पश्चिम बंगाल7 मिनट पहले
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बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को ममता बनर्जी को पत्र लिखकर केंद्र के पैसे का हिसाब मांगा।
पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेटर लिखकर केंद्र के पैसे का हिसाब मांगा है। बोस ने कहा कि वे बताएं कि केंद्र सरकार की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 में मिले 1.17 लाख करोड़ रुपए कहां खर्च किए गए। कौन सी योजनाओं में इनका इस्तेमाल किया गया। एक रिपोर्ट बनाकर सारी जानकारी दें।
बोस ने लेटर तब लिखा जब उन्हें पता चला कि राज्य सरकार ने CAG रिपोर्ट विधानसभा में पेश की। यह रिपोर्ट सरकार के लेन-देन और खर्च का हिसाब रखती है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल सरकार को वित्त वर्ष 2023-24 में केंद्र सरकार ने 1.17 लाख करोड़ रुपए का सेंट्रल फंड दिया था। राज्य सरकार पर अब उस फंड का दुरुपयोग करने का आरोप हैं।

बोस ने बढ़ते हुए फिस्कल डेफिसिट और डेप्थ रेश्यो की बात अपने लेटर में कही है।
कुल रेवेन्यू में से अकेले केंद्र ने 1.17 लाख करोड़ दिए लेटर में बोस ने लिखा है कि राज्य सरकार को वित्त आयोग से बहुत लाभ मिला है। 2023-24 में पश्चिम बंगाल के रेवेन्यू 2.13 लाख करोड़ रुपए में से अकेले केंद्र ने 1.17 लाख करोड़ दिए, जो राज्य के कुल रेवेन्यू का लगभग 55 प्रतिशत था।
बोस ने यह भी कहा कि बंगाल सरकार ने CAG की छह ऑडिट रिपोर्ट अभी तक विधानसभा में पेश नहीं की हैं। उन्होंने अनुच्छेद 151 के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि इस आर्टिकल के तहत राज्य के खातों से संबंधित CAG की ऑडिट रिपोर्ट गवर्नर को सौंपी जानी चाहिए।
ममता ने केंद्र से बढ़ पीड़ितों के लिए फंड की मांग की थी
20 सितंबर को ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने लिखा था कि साल 2009 के बाद से राज्य के निचले इलाके दामोदर और आसपास के इलाकों को भयानक बाढ़ का सामना करना पड़ता है। मामता ने पीएम से इस मामले को गंभीरता से विचार करने और पीड़ितों के लिए उचित कदम उठाने के लिए फंड की मांंग की। साथ ही पीड़ितों को मुआवजा के देने की अपील की थी।
ममता ने केंद पर फंड ना देना का लगाया था आरोप ममता सरकार कई बार केंद्र पर योजनाओं के लिए फंड जारी नहीं करने का आरोप लगा चुकी हैं। उनका कहना है कि नियमों का पालन करने के बाद भी राज्य को ग्रामीण विकास से जुंडी योजनाओं के लिए फंड नहीं दिया जा रहा है।
यह खबर भी पढ़ें बंगाल गवर्नर बोले- अपराजिता बिल ममता के कारण अटका, राज्य सरकार ने बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी, मंजूरी देने में देरी होगी

पश्चिम बंगाल के गवर्नर सीवी आनंद बोस ने कहा है कि अपराजिता बिल ममता सरकार के कारण पेंडिंग है। उसने बिल के साथ टेक्निकल रिपोर्ट नहीं भेजी है। इसके बिना बिल को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
राजभवन की ओर से 5 सितंबर को जारी बयान में बताया गया कि ममता सरकार के इस रवैये से गवर्नर बोस नाराज हैं। महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण बिल को लेकर ममता सरकार ने कोई होमवर्क नहीं किया। पूरी खबर पढ़ें