लखनऊ स्थित केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के परिसर में राष्ट्रीय सेवा योजना ( NSS) स्थापना दिवस का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. लोकमान्य मिश्र केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के शिक्षाशास्त्र कौशल प्रशिक्ष
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सेवा भावना को जीवन पर विचार साझा किया मुख्य अथिति ने सेवा भावना के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सेवा का अर्थ केवल व्यक्तिगत लाभ नहीं, बल्कि समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाना भी है।
स्वच्छता के महत्व पर दिया जोर कार्यक्रम में लखनऊ परिसर के निदेशक और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के वेद-वेदांग-वैदिक विज्ञान विद्यास्थान के अधिष्ठाता प्रो. सर्वनारायण झा ने स्वच्छता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह केवल एक शारीरिक आवश्यकता नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे स्वच्छता को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं।
कार्यक्रम का संचालन और संयोजन डॉ. रुद्रनारायण नरसिंह मिश्र ने किया, जो कि राष्ट्रीय सेवा योजना के सह कार्यक्रम अधिकारी और शिक्षाशास्त्र विद्याशाखा के सहायक आचार्य हैं। कार्यक्रम में शिक्षाशास्त्र विद्याशाखा के प्राध्यापक डॉ. ओम प्रकाश वर्मा और NSS से जुड़े छात्रों ने भी भाग लिया।
सेवा कार्यों से समाज की मदद
कार्यक्रम के अंत में, प्रो. गणेश शंकर विद्यार्थी, जो कि राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी हैं, ने सभी का धन्यवाद दिया और इस पहल के महत्व को दोहराया। उन्होंने कहा कि सेवा कार्यों से न केवल समाज को लाभ मिलता है, बल्कि इससे छात्रों के व्यक्तित्व विकास में भी मदद मिलती है। इस आयोजन ने विद्यार्थियों में सेवा के प्रति एक नई जागरूकता पैदा की और उन्हें समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराया।