Sunday, June 15, 2025
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UP की योगी सरकार की राह पर रतलाम नगर निगम: नवरात्रि मेले में दुकानों पर लिखना होगा नाम; शहर काजी बोले- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे – Ratlam News


रतलाम के कालिका माता मंदिर में 3 अक्टूबर से मेला शुरू होने जा रहा है। तैयारियां जारी हैं।

रतलाम नगर निगम उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार की राह पर है। इस बार नवरात्रि मेले में दुकान लगाने वाले दुकानदारों को अपने बोर्ड के साथ नाम और प्रोपराइटर का नाम लिखना होगा। नगर निगम की राजस्व समिति के इस फैसले को लेकर विरोध के स्वर भी उठने लग

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रतलाम के कालिका माता मंदिर में 9 दिवसीय गरबा रास होता है। दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस साल मंदिर में 3 से 12 अक्टूबर तक दस दिवसीय नवरात्रि मेला लगेगा। मेले में एमपी ही नहीं, यूपी, राजस्थान, गुजरात के भी व्यापारी आकर दुकान लगाते हैं। पहली बार मेले में आने वाले दुकानदारों को अपने नाम का बोर्ड लगाना अनिवार्य किया गया है।

कालिका माता मंदिर में 9 दिवसीय गरबा रास होता है। 3 से 12 अक्टूबर तक मेला लगेगा।

शहरकाजी बोले- निगम का तुगलकी फरमान, ऑर्डर कॉपी मांगी निगम के इस फैसले को शहर काजी सैयद आसिफ ने तुगलकी बताया है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा फैसला यूपी में योगी सरकार ने भी लिया था। इसे सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की जाएगी। निगम ने फिलहाल अपने इस ऑर्डर की कॉपी नहीं दी है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत ऑर्डर कॉपी मांगी गई है। इसके मिलते ही एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन फॉर सिविल राइट्स दिल्ली की संस्था की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।’

शहर काजी ने यह भी कहा कि कलेक्टर को भी जानकारी दी है। मेले में बोर्ड लगाने के दौरान अगर कोई हंगामा या विरोध होता है, तो इसकी जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की रहेगी।

निगम का तर्क- बिचौलियों पर रोक लगाना मकसद रतलाम नगर निगम के राजस्व समिति प्रभारी दिलीप गांधी का कहना है, ‘मेले में रतलाम के अलावा बाहर से कई लोग दुकान लगाने के लिए आते हैं। यह निर्णय इसलिए लेना पड़ा, क्योंकि कोई बीच में बिचौलिया नहीं आए। वास्तिवक को ही दुकान मिले। टेंडर होने के बाद एक स्वीकृति पत्र दिया जा रहा है, जो दुकान पर आधारकार्ड के साथ रखना होगा। जब भी कोई जांच करने आता है, तो दुकानदार को यह बताना होगा।’

गांधी ने कहा, ‘हमारी मंशा यह है कि जिस व्यक्ति के नाम से दुकान का टेंडर हुआ है, उसी को दुकान मिलना चाहिए। यूपी का निर्णय प्रदेश स्तर पर था। हमने केवल कालिका माता मंदिर मेला ग्राउंड तक की बात की है। जिस किसी के नाम का टेंडर खुले, वह अपना रजिस्ट्रेशन अपने पास रखे और प्रोपराइटर का नाम लिखे।’

व्यापारी बोले- अच्छा निर्णय है

यूपी के कानपुर से चप्पल की दुकान लगाने आए व्यापारी नसीम अहमद का कहना है…

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अच्छा निर्णय है। जो बाहर से आते हैं, उनके लिए फायदा है। इससे पारदर्शिता रहेगी। जिसके नाम से टेंडर होगा, उसे ही दुकान मिलेगी। कोई दूसरा बीच में नहीं आ पाएगा। यूपी में इस तरह का निर्णय हुआ था, मालूम रहना चाहिए कि कहां – क्या चीज है।

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हालांकि, नसीम को अब तक दुकान आवंटित नहीं हुई है। उन्हें उम्मीद है कि इस नए नियम से बिचौलिये नहीं आएंगे और उन्हें सरलता से कम कीमत में दुकान मिल जाएगी।

मेले में चप्पल दुकान लगाने आए कानपुर के नसीम अहमद ने निगम के फैसले को अच्छा बताया है।

मेले में चप्पल दुकान लगाने आए कानपुर के नसीम अहमद ने निगम के फैसले को अच्छा बताया है।

मेले में 215 से ज्यादा दुकानें, नीलामी के जरिए होंगी आवंटित

कालिका माता मेले में 9 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। बड़ी संख्या में शहरवासियों के अलावा जिले के भी लोग इस मेले में आते है। मां कालिका माता मंदिर परिसर स्थित श्री राम मंदिर के सामने वाला परिसर और पोलो ग्राउंड के पास आंबेडकर ग्राउंड में दुकानें- झूले लगाए जाते हैं।

नगर निगम ने एक नक्शा बना रखा है। नक्शे को देखकर आवेदन करना होगा। मतलब, जिसे जिस नंबर और जिस जगह की दुकान चाहिए, उस हिसाब से आवेदन भरना होगा। बदले में निर्धारित फीस भी निगम को देना होगी। इसके बाद नीलामी के जरिए दुकानें आवंटित की जाएंगी।

पोलो ग्राउंड के आसपास और आंबेडकर ग्राउंड में कुल 158 दुकानें लगेंगी। बाकी कालिका माता मंदिर परिसर के झाली तालाब के आसपास, राम मंदिर के सामने की तरफ लगेंगी। अब तक 80 दुकानों का आवंटन हो चुका है।

कालिका माता मेले में 9 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। इसके लिए मंच बन चुका है।

कालिका माता मेले में 9 दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। इसके लिए मंच बन चुका है।

निगम ने बैठक में लिया था निर्णय

नगर निगम राजस्व सलाहकार समिति की बैठक पिछले हफ्ते हुई थी। बैठक में समिति ने अनुशंसा की थी कि मेले में लगने वाली दुकानों पर नाम और प्रोपराइटर के नाम का बैनर जरूर लगाया जाए। टेंडर फॉर्म में भी इसका जिक्र किया जाए।



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