत में पुलिस कस्टडी में ही नामांकन किया था।
पंवार के बाहर आने से रोचक होगा मुकाबला भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही थी।
राजनीति से जुड़े लोग बताते हैं कि सुरेंद्र पंवार के जेल से बाहर आने के बाद अब सोनीपत सीट पर चुनावी मुकाबला बड़ा ही रोचक हो जाएगा। यहां विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। निखिल मदान ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। हालांकि पूर्व मंत्री कविता जैन व राजीव जैन भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार से दूर हैं।
ये तस्वीर 20 जुलाई की है, जब उन्हें ED ने अंबाला कोर्ट में पेश किया था।
खनन कारोबार को लेकर जनवरी में रेड हुई विधायक सुरेंद्र पंवार का हरियाणा के साथ राजस्थान में भी खनन कारोबार है। इसी साल 4 जनवरी को ED की टीम ने उनके सोनीपत में सेक्टर-15 स्थित आवास पर रेड की थी। खनन कारोबार में करीब 36 घंटे तक जांच हुई थी। जिसके बाद खनन कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए टीम ने घर में रखे डॉक्यूमेंट खंगाले थे।
उसी दिन यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के ठिकानों पर भी ED की टीम ने रेड की थी। उनके महाराणा प्रताप चौक के पास ऑफिस, सेक्टर-18 में खनन एजेंसी के ऑफिस और कलेसर में फार्म हाउस पर जांच की गई। उनके करीबियों संजीव गुप्ता, इंद्रपाल सिंह उर्फ बबल के घर, ट्रांसपोर्टर गुरबाज सिंह के ऑफिस पर भी टीमें पहुंची थीं।
5 दिन रेड के बाद 8 जनवरी को दिलबाग सिंह को ED ने गिरफ्तार कर लिया था। ED ने दावा किया था कि रेड के दौरान दिलबाग के घर से 5 करोड़ रुपए कैश, 3 गोल्ड बिस्किट, विदेशी शराब की 100 से ज्यादा बोतलें, विदेश में बनाई कई संपत्तियों के कागजात, 5 विदेशी राइफलें, 300 कारतूस समेत अन्य चीजें बरामद की।
जिसके बाद यमुनानगर में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट और एक्साइज एक्ट में 2 केस दर्ज किए गए थे। एक महीने बाद दिलबाग सिंह को जमानत मिल गई थी।