17 घंटे पहले
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सांसद गैरेथ वार्ड 30 जुलाई, 2025 को सिडनी के कोर्टहाउस से बाहर निकलते हुए।
ऑस्ट्रेलियाई सांसद गैरेथ वार्ड ने यौन अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब उनके पूर्व सहयोगी उन्हें संसद से निकालने के लिए वोट डालने की तैयारी कर रहे थे।
गैरेथ पर दो युवकों के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप है। उन्होंने 2013 में एक 18 वर्षीय युवक के साथ और 2015 में एक कर्मचारी के साथ दुर्व्यवहार किया था। उनकी सजा सितंबर में होनी है, जिसमें उन्हें 14 साल तक की जेल हो सकती है।
मुख्यमंत्री क्रिस मिन्स ने कहा- गंभीर यौन अपराधों का दोषी ठहराए गए व्यक्ति संसद में नहीं बैठ सकता और वेतन नहीं ले सकता। जेल से समुदाय का प्रतिनिधित्व कैसे किया जा सकता है?
गैरेथ 2011 से कियामा सीट पर सांसद थे। उनके इस्तीफे के बाद अब उपचुनाव की तारीख तय की जाएगी।
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अर्मेनिया-अजरबैजान के बीच शांति समझौता कराएंगे ट्रम्प; दोनों देशों के नेताओं से आज व्हाइट हाउस में मिलेंगे

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प शुक्रवार को अर्मेनिया और अजरबैजान के नेताओं से व्हाइट हाउस में मुलाकात करेंगे।
ट्रम्प ने इस मुलाकात को अर्मेनिया-अजरबैजान के बीच शांति समिट बताया है। जिसका मकसद दोनों देशों के बीच दशकों पुराने संघर्ष को समाप्त करना है।
अर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनयान और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव व्हाइट हाउस में एक आधिकारिक शांति समझौते पर भी हस्ताक्षर कर सकते हैं।
ट्रम्प ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा-

ये दोनों देश लंबे समय से युद्ध में हैं, जिसमें हजारों लोगों की जान गई। कई नेताओं ने इस युद्ध को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली। मेरे प्रशासन ने दोनों पक्षों के साथ लंबे समय तक बातचीत की है।
ट्रम्प ने इसे अर्मेनिया, अजरबैजान, अमेरिका और पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक दिन बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के साथ आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के लिए द्विपक्षीय समझौते भी किए जाएंगे।
अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच कराबाख क्षेत्र को लेकर लंबे समय से विवाद है। नागोर्नो-कराबाख, जिसे आर्मेनियाई लोग अर्टसाख कहते हैं, दक्षिण काकेशस क्षेत्र में एक पहाड़ी इलाका है।
यह अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, लेकिन 2023 तक इसकी अधिकांश आबादी (लगभग 1,20,000) अर्मेनियाई थी। 2023 में अजरबैजान ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया, जिसके बाद अर्मेनियाई लोगों को पलायन करना पड़ा।
दोनों देशों के बीच शांति के लिए कई बार बातचीत हुई, लेकिन अभी तक कोई बड़ा समझौता नहीं हो सका। अजरबैजान ने शांति समझौते से पहले अर्मेनिया से अपनी संविधान में बदलाव करने की मांग की थी, जिसमें कराबाख पर क्षेत्रीय दावों को हटाने की बात शामिल है।
जुलाई में अबू धाबी में और मई में अल्बानिया में दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष एंटोनियो कोस्टा ने भी दोनों देशों से शांति समझौते पर जल्द हस्ताक्षर करने की अपील की थी।
ट्रम्प ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन दक्षिण काकेशस क्षेत्र की संभावनाओं को पूरी तरह खोलने में मदद करेगा।
अमेरिकी महिला अपने बच्चे और सात पालतू कुत्तों को भूखा छोड़ जन्मदिन मनाने लंबी छुट्टी पर गई; गिरफ्तार

अमेरिका के फ्लोरिडा में एक महिला को अपने बच्चे और 7 पालतू कुत्तों के साथ बुरा व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, 37 वर्षीय महिला जेसिका कोपलैंड अपने बच्चे और कुत्तों को घर में भूखा-प्यासा बंद कर दो हफ्ते के लिए अपना जन्मदिन मनाने लास वेगास चली गई। घर से बदबू आने पर पड़ोसी ने पुलिस को मामले की जानकारी दी।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि जब अधिकारी घर में दाखिल हुए, तो उन्हें एक किशोर लड़का और सात कुत्ते मिले। उनकी हालात काफी खराब थी, पूरे फर्श पर जानवरों के मल और कचरा बिखरा था।
कुत्तों की हालत ऐसी लग रही थी जैसे उन्हें कई दिनों से खाना-पानी न मिला हो। पुलिस द्वारा जारी की गई तस्वीरों में कुत्तों की पसलियां बाहर निकली हुई दिखाई दे रही थीं।
किशोर ने बताया कि कोपलैंड 21 जुलाई को लास वेगास गई थी और कुछ लोग उसे खाना देने आते थे। किशोर की उम्र नहीं बताई गई है।

महिला के घर से सात कुत्ते मिले सबकी हालत काफी खराब थी।
कराची के कपड़ा फैक्ट्री में आग लगी, 8 घायल, 1500 लोगों को रेस्क्यू किया

पाकिस्तान के कराची में लांढी के एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग क्षेत्र (KEPZ) में गुरुवार सुबह एक कपड़ा फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। इस हादसे में 8 लोग घायल हो गए और इमारत पूरी तरह ढह गई।
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, आग सुबह लगी और करीब चार घंटे से अधिक समय तक बेकाबू रही। आग बुझाने के लिए 12 फायर टेंडर तैनात किए गए, लेकिन आग तेजी से फैल गई।
पास की चार अन्य फैक्ट्रियों तक भी आग पहुंच गई। फैक्ट्री में पुराने कपड़ों की रीसाइकलिंग होती थी और वहां केमिकल भी रखे थे, जिससे आग और तेज हो गई।
रेस्क्यू अधिकारी आबिद जिलाल ने बताया कि आग लगने के समय फैक्ट्री में 1,200 से 1,500 लोग मौजूद थे। सभी मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया और आसपास की इमारतों को भी खाली कराया गया।
सिंध के मुख्यमंत्री सैयद मुराद अली शाह ने घटना का संज्ञान लिया और बचाव कार्यों में लगे। मुख्य अग्निशमन अधिकारी मुहम्मद हुमायूं ने बताया कि आग पहली मंजिल से शुरू हुई और तेजी से फैल गई।
आग का कारण अभी पता नहीं चल सका है। मलबा हटाने में तीन से चार दिन लग सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र की फैक्ट्रियों को सुरक्षा सर्वे फॉर्म भेजे गए थे, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। जियो न्यूज के अनुसार, जून में लांढी में एक दूसरी फैक्ट्री में आग लगने से पांच कर्मी घायल हुए थे।
धार्मिक वजहों से लोगों से भेदभाव नहीं कर पाएंगे अमेरिकी बैंक, ट्रम्प ने कानून पर दस्तखत किए

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को एक आदेश पर हस्ताक्षर किया है। जिसके तहत बैंक किसी व्यक्ति को उसके राजनीतिक या धार्मिक विचारों के तहत उसे सर्विस देने से इनकार नहीं कर सकते हैं।
व्हाइट हाउस के अनुसार, इस आदेश में उन बैंकों की जांच करने को कहा गया है, जिन्होंने गलत तरीके से ग्राहकों को सेवाएं देने से मना किया।
ऐसे बैंकों पर जुर्माना लगाया जा सकता है या दूसरे कदम उठाए जा सकते हैं। साथ ही, धर्म के आधार पर खाते बंद करने की शिकायतों को न्याय विभाग को भेजा जाएगा। छोटे व्यवसायों से जुड़े बैंकों को उन ग्राहकों को दोबारा सेवा देने की कोशिश करनी होगी, जिनके खाते गलत तरीके से बंद किए गए।
व्हाइट हाउस ने कहा- राष्ट्रपति ट्रम्प चाहते हैं कि किसी को भी उनके राजनीतिक या धार्मिक विचारों की वजह से बैंकिंग सेवाओं से वंचित न किया जाए। बैंकिंग निर्णय निष्पक्ष और जोखिम के आधार पर होने चाहिए।
ट्रम्प प्रशासन का आरोप है कि कुछ बड़े बैंकों ने हथियार बनाने वाली कंपनियों, तेल-गैस कंपनियों, धार्मिक समूहों और क्रिप्टोकरेंसी कंपनियों के खाते उनके विचारों के कारण बंद किए।
ट्रम्प ने यह भी कहा कि उनके साथ भी बैंकों ने भेदभाव किया। जेपी मॉर्गन बैंक ने उनके पुराने खातों को 20 दिन में बंद करने को कहा, और बैंक ऑफ अमेरिका ने उनके 1 बिलियन डॉलर जमा करने से मना कर दिया। हालांकि, दोनों बैंकों ने इन आरोपों को खारिज किया है।
कांग्रेस में “फेयर एक्सेस टू बैंकिंग एक्ट” नाम का एक बिल फिर से पेश किया गया है, जो बैंकों को निष्पक्ष सेवाएं न देने पर कुछ ऋण कार्यक्रमों से रोकता है। ट्रम्प ने एक और आदेश भी जारी किया, जिससे रिटायरमेंट खातों में क्रिप्टोकरेंसी और रियल एस्टेट जैसी परिसंपत्तियों तक पहुंच आसान होगी।